फिल्म ‘बस इतना सा ख्वाब है’ से निर्माता, निर्देशक के क्षेत्र में कदम रखने वाले निर्माता, निर्देशक गोल्डी बहल ने 15 साल की उम्र में अपने पिता और फिल्ममेकर रमेश बहल को खोया. तबसे लेकर आजतक वे फिल्म निर्माण और निर्देशन का काम करते आये है. उन्हें हर नयी कहानी को कहना पसंद है. सालों पहले उन्होंने इस क्षेत्र में कदम रखी और फिल्मों के काम के ज़रिये उन्होंने प्रोफेशनल ट्रेनिंग ली है. फिल्म ‘नाराज़’ के दौरान, महेश भट्ट को एसिस्ट करते हुए वे अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे से मिले प्यार हुआ, शादी की और बेटा रणवीर के पिता बने. अभी जी 5 पर उनकी वेब सीरीज रिजेक्ट्स का दूसरा भाग रिलीज पर है, जिसे लेकर वे काफी उत्साहित है. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.
सवाल-ये कहानी क्या कहना चाहती है? क्या कोई मेसेज है?
ये यूथ की कहानी है, जहां मौज मस्ती के साथ-साथ थ्रिलर, क्राइम और तकलीफे दोनों ही है. साथ में ये संगीतमय भी है, क्योंकि इसमें एक बैंड की ग्रुप है. इसके अलावा इसमें कुछ ऐसी समस्या भी दिखाई गयी है, जो पैसों से भी हल नहीं हो सकती, ऐसे में वे कैसे बाहर निकलते है उसे दिखाने की कोशिश की गयी है. बड़े से बड़े इंसान भी पैसे से सबकुछ नहीं कर सकता, कुछ चीजे उनके हाथ में नहीं होती.
फिल्म मेकर के हिसाब से मैंने किसी मेसेज के बारे में नहीं सोचा है, मनोरंजक फिल्म बनाने की कोशिश की है, पर अगर कोई मेसेज जाती है, तो अच्छी बात है.
सवाल-आप यंग ऐज में कैसे थे और कोई यादगार पल जो आप शेयर करना चाहे.