पांच वर्ष पहले 15 नवंबर 2013 को प्रदर्शित फिल्म ‘‘बाजीराव मस्तानी’’ के सेट पर शुरू हुई रणवीर सिंह भवनानी और दीपिका पादुकोण की प्रेम कहानी अंततः 15 नवंबर को अपने अंजाम तक पहुंच गयी, यह दोनों इटली के लेक कोमो के विला देल बालिबियानो में शादी के बंधन में बंध गए.
यूं तो इनकी शादी लगातार दो दिन 14 और 15 नवंबर को अलग अलग रीति रिवाजों से संपन्न हुई. 14 नवंबर को यह शादी कोंकणी रीति रिवाज से हुई थी, क्योंकि दीपिका पादुकोण का परिवार कोंकणी है और 15 नवंबर को सिंधी रीति रिवाज यानी कि अनंत कराज से शादी हुई, क्योंकि रणवीर सिंह भवनानी सिंधी हैं. सूत्रों के अनुसार ‘अनंत कारज’ पद्धति से शादी कराने के लिए अमृतसर से खास तौर पर पंडित इटली पहुचे थे. सूत्रों के अनुसार अमृतसर से पहुंचे पंडितों ने ही वहां पर एक गुरूद्वारा की आकृति तैयार की, जिसके अंदर यह रीति रिवाज संपन्न हुआ. 15 नवंबर की सुबह शुरू हुई रीति रिवाज से यह शादी शाम को खत्म हई.
रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण ने निजता के नाम पर मीडिया की पूरी तरह से अवहेलना करने के साथ साथ मेहमानों पर भी कई तरह की पाबंदियां लगा रखी थीं. मसलन-कोई भी मेहमान मोबाइल लेकर शादी स्थल पर नहीं पहुचेगा. रणवीर व दीपिका की इजाजत के बगैर कोई भी मेहमान शादी की तस्वीर मीडिया या सोशल मीडिया या किसी को भी नही देगा. 15 नवंबर की शाम साढ़े सात बजे रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट इंस्टाग्राम पर पहले अपनी सिंधी रीति रिवाज से हुई शादी की तस्वीरें पोस्ट कीं, उसके बाद वही तस्वीरें पत्रकारों को भेजी गयीं.
हर मेहमान को ‘ई इंवाइट’ भेजा गया था और शादी के स्थल पर प्रवेश ‘ई इंवाइट’ पर मौजूद क्यू आर कोर्ड को स्कैन करके दिया गया. रणवीर सिंह भी दूल्हा बनकर घोडे़ या बग्घी पर नहीं बल्कि सी प्लेन/समुद्री जहाज से पहुंचे. कोस्टा दिओ रिसोर्ट से शादी के स्थल पहुंचने के लिए मेहमानो को भी ‘यौट’ यानी कि समुद्री नाव का ही सहारा लेना पड़ा. इसके लिए दस यौट रखे गए थे. शादी में केक भी काटा गया, जिसके लिए स्विटजरलैंड से शेफ को बुलाया गया था. शादी के अवसर पर पहने गए गहनों का पहले से ही बीमा करवाया गया था. पूरे विला को दस हजार फूलों से सजाया गया था.
सूत्र कोकणी शादी के दिन की कोई भी बात नहीं बता पा रहे हैं. मगर 15 नवंबर को ‘अनंत कारज’ के रीति रिवाज की शादी को लेकर सूत्र कई तरह की जानकारी देते हैं. सूत्रों के अनुसार 15 नवंबर की सुबह बारात निकली और रणवीर सिंह ने खुद ‘तम्मा तम्मा’, ‘माई नेम इज लखन’, ‘तूने मारी’ जैसे गानों पर नृत्य किया. 15 नवंबर को मेहमानों को भोजन में सिंधी भोजन परोसा गया, जिसमें दाल पकवान, कोकी और सेव बर्फी का समावेश था.
शादी दो रीति रिवाजों से हुई, इसलिए दीपिका पादुकोण ने फैशन डिजायनर सव्यसाची द्वारा तैयार की गयी अलग अलग पोशाकें पहनीं. 14 नवंबर को कोंकणी रीति रिवाज की शादी के वक्त दीपिका पादुकोण ने साड़ी पहनी थी. जबकि 15 नवंबर को सिंधी रीति रिवाज से शादी के वक्त दीपिका पादुकोण ने फैशन डिजायनर सव्यसाची द्वारा तैयार किया गया लाल रंग का लहंगा और रणवीर सिंह ने कांजीवरम शेरवानी पहन रखी थी. गहनों में दीपिका ने रीगल जड़ाउ नेकलेस पहना. सूत्रों की मानें तो इस अवसर पर दोनों के पारिवारिक सदस्यों ने भी सव्यसाची द्वारा तैयार किए गए कपड़े ही पहने.
28 नवंबर को मुंबई के पांच सितारा होटल में रिसेप्शन पार्टी का आयोजन होगा, जिसमें मेहमानों को उपहार लेकर आने से मना किया गया, वह जो कुछ उपहार देना चाहते हैं, उसे चैरिटी करने को कहा गया.
इस तरह रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण दो अलग अलग रीति रिवाजों से शादी कर बंधन में बंध गए. पर बौलीवुड का एक तबका सवाल उठा रहा है कि सिंधी रीति रिवाज की तस्वीरें मीडिया को दी गयीं, पर कोंकणी रीति रिवाज की तस्वीरे क्यों नहीं दी जा रही हैं?