Rakesh Roshan : हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में 5 दशक से अधिक समय बिता चुके निर्माता, निर्देशक, लेखक, अभिनेता राकेश रोशन की शख्सियत अनूठी है. शांत, हंसमुख, धैर्यवान, हैंडसम राकेश रोशन का पूरा नाम राकेश रोशन नागरथ है, लेकिन पिता की मौत के बाद उन के परिवार वालों ने अपने नाम के पीछे 'नागरथ' सरनेम लगाना छोड़ दिया. उन्होंने अपने पिता को याद रखने के लिए उन के ही नाम को अपना सरनेम बना लिया.

राकेश रोशन ने एक अभिनेता के रूप में कैरियर की शुरुआत साल 1970 में फिल्म 'घरघर की कहानी' से की थी. अभिनेता के रूप में उन्होंने बहुत कम फिल्मों में काम किया है. जब उन का कैरियर बतौर अभिनेता कुछ खास नहीं रहा, तो साल 1980 में उन्होंने खुद की प्रोडक्शन कंपनी का निर्माण किया. उन्होंने अपने प्रोडक्शन बैनर के तहत फिल्म 'आप के दीवाने' बनाई. हालांकि यह फिल्म बौक्स औफिस पर बुरी फ्लौप साबित हुई. इस के बाद उन्होंने फिल्म 'कामचोर' बनाई, जो एक सफल फिल्म साबित हुई.

निर्देशक के रूप में उन्होंने कैरियर की शुरुआत वर्ष 1987 में फिल्म 'खुदगर्ज' से की. इस के बाद उन्होंने 'खून भरी मांग','कामचोर,' 'खेलखेल में','खट्टामीठा,' 'करन अर्जुन','कोयला' जैसी उन की हिट फिल्मों की लंबी सूची है.

राकेश के पिता रोशन की दोस्ती मशहूर फिल्ममेकर जे.ओमप्रकाश से थी. दोनों के पारिवारिक संबंध थे. उस दौरान जे. ओमप्रकाश अपनी इकलौती बेटी पिंकी के लिए रिश्ता ढूंढ़ रहे थे, तो उन्हें राकेश से बेहतर कोई लड़का नहीं लगा. उन्होंने रोशन से राकेश की शादी की बात कही और रिश्ता जुड़ गया. बाद में
दोनों सुनैना और ऋतिक के पेरैंट्स बने.

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