‘‘यशराज फिल्मस’’ से अपने अभिनय कैरियर की शुरूआत करने वाली अदाकारा वाणी कपूर की अपनी कोई पहचान नही बन पायी है.दस साल के अभिनय कैरियर में वह महज सात फिल्मों में अभिनय करते हुए नजर आयीं,जिनमें से लगभग सभी फिल्में सुपर फ्लाप रही. मगर वह दूसरों को सलाह देने में काफी आगे हैं.हाल ही में वाणी कपूर ने बौलीवुड के दिग्गज कलाकारों की अफसल होती फिल्मों का जिक्र छिड़ने पर कहा-‘‘बौलीवुड के हर कलाकार को चाहिए कि वह दो या तीन वर्ष में एक फिल्म किया करें,तो उनकी फिल्में सफल होंगी. अब वह हर वर्ष तीन चार फिल्में करेंगे तो उनकी फिल्म कैसे सफल होंगी.और इसी का नुकसान पूरे बौलीवुड को उठाना पड़ रहा है. मैं तो दो साल में एक फिल्म ही करना पसंद करती हॅूं.’’वाह क्या कहने...वाणी कपूर को अपने गिरेहमाबन मे झांक कर देखना चाहिए कि उनकी फिल्में कितनी सफल हो रही हैं. उन्हे फिल्में मिलती ही नही है. हर फिल्म में वह अपने जिस्म की नुमाइश करते हुए नजर आयी हैं.उनके अभिनय की कटु आलोचनाएं होती रही है. इसके बाद भी वह अपने आपको महान बताते हुए दूसरों को सलाह देने पर आमादा है.
35 वर्षीय अदाकारा वाणी कपूर ने 2013 में ‘यशराज फिल्मस’ की रोमांटिक कौमेडी फिल्म ‘‘शुद्ध देशी रोमांस’’ से अपने अभिनय कैरियर की शुरूआत की थी.फिल्म ठीक ठाक चली थी.इसके बाद वह 2014 में तमिल फिल्म ‘‘आहा कल्याणम’’ व 2016 में रणवीर सिंह के साथ फिल्म ‘‘बेफिक्रे’’ में नजर आयी.दोनो ही फिल्मों में उनके अभिनय की कटु अलोचनाएं हुई. उसके बाद 2019 में ‘वार’,2021 में ‘बेल ऑटम’ और ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ तथा 2022 में रणबीर कपूर के साथ ‘शमशेरा’ मे नजर आयी.इन फिल्मों ने बाक्स आफिस पर पानी तक नहीं मांगा.यानी कि दस वर्ष के अंदर वाणी कपूर ने सिर्फ सात फिल्में की.इनमें से चार फिल्में ‘यशराज फिल्मस ’ के बैनर की ही हैं और एक तमिल फिल्म है.अब आदित्य चोपड़ा किस वजह से वाणी कपूर पर मेहरबान रहे,यह तो वही जाने,मगर चार में से पहली फिल्म को नजरंदाज कर दें तो सभी फिल्में असफल रही है.बहरहाल,अब तो ‘यशराज फिल्मस’ ने भी वाणी कपूर से तोबा कर लिया है.