मौडलिंग से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली उर्वशी रौतेला 17 साल की उम्र में ही मिस यूनिवर्स इंडिया का खिताब अपने नाम कर लिया था. साल 2011 में वह मिस टूरिज्म का ख़िताब और मिस एशियन सुपर मौडल का अवार्ड भी अपने नाम कर चुकी है. इसके बाद वह इंडस्ट्री में आई और कई फिल्में की. हंसमुख और विनम्र स्वभाव की उर्वशी को हर नया किरदार करना पसंद है. उत्तराखंड की उर्वशी को दीवाली का त्यौहार बहुत पसंद है और हर साल इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मनाना पसंद करती है. आइये जाने कैसे मनाती है उर्वशी दीवाली.
सवाल- आप दीवाली किस तरह मनाती है?
मेरे लिये दीवाली का मतबल परिवार के साथ समय बिताना है. मैं उत्तराखंड की रहने वाली हूं और दीवाली से जुड़ी मेरी सबसे अच्छी बात मेरे परिवार और शहर से जुड़ना है. इस साल भी मैंने ऐसा ही करने के बारे में सोचा है. इस बात से मैं बहुत ही उत्सुक हूं,क्योंकि पहाड़ पर जाऊंगी और ताजी हवा में सांस ले सकूंगी और अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण ढंग से दीवाली मना सकूंगी. वास्तविक जीवन में मैं बहुत प्राइवेट पर्सन हूं. मैं छोटी-छोटी चीजों में खुशियां ढूंढ लेती हूं. मेरी कुछ बेहद अच्छी यादें दीवाली की है, लेकिन मैंने बचपन में दीवाली के त्यौहार में ढेर सारी पागलपंती की है. तब मैं खूब सारे पटाखे जलाया करती थी, मिठाइयाँ खाती थी. परिवार के सभी लोग इकठ्ठा होते थे और मेरी मां उस दिन स्वदिष्ट खाना बनाया करती थी. हम सब उसका आनंद लेते थे. दीवाली की सबसे पागलपंती वाली घटना मुझे याद आती है, जब मैंने उत्सुकता से एक राकेट अपने हाथ में ही फोड़ लिया था. मुझे पता नहीं था कि मैंने ऐसा क्यों किया था. अब मैं बिना आवाज और प्रदुषण के दीवाली मनाने की बहुत बड़ी समथर्क हूं और इस बात को दिल से भी मानती हूं. छोटे शहर में दीवाली का अर्थ एक दूसरे से मिलना होता है, जो मुंबई में नहीं है, लेकिन जब आप अपने करीब के लोगों के साथ होते है, तो यह खास बन जाता है. इसके अलावा इस त्यौहार से पहले नए ड्रेस खरीदना और घूमना भी अच्छा लगता था.