ननद दृष्टि के साथ बौंडिंग वही ननदभाभी वाली है या फिर दोस्त जैसी?

वह मेरी ननद बाद में बनी हैं. हम दोस्त पहले से थे. इंडस्ट्री में हमारी ऐंट्री लगभग साथ हुई है. उस ने शुरुआत ऐड से की थी. मैं ने शो पहले साइन किया, इसलिए मैं टीवी शोज में पहले आ गई थी. हमारी बौंडिंग तो पहले से ही काफी अच्छी है. अब हम एकदूसरे के साथ अपने काम से ज्यादा परिवार और बच्चों के बारे में बातें करती हैं. ननदभाभी वाला रिश्ता है, लेकिन टशन वाला नहीं फ्रैंडशिप वाला.

शादी करने के बाद लाइफ में ट्विस्ट आया?

शादी करने तक तो ठीक था, लेकिन मां बनने के बाद जिंदगी बदल गई. अब मेरी दिनचर्या पूरी तरह बदल गई हैं. मां बनने का एहसास कितना सुखद होता है यह मैं ने मां बनकर ही जाना. हमारी शादी भी एक ट्विस्ट ही थी. हम लोग कई सालों से एकदूसरे को जानते थे. जब लगा कि इस दोस्ती को कोई नाम दे दिया जाए तो शादी कर ली. मेरी सासूमां बहुत अच्छी हैं. बेटे के जन्म के बाद उन्हीं ने मुझे दोबारा ऐक्टिंग में आने को प्रोत्साहित किया. वह कहती हैं कि अगर काम नहीं करोगी तो कोई आगे पहचानेगा नहीं.

क्या बड़ी उम्र की महिला और कम उम्र के लड़के की शादी संभव है?

जब इस शो ‘आप के आ जाने से’ की कहानी मेरे पास आई तो मैं भी सोच में पड़ गई. लेकिन कलाकार होने के नाते हमारा फर्ज है कि हम ऐसे विषयों को सामने लाएं. मुझे 42 साल की महिला का किरदार निभाना है. जिस की 15 साल की बेटी है और उसे 24 साल के लड़के से प्यार करना है. मैं ने एक कलाकार होने के नाते हां कर दी. लेकिन मेरी डांस टीचर का उदाहरण मेरे सामने था, जिन्होंने डायवोर्स के बाद जिस लड़के से शादी की थी उस से वे 12 साल बड़ी थीं.

हमारे समाज में सैकड़ों लोग होंगे जो समाज के डर से ऐसे रिश्ते को स्वीकारने से डरते हैं. मैं ने ऐसे भी कपल्स देखे हैं जो समान उम्र के होते हुए भी शादी को नहीं निभा पाते. इस से तो यही अच्छा है कि जिस से प्यार हो उसी से शादी की जाए. भले उम्र में कितना ही अंतर हो.

बौलीवुड जाने की जल्दी नहीं

2005 में ही ऐक्टिंग में अपना कैरियर बनाने वाली सुहासी ने बहुत हिंदी शोज किए हैं. लेकिन बौलीवुड के लिए वे अभी भी उत्साहित नहीं हैं. उन का कहना है कि उन्हें यहां काफी पहचान मिल रही है फिल्मों में जा कर कहीं भीड़ में न खो जाऊं.

ऐक्ट्रैस न होती तो डांसर होती

मैं ने बचपन से अपनी मम्मी को ऐक्टिंग करते हुए देखा है, उन्होंने गुजराती और हिंदी थिएटर के साथसाथ टीवी के लिए भी काम किया है. ऐसा नहीं है कि मैं उन्हीं की वजह से ऐक्टिंग में आई. मैं तो डांस के लिए पागल थी. जब ऐक्टिंग की तो मुझे मजा आया. फिर तो मैं पूरी तरह से इसी में रम गई.

मैच्योर दिखना बड़ी चुनौती है

42 साल की महिला का किरदार निभाने का औफर मिलने पर सुहासी सोच में पड़ गईं. वे कहती हैं, ‘‘सिंगल मदर की भूमिका की प्रेरणा मुझे अपनी नानी से मिली है, क्योंकि उन्होंने जिंदगी अकेले रह कर बिताई है. मैं हर शौट करने से पहले तुरंत उन के जीवन को याद कर लेती थी.’’

कंपीटिशन की भावना कभी नहीं रही

सुहासी का अफेयर ऐक्ट्रैस दृष्टि धामी के भाई जयशील के साथ रहा. बाद में दोनों ने शादी कर ली. सुहासी कहती हैं, ‘‘जयशील प्रोफैशनल आईटी इंजीनियर हैं. हम दोनों ने कभी एकदूसरे के प्रोफैशन में टांग नहीं अड़ाई. मेरा और मेरी ननद का प्रोफैशन सेम है, लेकिन हम लोगों में कंपीटिशन जैसी भावना कभी नहीं रही है.’’

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