दोस्ती का रिश्ता हर रिश्ते से बड़ा होता है क्योंकि यह रिश्ता दिल से जुड़ा होता है.. कहते हैं दिल जो भी कहेगा मानेंगे दुनिया में हमारा दिल ही तो है, ऐसे ही दोस्ती का रिश्ता भी ऐसा रिश्ता होता है जिसमें कोई दिखावा नहीं होता सिर्फ दिल खोल कर बातें होती है, प्यार भरी गालियां होती है, ढेर सारी मस्ती मजाक होता है. यही वजह है कि कुछ दोस्तों का मानना है कि अगर दोस्तों के सामने दिल खोल दिया होता, तो डौक्टर के पास दिल के इलाज के लिए औजारों से दिल ना खोलना पड़ता.
जिंदगी में एक सच्चा दोस्त आपकी हजारों तकलीफों को दूर कर सकता है. इसीलिए कहते हैं हर उम्र में दोस्त जरूरी होता है. खास तौर पर 40-50 साल की उम्र में जब अपने ही घर के सदस्य अपनी अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उनको हमारे साथ बात करने का टाइम ही नहीं मिलता उस दौरान खासतौर पर उन दोस्तों की याद आती है जिनके साथ हम कई घंटे तक दिल की बातें शेयर किया करते थे. हम बोलते बोलते थक जाते थे लेकिन वह पूरे मजे के साथ हमारी बातें सुनते सुनते नहीं थकते थे. हालाकि बचपन से जवानी तक के लंबे सफर में हमारे बहुत दोस्त होते हैं . लेकिन जैसेजैसे वक्त गुजरता है हर कोई अपनी जिंदगी में व्यस्त हो जाता है और वह सारे पुराने दोस्त भी कहीं गुम हो जाते हैं. ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम नए दोस्त बनाए या पुराने दोस्तों को संपर्क करें और अपनी जिंदगी में फिर से एक बार वही बचपन वाली मौज मस्ती धमाल हसी खुशी, बिना दिखावे वाला अपनापन वापस लाकर अपनी लाइफ को मजेदार बना सके. फिल्म इंडस्ट्री में भी कई पुराने और नए एक्टरों की दोस्ती आज भी बरकरार है. हमारे ये स्टार्स चाहे अपनी जिंदगी में ढेर सारी नाम और शोहरत पा रहे हो लेकिन मौज मस्ती पार्टीशार्टी अपने खास दोस्तों के साथ ही करते हैं. अपने इन खास दोस्तों के साथ वह अपनी हर बात शेयर करते हैं. किस तरह के दोस्त ज्यादा मजेदार और प्यारे होते हैं? वक्त के साथसाथ दोस्ती में भी कैसा बदलाव आता है? कलाकारों की जिंदगी में दोस्तों दोस्ती कितनी महत्वपूर्ण है? पेश है इसी सिलसिले पर एक नज़र.....