‘लीप’ सीरियल्स का हिस्सा बनती रही है और औडियन्स के लिए यह बोर करते लंबे सीरियल में ताजगी भरी खुशबू की तरह होती है काफी लंबे समय से सीरियल अनुपमा ने दर्शकों पर अपनी पकड़ बना रखी है, जब उन्हें महसूस होने लगता है एपिसोड को जबरदस्ती खींचा जा रहा है, तो प्रोड्यूसर राजन शाही तुरंत कुछ बदलाव करते हैं.
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जल्दी ही सीरियल अनुपमा में इस तरह का बदलाव नजर आएगा. सीरियल में लीप आनेवाला है और इसका प्रोमो दर्शकों के सामने आ चुका है, सोमवार से दर्शक रुपाली गांगुली और एक्टटर गौरव ख्रन्ना को नए अवतार में देखेंगे .
महाएपिसोड, महालीप, महामिलन हथकंडे की क्या जरूरत
दशकों से सीरियल्स के प्रोड्यूसर्स अधिक टीआरपी वाले ड्रामाज को जबरदस्ती खींचने के लिए तरहतरह के हथकंडे अपने आते हैं, जिसमें महाएपिसोड, महाट्विस्ट, लीप शामिल है. यह काफी पहले ही साबित हो चुका है कि हिंदी सीरियल्स को देखना है, तो दिमाग को लीविंग रूम के सेंटर टेबल पर रख दो और केवल मनोरंजन करो. इस तरह के मनोरंजन को टाइमपास मनोरंजन कह सकते हैं. आज 80 और 90 के दशक जैसे सीरियल्स नहीं बन रहे हैं, जो दूरदर्शन पर बहुत पौपुलर हुए थे. बुनियाद, हमलोग, शक्तिमान, औफिसऔफिस, देखभाईदेख, फौजी इन सब सीरियल्स के कंटैंट अलग थे. किसी में मिडिल क्लास परिवार की तंगहाली (हमलोग)को दिखाया गया, किसी में दफ्तर का कल्चर (औफिसऔफिस) जहां बाबूओं की बड़ी चलती है, किसी में अपक्लास कौमेडी (देखभाईदेख) दिखाई गई, तो कोई सीरियल केवल बच्चों को ध्यान में (शक्तिमान) रखकर बनाया गया, किसी में देश के बंटवारे की त्रासदी (बुनियाद) सबसे मजेदार बात है कि इनमें से किसी में सासबहू का जौनर नहीं था. हो सकता है कई लोगों को यह सीरियल आज स्लो लगे लेकिन इन्हीं सीरियल्स से (फौजी) शाहरुख खान जैसे एक्टर की पहचान बनी, जो आज बौलीवुड का बादशाह बन गया है.