कोई भी इंसान यूं ही बड़ा नही बन जाता. बड़ा व सफल इंसान बनने के लिए इंसान के अंदर विनम्रता होनी चाहिए. दूसरो का सम्मान करना आना चाहिए.इसी के साथ अपने आत्म सम्मान को बरकरार रखते हुए अपने लिए उपयुक्त काम की तलाश और उसे पाने का प्रयास भी करना चाहिए.यदि आप किसी से काम मांगते हैं,तो उसमें कोई बुराई नही है.बशर्ते ऐसा करते समय आपके आत्मसम्मान को ठेस न पहुॅच रही हो.
आज 81 वर्ष की उम्र में भी अमिताभ बच्चन लगातार अभिनय कर रहे हैं.उन्हे सुपर स्टार से लेकर सदी का महानायक तक कई उपाधियों से नवाजा जा चुका है.वह पद्मश्री, पद्मभूषण,पद्मविभूषण,दादा साहेब फालके अर्वाड सहित कई पुरस्कार अपनी झोली में डाल चुके हैं.मगर यह सब उन्हे सहजता या आराम से नही मिला.यह सब पाने के पीछे उनकी अपनी मेहनत, इमानदारी,किसी भी फिल्म निर्देशक से काम मांगने में शर्म का ना होना,समय के अनुसार अपने आपको ढाल लेना भी रहा है. अमिताभ बच्चन ने 1969 में बौलीवुड में कदम रखा था.उनके 55 वर्ष के अभिनय कैरियर में कई पड़ाव आए. जब उनका अभिनय कैरियर उंचाईयों पर था,तब भी अमिताभ बच्चन अच्छे किरदार व अच्छी कहानी की तलाश में लगे रहते थे.और जब उन्हे पता चलता था कि कोई फिल्मकार किसी अच्छी कहानी पर काम कर रहा है,तो वह उसे फोन कर फिल्म से जुड़ने की इच्छा व्यक्त करने से पीछे नहीं रहते थे.
सन 2000 की बात है.उस वक्त तक मशहूर व सफलतम फिल्म निर्माता व निर्देशक सुनील दर्शन ‘इंतकाम’, ‘लुटेरे’, ‘अजय’ व ‘जानवर’ जैसी सफलतम फिल्में दे चुके थे. और अपनी नई फिल्म ‘‘एक रिश्ताः द बौंड आफ लव’’ पर काम कर रहे थे.पिता पुत्र के रिश्तों पर आधारित इस फिल्म में बेटे अजय कपूर के किरदार के लिए अक्षय कुमार को अनुबंधित कर चुके थे.पर व्यवसायी पिता विजय कपूर के किरदार के लिए वह कलाकार की तलाश में थे और किसी निर्णय पर नहीं पहुॅच पा रहे थे.