कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो फिल्म इंडस्ट्री में स्टार किड्स चल नहीं पाए हैं. शुरू की एकदो फिल्मों में उन के नाम का हल्ला जरूर रहता है पर कुछ समय बाद वे गायब से हो जाते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि उन में जिस तरह की स्किल्स चाहिए होती हैं वे कैटर नहीं कर पाते.
बौलीवुड व नैपोटिजम का एक उदाहरण इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते देखा जा रहा है. अपने डायरैक्शन के खास स्टाइल के लिए जानी जाने वाली जोया अख्तर ने ‘आर्चीज’ नाम से फिल्म बनाई, जिस में स्टार्स के बच्चों को एज ए रंगरूट भरती किया गया पर जैसे ही इस फिल्म और इस के ऐक्टर्स को ले कर सोशल मीडिया पर रिस्पौंस मिलने की गुंजाइश थी, वैसा ही हुआ.
फिल्म में नएनवेले ऐक्टर्स की एक्ंिटग को ले कर खूब मजे लिए गए. जो जैसा लताड़ सकता था उस ने वैसे लताड़ा. फिल्म के एक सीन में खुशी कपूर और सुहाना खान एक रैस्टोरैंट में बैठे होते हैं और बात कर रहे हैं जिस में सुहाना खान खुशी कपूर से माफी मांग रही होती है. उन के माफी मांगने वाले सीन में दोनों के ही फेस पर उन के एक्सप्रैशन उन के डायलौग से जरा भी मैच नहीं कर रहे होते.
एक और सीन है जिस में खुशी कहती है, ‘‘अगर हम ने आज यह पार्क जाने दिया तो एक भी पेड़ नहीं बचेगा.’’ यह डायलौग बोलते हुए खुशी सपाट लग रही होती है. उस से पेड़ शब्द भी सही से बोला नहीं जा रहा होता. जबकि फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले जोया अख्तर ने स्टारकिड्स को एक साल की ऐक्ंिटग वर्कशौप भी करवाई थी. लेकिन फिर भी इन की यह हालत बताती है कि इस पेशे में जबरन घुसपैठ करना खुद के आग में हाथ डालने जैसा है.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
- 2000+ फूड रेसिपीज
- 6000+ कहानियां
- 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
- 24 प्रिंट मैगजीन