फिल्म ‘फुटपाथ’ से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता इमरान हाश्मी की अधिकतर फिल्में सफल रही हैं. वे बोल्ड अभिनय के लिए जाने जाते हैं, इसलिए उन्हें ‘सीरियल किसर’ भी कहा जाता है. इन दिनों वे अपनी इस इमेज से हटकर कुछ अलग करने की कोशिश कर रहे हैं. इस दिशा में वे फिल्म ‘व्हाई चीट इंडिया’ के निर्माता बनने के साथ ही अभिनय भी कर रहे हैं. फिल्म में उन्होंने शिक्षा प्रणाली की खामियों को दिखाने की कोशिश की है, जिसे सुधारने की जरुरत है. उनसे बातचीत हुई, पेश है अंश.
इस फिल्म को करने की वजह क्या है?
हमारी शिक्षा प्रणाली में बहुत बाधाएं हैं, जिसे सुधारने की जरुरत है. हमारी शिक्षा में प्रैक्टिकल नौलेज की बहुत कमी है. सरकार इस दिशा में कुछ नहीं करती. इसके अलावा मुझे पहले मालूम भी नहीं था कि हर राज्य में चीटिंग माफिया होती है, जो बिना प्रतिभा के आगे बढ़ जाती है और यही लोग बाद में डाक्टर और इंजिनियर भी बन जाते हैं. सिस्टम में बहुत बड़ी गलती है और इसमें क्रांति लाने की आवश्यकता है. ये समस्या केवल बच्चों को ही नहीं, माता-पिता और आगे आने वाली पीढ़ी के लिए भी है. मेरी इच्छा थी कि ऐसी बातों का खुलासा किया जाय, ताकि लोगों को सही जानकारी मिले और ऐसी फिल्म अब तक बनी भी नहीं है. ऐसे में जब ये स्क्रिप्ट मेरे पास आई तो इसमें अभिनय के साथ-साथ प्रोड्यूस करने की भी बात मेरे जहन में आई.
अभिनय के अलावा एक निर्माता बनने का अनुभव आपके लिए कैसा था?
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