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दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी को लेकर निर्देशक राम गोपाल वर्मा ने कई खुलासे किया हैं. ‘ग्रेट रौबरी’, ‘गोविंदा गोविंदा’ और ‘हैरान’ जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके राम गोपाल वर्मा का कहना है कि श्रीदेवी बहुत नाखुश महिला थीं. अक्सर ऐसा देखने में आता है कि किसी भी व्यक्ति का जीवन उसे देखने वाले की सोच से बिल्कुल उल्टा होता है, श्रीदेवी का जीवन इसका जीता जागता उदाहरण था.
श्रीदेवी (54) का निधन शनिवार (24 फरवरी 2018) को दुबई में एक होटेल के बाथरूम में हो गया था. पौस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मृत्यु दुर्घटनावश बाथटब में गिरकर डूबने से हुई है. निर्देशक ने निजी विचार लिखते हुए कहा कि श्रीदेवी देश की सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली महिला और सबसे बड़ी सुपरस्टार थीं, लेकिन यह कहानी का सिर्फ एक हिस्सा है. वर्मा ने लिखा, ‘बहुतों के लिए श्रीदेवी का जीवन परिपूर्ण था. सुंदर चेहरा, महान प्रतिभा, देश की सबसे बड़ी स्टार और दो सुंदर बेटियों के साथ दूर से आदर्श दिखता उनका परिवार. दूर से यह सब देखकर लोग इस जीवन के सपने देख सकते हैं, इससे ईर्ष्या कर सकते हैं, लेकिन क्या श्रीदेवी बहुत खुश इंसान थीं और क्या वह एक खुशनुमा जिंदगी जी रही थीं?’
वर्मा ने कहा कि ‘इंग्लिश विंग्लिश’ की हल्की चमक को छोड़ दें तो श्रीदेवी बहुत नाखुश जिंदगी जी रही थीं. उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ देखा था और बहुत कम उम्र में फिल्मी सफर शुरू करने के कारण जिंदगी ने उन्हें सामान्य गति से बढ़ने का वक्त कभी नहीं दिया. राम गोपाल वर्मा ने सवाल करते हुए कहा, ‘बाहरी शांति से ज्यादा उनकी मानसिक अवस्था ज्यादा चिंतनीय थी.
निर्देशक ने कहा, उन्हें बहुत कम उम्र से प्रसिद्धि का स्वाद मिल गया था, जिसने उन्हें कभी आत्मनिर्भर होने का मौका नहीं दिया और वह नहीं बनने दिया जो वह वास्तव में बन सकती थीं या बनना चाहती थीं. वह कैमरे के सामने ही नहीं कैमरे के पीछे भी अभिनय कर रही थीं. श्रीदेवी अंदर ही अंदर जिस दर्द को जी रही थीं, मैं उस दर्द को उनकी आंखों में देख सकता था, क्योंकि वह वास्तव में महिला के शरीर में कैद एक बच्ची थीं. एक इंसान के तौर पर वह निष्कपट थीं और अपने कड़वे अनुभवों के कारण वहमी भी.
वर्मा कहते हैं कि वह श्रीदेवी को तब से जानते हैं, जब वह अपनी पहली फिल्म ‘क्षण क्षणम’ के लिए उनसे मिली थीं. फिल्म निर्माताओं के लिए श्रीदेवी हमेशा बहुत शर्मीली, असुरक्षित महसूस करने वाली और कम आत्मविश्वास वाली अदाकारा थीं. उन्होंने लिखा, ‘मैंने अपनी आंखों से देखा था कि उनके पिता की मृत्यु तक उनका जीवन आकाश के एक पक्षी की तरह था और उसके बाद उनकी ओवर प्रोटेक्टिव मां के कारण उनका जीवन पिंजड़े में बंद पंक्षी की तरह हो गया. कई लोगों के लिए वह सबसे सुंदर महिला थीं, लेकिन क्या वह सोचती थीं वह सुंदर हैं?’
उन्होंने कहा, ‘वह अपनी बेटियों के लिए चिंतित थीं. बावजूद कि उनकी बड़ी बेटी फिल्म धड़क से बौलिवुड में कदम रखने जा रही हैं और बौलीवुड छोटी बेटी को भी अपना लेगा. उन्होंने कहा, ‘मैं सामान्य तौर पर किसी की मृत्यु के बाद यह नहीं कहता कि आपकी आत्मा को शांति मिले, लेकिन उनके मामले में मैं वास्तव में यह कहना चाहता हूं, क्योंकि मुझे पूरा विश्वास है कि जिंदगी में पहली बार उनको शांति मिली होगी.’