बौलीवुड की मशहूर अदाकारा श्रीदेवी को काल ने शनिवार, 24 फरवरी रात डेढ़ बजे, दुबई में अपने पास बुला लिया, मगर उनकी जिंदगी के साथ कई इत्तफाक जुड़े हुए थे, जो कि उनके परिवार से जुड़े हर शख्स को याद रहेंगे.
श्रीदेवी ने अभिनय के क्षेत्र में अपने पिता की अनिच्छा के बावजूद एक अजीबोगरीब इत्तफाक के साथ कदम रखा था और जिस दिन उनके पिता की मौत हुई थीउस दिन वह अपनी एक फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थीं. खुद श्रीदेवी ने हमसे बात करते हुए इस बात का दुःखी मन से जिक्र किया था. श्रीदेवी ने बताया था. ‘‘मैं अपने पिता की मौत को कभी नहीं भुला सकती. जिस दिन मेरे पिता की मौत हुई, उस दिन मैं फिल्म‘‘लम्हें’’ की शूटिंग कर रही थी. मैंने उनसे कुछ समय पहले ही फोन पर लंबी चौड़ी बात की थी, पर मुझे यह दुःख हमेशा सताता रहता है कि जिस वक्त उनकी मौत हुई, उस वक्त मैं उनके पास नहीं थी. काश! मैं उस वक्त उनके पास होती.
अब इसे भी हम तकदीर की बात कह सकते हैं. मेरे पिता ने मुझे बहुत प्यार दिया. मैं पूरी जिंदगी उनके बहुत करीब थी. उन्होंने मुझे बहुत सिखाया था. मेरे पिता कि मेरे दिलों दिमाग में बहुत खूबसूरत यादें हैं. जिन्हें कोई छीन नहीं सकता. मैं उन्हें कभी भुला नहीं सकती. ’’
और अब इसे इत्तफाक कहें या इतिहास का दोहराव कहें कि श्रीदेवी ने अपनी बेटी जान्हवी कपूर को अनिच्छा के साथ बौलीवुड से जुड़ने की इजाजत दी थी और अब जबकि दुबई में श्रीदेवी का हृदय गति रूकने से निधन हुआ, तो श्रीदेवी की बेटी जान्हवी कपूर भी उनके पास नहीं थी, बल्कि जान्हवी कपूर मुंबई में अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थीं.