पत्रकार से फिल्म निर्देशक बने अजय आनंद अब तक ‘‘लंगड़ा राज कुमार’’ तथा ‘‘अपना अमिताभ तो सुपर हिट है’’ जैसी मकसदपूर्ण फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं. वह अपनी हर फिल्म में समाज से जुड़े मुद्दों को ही उठाते हैं. अब अजय आनंद औरतों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर बतौर निर्देशक फिल्म ‘‘जाएं तो कहां जाएं’’ लेकर आ रहे हैं.
महिलाओं की सुरक्षा और यौन उत्पीड़न की बात करने वाली इस फिल्म में इस बात को रेखांकित किया गया है कि महिलाएं देश में कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं. ऐसे में वह कहां जाएं?
‘‘स्लम डौग इंटरटेनमेंट’’ के बैनर तले बन रही फिल्म ‘‘जाएं तो कहां जाएं’’ की दस दिन की लगातार शूटिंग करने के बाद अजय आनंद कहते हैं - ‘‘हम अपनी इस फिल्म के माध्यम से महिलाओं के साथ हो रहे यौन उत्पीड़न, छेड़खानी और उनकी सुरक्षा को लेकर बहुत बड़ा संदेश देने जा रहे हैं. हम इस फिल्म को विश्व के सभी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भी ले जाने की योजना पर काम कर रहे हैं. क्योंकि औरतों की सुरक्षा का मसला पूरे विश्व में चिंता का विषय बना हुआ है. पर हमने इस मकसदपूर्ण फिल्म में एक अति खूबसूरत प्रेम कहानी भी पिरोयी है, जो कि हर इंसान का मनोरंजन भी करेगी.’’
फिल्म ‘‘जाएं तो कहां जाएं’’ को अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं - मशहूर मौडल रंजना सिंह, हरिशंकर पौल, अवधेश कुमार व जेदवी आनंद. फिल्म के कैमरामैन जीतू विष्णु तोलानी, कार्यकारी निर्माता व कास्ट्यूम डिजायनर जेदवी आनंद हैं.