गजोधर भईया और पुत्तन को लाइम लाइट में लाने वाले प्रसिद्ध कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव ने 58 वर्ष की उम्र में अलविदा कह गए. वे 10 अगस्त को कार्डियक अरेस्ट के बाद से एम्स में भर्ती थे. राजू श्रीवास्तव 58 साल के थे, उन्हें उस समय कार्डियक अरेस्ट आया था, जब वे दिल्ली के एक जिम में व्यायाम कर रहे थे. 41 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उन्होंने आखिर दम तोड़ दिया. इससे पूरी फिल्म इंडस्ट्री शोक में डूब गई है.
मिली प्रेरणा
राजू श्रीवास्तव का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में 25 दिसंबर 1963 को हुआ था. बचपन में उनका नाम सत्य प्रकाश श्रीवास्तव था. राजू को बचपन से ही मिमिक्री और कॉमेडी का शौक था. उन्हें ये प्रेरणा उनके पिता रमेश चन्द्र श्रीवास्तव से मिली थी, जो एक हास्य कवि थे.हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव का जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है. उन्होंने तंगहाली में ऑटो भी चलाया, लेकिन कभी उनका कविता प्रेम कम नहीं हुआ. कानपुर में वह बर्थडे पार्टी में भी कॉमेडी करते थे, जिसके एवज में 50 या 100 रुपये तक का इनाम भी मिलता था.शुरू में कॉमेडी के बलबूते परही वे कानपुर में प्रसिद्ध हुए औरइसके बाद वह मुंबई चले आये और मेहनत के बल पर अपनी एक अलग पहचान बनाई. जब भी उनसे मिलना हुआ, उन्होंने अपने बारें में खुलकर बातें की. उन्होंने वर्ष 1993 में अपनी प्रेमिका शिखा से शादी की और दो बच्चों के पिता बने.
किया हंसने पर मजबूर
उनकी कॉमेडी हमेशा सभी को हंसने पर मजबूर करती है, भले ही आज वे हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी कॉमेडी को लोग हमेशा सुनना पसंद करेंगे. कोविड 19 के समय उन्होंने अपने फ्लैट पर या दालान में अकेले बैठकर हमेशा कॉमेडी करते रहे, जिसे देखने पर हमेशा लगता रहा कि उनके आसपास कई लोग बैठे है और वे उनसे बातचीत कर रहे है, जबकि अकेले वे वहां कॉमेडी करते थे. उनकी हर बात में एक ह्युमर रहता था.