भारतीय प्रविष्टि के रूप में ‘‘विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म’’ खंड में ‘‘औस्कर अवार्ड’’ के लिए चुनी गयी रीमा दास की मूलतः आसामी भाषा की फिल्म ‘‘विलेज रौक स्टार्स’’ 80 अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों में डंका बजाने व तीन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करने के बाद भारतीय सिनेमाघरों में अंग्रेजी सब टाइटल के साथ प्रदर्शित हुई है.
आशाओं, इच्छाओं व जिंदगी के सपनों को पूरा करने के लिए निडरता के साथ गरीबी व प्राकृतिक सहित हर तरह की कठिनाइयों का सामना करते हुए जिंदगी जीने की अद्भुत दास्तान है फिल्म ‘‘विलेज रौक स्टार्स’’. कई तरह की प्राकृतिक आपादाओं का सामना करने वाले आसाम के गांव के बच्चों की जिंदगी की छोटी छोटी खुशियों की मार्मिक दास्तान है रीमा दास की फिल्म ‘‘विलेज रौक स्टार्स’’.
फिल्म की कहानी आसाम के छायागांव के एक गरीब परिवार की दस वर्षीय बालिका धुनू (भनिता दास) के रौक स्टार बनने की कथा है. जो अपना म्यूजिक बैंड बनाने का सपना देखती है. धुनू छायागांव में अपनी विधवा मां (बसंती दास) और बड़े भाई (मनबेंद्र दास) के साथ रहती हैं. धुनू को पेड़ पर चढ़ना, नदी तालाब में स्नान करना, लड़कों के साथ खेलना व पढ़ाई करना पसंद है. वह एक ऐसी लड़की है जो सब कुछ करती है. उसकी सबसे प्यारी सहेली मुनू नामक बकरी है. वह घर के कामों में अपनी विधवा मां का हाथ बंटाती हैं. एक दिन वह कुछ बच्चों को रौक बैंड बनाकर संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत करते देखती है. तो वह सोचती है कि मैं भी अपना रौक बैड बनाउंगी. फिर वह प्लायवुड का गिटार बनाकर गाना गाना शुरू करती हैं. पर उसका सपना है कि एक दिन उसके पास अपना गिटार हो. एक दिन गांव के एक बुजुर्ग की सलाह पर अपने खेत की सब्जी, पेड़ के कुछ फल आदि तोड़कर उन्हें बेचकर पैसा इकट्ठा करना शुरू करती है. वह अपनी बचत के रुपए अपनी मां व भाई से छिपाकर घर की छत को सहारा देने वाले बाबू/बांस में जगह बनाकर करती है. इस तरह नब्बे रुपए उसने जमा कर लिए हैं. दुकानदार ने गिटार की कीमत 150 रुपए बतायी है. पर तभी गांव में बाढ़ आ जाती है. घर के अंदर पानी भर जाता है. नाव के सहारे दूसरे परिवारों की तरह उसका परिवार भी दूसरी जगह रहने चला जाता है. जब बरसात खत्म होती है, तो वह वापस मां व भाई के साथ अपने घर आती है. इसी बीच उनकी खेती की फसल बर्बाद हो गयी है. मुनू नामक बकरी भी खो चुकी है. अपनी मां को दुःखी व परेशान देखकर धुनू अपने छिपाए हुए नब्बे रुपए निकालकर मां को दे देती है. कई दूसरी प्राकृतिक आपदाओं व अन्य मुश्किलों का सामना करते हुए वह अपने जीवन में खुशियां तलाशती रहती है. पर एक दिन उसकी मां उसके लिए नया गिटार खरीदकर ले आती है.
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