टीवी धारावाहिक ‘जमीन आसमान’ से कैरियर की शुरुआत करने वाली निर्देशक और लेखिका तनुजा चंद्रा मुंबई की हैं. क्रिएटिव परिवार में जन्मी तनुजा को बचपन से ही इस क्षेत्र में जाने की इच्छा थी. स्वभाव से नम्र और हंसमुख तनुजा की मां कामना चंद्रा फिल्म राइटर हैं. लेखक के रूप में फिल्म ‘दिल तो पागल है’ तनुजा के कैरियर की सबसे सफलतम फिल्म है. उन्होंने हमेशा महिला प्रधान फिल्में बनायीं और सफल रहीं, मसलन जख्म, संघर्ष, दुश्मन आदि. रोमांटिक कौमेडी फिल्म ‘करीब-करीब सिंगल’ उनकी एक अलग प्रयास थी, जिसमें भी उन्हें सफलता मिली. उनके हिसाब से फिल्म इंडस्ट्री में महिला लेखकों की कमी है, जिसे बढ़ावा देना चाहिए और इसी प्रयास में वे फर्स्ट स्टेप एंटरटेनमेंट कैपिटल द्वारा ‘राइटर्स लाउन्ज’ के उद्घाटन पर मिली. बात हुई, पेश है अंश.
इस लाउंज से जुड़ने की वजह क्या है?
मैं घर पर लिखती हूं, लेकिन कई बार ऐसा महसूस होता है कि कहीं बाहर जाकर, जगह बदलूं, इससे दिमाग और शरीर में एक फुर्ती सी आ जाती है. इसके अलावा लेखक को कभी भी इंडस्ट्री में उतना महत्व नहीं दिया जाता, जितना देना चाहिए. जबकि कहानी और स्क्रिप्ट किसी फिल्म को सफल बनाने में अहम् होते है. ऐसे में इस तरह के लाउंज के होने से राइटर्स बैठकर एक दूसरे की भावनाओं को शेयर कर सकते हैं, अपनी क्रिएटिविटी को निखार सकते हैं. साथ ही नए लेखकों को भी मेन स्ट्रीम में जुड़ने का अवसर यहां मिलेगा और एक अच्छी कहानी फिल्म को मिल सकेगी.
लेखन के क्षेत्र में आने की प्रेरणा कहां से मिली?