2016 की मुदस्सर अजीज की सफल फिल्म ‘‘हैप्पी भाग जाएगी’’ की सिक्वअल फिल्म ‘‘हैप्पी फिर भाग जाएगी’’ पहली फिल्म का दोहराव ही है. सोनाक्षी सिन्हा के रूप में एक और हैप्पी और कहानी को पाकिस्तान की बजाय चीन ले जाना ही नयापन है. अन्यथा पहली फिल्म के मुकाबले यह फिल्म निराश करती है.

2016 की सफल फिल्म ‘‘हैप्पी भाग जाएगी’’ की सिक्वअल फिल्म ‘‘हैप्पी फिर भाग जाएगी’’ की कहानी शुरू होती है अमृतसर की ही दो हरप्रीत कौर उर्फ हैप्पी का चीन के शंघाई शहर जाने से. गुड्डू को एक साजिश के तहत चीन के शंघाई शहर के चाउ की तरफ से एक संगीत कार्यक्रम में गाने के लिए बुलाया जाता है. गुड्डू (अली फजल) अपने साथ अपनी प्रेमिका हरप्रीत कौर उर्फ हैप्पी (डायना पेंटी) को भी लेकर जाता है.

उधर दूसरी हरप्रीत कौर उर्फ हैप्पी (सोनाक्षी सिन्हा) अपने पिता की खुशी के लिए चीन में अपने मंगेतर अमन वाधवा (अपराशक्ति खुराना) को ढूढ़ने निकली है, इसके लिए उसने शंघाई शहर के विश्वविद्यालय में नौकरी के लिए आवेदन दिया है और उसे वहां पर बुलाया गया है. दोनों एक ही हवाई जहाज से शंई पहुंचते हैं. एअरपोर्ट से बाहर निकलते ही नाम की समानता के चलते चाउ के गुर्गे हरप्रीत कौर उर्फ हैप्पी (सोनाक्षी सिन्हा) को किडनैप कर लेते हैं. जबकि गुड्डू अपनी हैप्पी के साथविश्वविद्यालय पहुंच जाता है. जब चाउ को पता चलता है कि यह वह हैप्पी नहीं है, जिसकी उन्हे तलाश थी, तो वह अपने गुर्गे से कहकर अमृतसर में डोली चढ़े बग्गा (जिम्मी शेरगिल) और पाकिस्तान से उस्मान अफरीदी (पीयूष मिश्रा) को किडनैप करा लेते हैं.hindi movie review happy bhag jayegi

वास्तव में चाउ (बिजौय थांगजम) एक चीनी एजेंट है, जिसने पाकिस्तान के साथ चीन  सरकार के लिए एक व्यापारिक अनुबंध किया था. मगर अब वह अधर में लटक गया है. उसे पता है कि यह काम लाहौर में रह रहे राजनेता जावेद अहमद ही कर सकते हैं. जावेद अहमद पर हैप्पी व उस्मान अफरीदी दबाव डाल सकते हैं. उस्मान अफरीदी जावेद अहमद के करीब हैं और हैप्पी, जावेद अहमद के बेटे के करीब है.

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