हिमांशु किशन मेहरा और अली अब्बास ज़फर द्वारा निर्मित और अली अब्बास ज़फर द्वारा निर्देशित, इस 9 भाग के सीरिज ‘तां मैं सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, तिग्मांशु धूलिया और सुनील ग्रोवर की अहम भूमिकाएं हैं.”तांडव” का प्रीमियर 15 जनवरी 2021 को अमेजन प्राइम वीडियो पर होगा

डिंपल कपाड़िया अमेजॉन प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ‘तांडव’ शेख डिजिटल माध्यम पर कदम रखने जा रही हैं, इस वेब सीरीज का प्रसारण 15 जनवरी से शुरू होगा. इस वेब सीरीज में सैफ अली खान, जीशान अयूब और सुनील ग्रोवर ऐसे के किरदारों मैं नजर आने वाले हैं, जिन किरदारों में अब तक दर्शकों ने इन्हें नहीं देखा है.

अमेज़न प्राइम वीडियो ने नए वर्ष का आगाज अपनी मौलिक वेब सीरीज तांडव के एक शानदार और प्रभावशाली टीज़र के बाद अब ट्रेलर का अनावरण करके किया हैं. हिमांशु किशन मेहरा और अली अब्बास ज़फर द्वारा निर्मित और अली अब्बास ज़फर द्वारा निर्देशित है . अली अब्बास जफर इस वेब सीरीज डिजिटल निर्देशन में अपना पहला कदम रख रहे हैं. गौरव सोलंकी लिखित इस वेब सीरीज में सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, सुनील ग्रोवर, तिग्मांशु धूलिया, डीनो मोरिया, कुमुद मिश्रा, गौहर खान, अमायरा दस्तूर , मोहम्मद जीशान अयूब, कृतिका कामरा, सारा जेन डायस, संध्या मृदुल, अनूप, परेश पाहुजा और शोनाली नागरानी के साथ कुछ अन्य कलाकार भी इसमें शामिल हैं.

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अली अब्बास जफर के साथ, डिंपल कपाड़िया और कृतिका कामरा भी ‘तांडव’ से डिजिटल डेब्यू कर रही हैं.

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की राजधानी में स्थापित यह वेब सीरीज सीरिज दर्शकों को अराजकता की एक अंधेरी दुनिया की गलियों में ले जाएगी और उन लोगों के काले कारनामों को उजागर करेगी. इस काल्पनिक वेब सीरिज मैं दर्शन देखेंगे कि लोग किस तरह सत्ता की लालच में गहराई तक खो जाते हैं.

‘तांडव’ में अपने केदार का जिक्र करते हुए सैफ अली खान ने कहा, “भारत के मनोरंजन जगत ने फिर से बदलाव के युग में प्रवेश किया है और ‘तांडव’ जैसी कहानियां इस बदलाव में आगे बढ़ रही हैं. एक अभिनेता के रूप में, मेरे लिए इसका लेखन और आकर्षक विशेषताओं का निर्माण, जिसमे ग्रे शेड की भूमिका अधिक महत्व रखती है.जब मैंने अपने समर के इस चरित्र की पेचीदगियों के बारे में पढ़ा और तांडव की दुनिया में गहरी पैठ बनाई, तो मुझे एहसास हुआ कि मुझे इस व्यक्तित्व को कैसे अपनाना है. ”

अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया ने कहा, “तांडव एक राजनीतिक थ्रिलर है.यह एक काल्पनिक कहानी है, जो शायद आपको पर्दे के पीछे की राजनीति और देश में सत्ता की गलियों में क्या चल रही है, इसकी स्पष्ट जानकारी देती है. मैंने इसमें अनुराधा की ऐसी भूमिका की है ,जिसे मैंने पहले कभी नहीं निभाया है. मुझे खुशी है कि मैंने अपने साथियों के साथ इस काम के साथ डिजिटल शुरुआत भी की है इसमें प्रत्येक चरित्र की भूमिका के एक से अधिक शेड हैं और मुझे उम्मीद है कि यह सीरिज दर्शकों को जोड कर रखेगी. ”

जबकि सुनील ग्रोवर ने कहा, “तांडव में मुझे साड़ी पहने और हंसते हुए नहीं देखा जाए गा. मैंने इसमें गुरपाल का किरदार निभाया है.गुरपाल एक सर्वांगीण व्यक्तित्व है और मैंने ऐसी भूमिका पहले कभी नहीं निभाई है. अली के साथ काम करने से पहले, मुझे पता था कि तांडव एक आकर्षक कहानी है और साथसाथ यह दिलचस्प भी है. अली ने एक ऐसी दुनिया बनाई है, जो दर्शकों को लुभाती है और उन्होंने मुझे वह भूमिका दी है जिसका इंतजार एक हर कलाकार को होता है. स्वाभाविक रूप से मैंने इस भूमिका के लिए हां कहा और सैफ, डिंपल जी जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों के साथ काम करना मेरे लिए यह एक बोनस कम नही था.”

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वेब सीरीज ‘तांडव’ का सारांश:

प्रमुख राजनीतिक दल के करिश्माई नेता समर प्रताप (सैफ अली खान) को लगता है कि उनकी पार्टी (लोकसभा) चुनाव जीतने के बाद वह प्रधान मंत्री का पद हासिल करने के लिए तैयार हैं.लेकिन समर के पिता, पार्टी प्रमुख और प्रधानमंत्री देवकी नंदन (तिग्मांशु धूलिया) रिटायर होने के लिए तैयार नहीं हैं. अनुराधा, (डिंपल कपाड़िया), पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल दास (कुमुद मिश्रा) देवकीनंदन के करीबी हैं और कई नेताओं में से एक हैं जो खुद को कुर्सी के योग्य मानते हैं. लेकिन किसी को भी आसानी से कुर्सी नहीं मिलती. इसके साथ साथ ही एक समानांतर कहानी चलती है, जिसमें कैंपस एक्टिविस्ट शिवाजी (जीशान अयूब), जो युवाओं के लिए एक आदर्श है, वह एक राजनीतिक कार्यक्रम में रात भर में ही युवाओं के लिए एक रोल मॉडल बन जाता हैं. शिव बदलाव लाना चाहते हैं, युवाओं को दिशा देना चाहता हैं और राजनीतिक सत्ता के स्तंभों को उखाड़ फेंकना चाहता हैं. शिव सत्ता के स्वाद को समझता हैं. वर्तमान राष्ट्रीय राजनीति और कैंपस की राजनीति आमने-सामने आने पर शिव और समर प्रताप का जीवन अंतरंग हो जाता है. इसमें, घटनाओं की एक श्रृंखला की तरह राजनीति होती है और सभी रिश्तों में धोखाधड़ी, योजनाबद्ध साजिशों, प्रलोभनों, अति-महत्वाकांक्षाओं और हिंसा को उजागर करती है.

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