2006 में मराठी भाषा की फिल्म “डोंबिवली फास्ट’ निर्देशित कर राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले निर्देशक अभिनेता निशिकांत कामत “लीवर सिरोसिस” की गंभीर बीमारी की वजह से हैदराबाद के “एशियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी” यानी “एआईजी” अस्पताल में 31 जुलाई से भर्ती थे, जहां पर उन्होंने सोमवार 17 अगस्त की शाम अंतिम सांस ली. यूं तो सोमवार की दोपहर 12 बजे के आसपास सोशल मीडिया और कुछ अखबारों में भी खबर छप गई थी कि निशिकांत कामत  का देहांत हो गया है. मगर जल्द ही अभिनेता शरद केलकर व रितेश  देशमुख ने ट्वीट करके जानकारी दी थी कि वह भी जीवित हैं और वेंटिलेटर पर हैं. इतना ही नहीं हैदराबाद के आईजी अस्पताल ने भी निशिकांत कामत के स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए कहा कि उनका उनकी हालत गंभीर है ,मगर वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं और अभी डॉक्टर उन्हें बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. मगर अफसोस शाम चार बजकर  24 मिनट पर उनका देहांत हो गया.अस्पताल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी पुष्टि की. इसके अलावा इस बार इस बात की पुष्टि निशिकांत के दोस्त और अभिनेता रितेश देशमुख ने ट्विटर पर की. उन्होंने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, “मुझे तुम्हारी बहुत याद आएगी दोस्त निशिकांत कामत.आपकी आत्मा को शांति मिले.”

पचास वर्षीय निशिकांत कामत को  पीलिया और पेट से जुड़ी एक बीमारी की शिकायत के बाद हैदराबाद के एआईजी अस्पताल में 31 जुलाई को भर्ती करवाया गया था. जहां जांच करने पर पता चला कि वह लीवर सिरोसिस नामक गंभीर बीमारी के साथ ही कुछ अन्य इन्फैक्शन्स से जूझ रहे हैं. उनकी सेहत पर स्पेशलिस्ट डॉक्टर लगातार निगरानी बनाए हुए थे, मगर अफसोस डॉक्टर अपने अथक प्रयासों के बावजूद निशिकांत कामत को बचा  न सके.

अजय देवगन ने ट्विटर पर लिखा – “निशिकांत के साथ मेरी इक्वेशन दृश्यम तक सीमित नहीं थी, जो कि उन्होंने तब्बू और मेरे साथ डायरेक्ट की थी. यह ऐसा एसोसिएशन था, जो मुझे हमेशा प्यारा रहा. वे ब्राइट थे और हमेशा स्माइल करते रहते थे. बहुत जल्दी चले गए.”

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मराठी भाषा की फिल्म “डोंबिवली फास्ट” के बाद निशिकांत कामत ने जॉन अब्राहम के साथ “रॉकी हैंडसम” और “फोर्स ” जैसी फ़िल्में निर्देशित की. इसके बाद निशिकांत कामत नेने अजय देवगन और तब्बू को लेकर हिंदी भाषा की फिल्म “दृश्यम” का निर्देशन किया था ,जिसे काफी शोहरत मिली थी. निशिकांत कामत की दिली तमन्ना थी कि वह एक फिल्म में अमिताभ बच्चन को निर्देशित करें, मगर अफसोस उनका यह सपना पूरा होता , उससे पहले ही मौत ने  उन्हें अपनी आगोश में समेट लिया. यह कटु सत्य है. एक बार निशिकांत कामत ने मुझसे कहा था-” मेरी एक ही तमन्ना है कि मैं एक फिल्म में अमिताभ बच्चन जी को निर्देशित करूं. अमिताभ बच्चन मेरे बचपन के आदर्श हैं.”

जब निशिकांत कामत ने खुद को ही निर्देशित किया

हिंदी,तमिल और मराठी भाषा की नौ फिल्मों का निर्देशन करने के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्देशक निशिकांत कामत ने पहली बार फिल्म ‘‘राकी हैंडसम’’ में विलेन का किरदार निभाकर अभिनय करते हुए नजर आए थे. मजेदार बात यह है कि फिल्म ” रॉकी हैंडसम” का निर्देशन भी निशिकांत कामत ने किया है. एक्शन थ्रिलर फिल्म ‘‘राॅकी हैंडसम’’, 2010 की चर्चित कोरियन फिल्म‘‘द मैन फ्राम नो व्हेअर’’का भारतीय करण है.‘‘राॅकी हैंडसम’’के निर्माता जाॅन अब्राहम हैं, जिसका लेखन व निर्देशन निशिकांत कामत ने किया था. इस फिल्म में जाॅन अब्राहम और श्रुति हासन की मुख्य भूमिका है.जबकि फिल्म में गोवन केविन परेरा के खलनायक वाले किरदार मैं निशिकांत कामत खुद नजर आए, जिसके लिए उन्होने अपने बाल भी मुडवाए थे. इस संदर्भ में मुझ से बातचीत करते हुए निशिकांत का कामत ने कहा था-‘‘मैं अभिनय करना पसंद करता हूं.मगर खुद के निर्देशन में अभिनय करने को लेकर मैं हमेशा डरता रहा हूं.इतना ही नहीं अभिनय करना और खुद को निर्देशित करना आसान नहीं होता है.इस बार सेट पर केविन परेरा का किरदार निभाने वाले कलाकार के न पहुॅचने की वजह से मुझे इस किरदार को निभाना पड़ा.और मुझे उन चमकीले कपड़ों को पहनने का मौका मिला,जिन्हे आमतौर पर मैं निजी जिंदगी में नहीं पहनता हू.मैंने ही पटकथा लिखी थी,इसलिए किरदार के बारे में जानता था.मैं गोवा में तीन साल रह चुका हॅूं,इसलिए मैं गोवन के कुछ शब्दों से भी परिचित था,जिन्हे केविन परेरा को बोलना था.पर अब फिर से ऐसा नहीं करुंगा.”

डोंबिवली फास्ट के बाद दृश्यम ने बनाया स्टार निर्देशक

निशिकांत कामत बहुभाषी निर्देशक थे, उन्होंने मराठी, हिंदी व तमिल भाषाओं की फिल्में भी निर्देशित की थी. जब उन्होंने मलयालम भाषा की चर्चित फिल्म “दृश्यम” को हिंदी में अजय देवगन और तब्बू के साथ रीमेक किया था. तब धड़कनों का रेट फोटो दीपेश उन्होंने मुझसे कहा था-“मुझे इसकी स्क्रिप्ट अच्छी लगी.दूसरी बात दक्षिण भारतीय फिल्मों के हिंदी में और हिंदी फिल्मों के दक्षिण में रीमेक तो  कई दशकों से बनते आ रहे हैं.मेरी जानकारी के अनुसार यह सिलसिला पिछले चालीस वर्षों से चला आ रहा है.यानी कि रीमेक का दौर तो चलता रहा है. हां! “दृश्यम” का हिंदी में रीमेक करने की एकमात्र वजह इसकी स्क्रिप्ट रही.मैने यह नहीं सोचा कि मुझे रीमेक करना है. हमने इसे हिंदी में बनाते समय इस बात पर गौर किया कि इस फिल्म के साथ पूरे देश के दर्शक रिलेट कर सकें.यह सोचते हुए हमने सबसे पहले इसे गोवा और वह भी गांव वाले गोवा में कहानी को लेकर गए.उसके बाद किरदार का नाम बदलकर विजय सालगांवकर किया.फिर कुछ दूसरे आवश्यक बदलाव किए है.पर कहानी की आत्मा वही है.यह एक आम इंसान और उसके परिवार की कहानी है.हमें यह याद राना चाहिए कि हर फिल्म को लेकर निर्देशक का अपना एक वीजन होता है.तो हमने इसे अपने वीजन के साथ बनाया है.”

निशिकांत निर्देशित फिल्म “दृश्यम” उस वक्त की सर्वाधिक विवादास्पद फिल्म थी. यह फिल्म मूलतः  एक जापानी उपन्यास पर बनी फिल्म का रीमेक है.उसी उपन्यास पर एकता कपूर भी फिल्म बना रही थी, जिसमें सैफ अली काम कर रहे थे.वह नहीं चाहती थी कि ‘वाॅयकाॅम 18’इस पर फिल्म बनाए? इसका निशिकांत कामत ने कहा था ” आपकी बात सही है.विवाद चल रहे थे.पर मेरा उससे कोई लेना देना नहीं था.यह सारा मसला निर्माताओं के बीच का था.जो कुछ भी था,वह सब कुछ ‘वाॅयकाॅम 18’और ‘बालाजी फिल्मस’के बीच रहा.जिन दिनों यह विवाद चला था,उन दिनों मैं जाॅन अब्राहम के साथ एक दूसरी फिल्म की शूटिंग के लिए मुंबई से बाहर था.वैसे भी मैं किसी विवाद में नहीं पड़ता.मुझे जितना आता है,उतना ही करता हूं,अन्यथा यहीं अपने आफिस पर पड़ा रहता हूं. ”

हर फिल्म पहेली फिल्म

निशिकांत कामत के लिए बतौर निर्देशक हर हर फिल्म पाली फिल्म होती थी. इस संबंध में एक बार बात करते हुए खुद निशिकांत कामत ने मुझसे कहा था-” इंसान अनुभवों से ही सीखता है, पर मेरे लिए मेरी हर फिल्म पहली फिल्म होती है. मैं अपनी हर फिल्म को अपनी पिछली फिल्म से और बेहतर करने की कोशिश करता हूं.पटकथा पढ़ते ही समझ में आ जाता है कि किस दृश्य  को फिल्माना कठिन और किसे फिल्माना आसान होगा.”

मातृभाषा पर गर्व था

हिंदी के अलावा मराठी व तेलुगु भाषा की फिल्में  निर्देशित करते समय निर्देशक के तौर पर काम करने का तरीका बदलता है या नहीं? इस सवाल के जवाब मैं निशिकांत कामत ने मुझसे कहा  था-“भाषा बदलने से सिनेमा की तकनीक नहीं बदलती . हां अलग-अलग भाषा की फिल्में निर्देशित करने से हम उस भाषा के दर्शकों की रूचि का पता जरूर चलता है.इसके अलावा जिस भाषा से हम अनजान हैं, उसमें काम करने का अपना अलग आनंद और चुनौती होती है. मुझे चुनौतीपूर्ण काम करना बहुत पसंद है. मुझे यह स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं होता कि अब तक मेरे कैरियर को मराठी भाषा की फिल्मों से ऊंचाई मिली है, जो कि मेरी मातृभाषा है.”

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निशिकांत कामत सिर्फ एक बेहतरीन निर्देशक ही नहीं, बल्कि बेहतरीन अभिनेता भी थे. निशिकांत कामत  ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर पर अभिनय करते हुए की थी. फिर उन्होंने “भावेश जोशी सुपर हीरो” और “डैडी” जैसी कई फिल्मों में अभिनय किया .इतना ही नहीं हाल ही में ” जी5″ पर प्रसारित वेब सीरीज ” द फाइनल” के क्रिएटिव निर्माता थे. इन दिनों निशिकांत कामत अपनी नई फिल्म” दरबदर” पर काम कर रहे थे, जिसे  2022 में सिनेमाघरों में प्रदर्शित करने की उनकी योजना थी.

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