सुमन मुखोपाध्याय 20 वर्षों से रंगमच व फिल्मों के निर्माण से जुड़े हुए हैं. हाल ही में उन हुई नाटकों व फिल्मों पर सरकारों के अंकुश, बंगाल की राजनीति, सिविल सोसायटी मूवमैंट, टीएमसी के चलते सिविल सोसायटी मूवमैंट के खात्मे, भाजपा की हार की वजह, कम्यूनिस्ट पार्टी के पतन की वजह, भाजपा ने बंगाल को किस तरह से नुकसान पहुंचाया व उन की फिल्म ‘नजरबंद’ को ले कर ऐक्सक्लूसिव बातचीत के कुछ अंश पेश हैं:

आप के पिता का थिएटर ग्रुप था, आप ने भी थिएटर से शुरुआत की. बंगला थिएटर काफी समृद्ध और लोकप्रिय रहा है. वर्तमान समय में बंगला थिएटर की क्या स्थिति है?

पश्चिम बंगाल में थिएटर, रंगमच के हालात हमेशा अच्छे रहे हैं. पूरे प्रदेश में बंगला रंगमंच हावी रहा है. लेकिन पिछले डेढ़ वर्ष से कोरोना महामारी की वजह से सारे समीकरण गड़बड़ा गए हैं. सबकुछ गड़बड़ चल रहा है. डेढ़ वर्ष से थिएटर बंद है. लेकिन महामारी से पहले कोलकाता के साथ ही पूरे पश्चिम बंगाल में जगहजगह नाटकों के शो चलते रहते थे. पश्चिम बंगाल में कई थिएटर ग्रुप हैं.

मेरी राय में 60-70 व 80 के दशक में पश्चिम बंगाल में साहित्य, थिएटर, संगीत, सिनेमा सब मिला कर जो कल्चरल, सांस्कृतिक माहौल था, वातावरण था, वह वातावरण इलैक्ट्रीफाइंग था. वह कुछ हद तक कम हुआ. सीपीआई शासन का अंतिम प्रहर और लैफ्ट ने शासन किया और फिर तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आते ही सबकुछ गड़बड़ हो गया. कल्चरल डिसकनेक्षन, सांस्कृतिक वियोग हो गया.

क्या आप मानते हैं कि केंद्र या राज्य सरकार के बदलने का प्रभाव संस्कृति, सिनेमा, थिएटर, कला पर पड़ता है?

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
 
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

गृहशोभा सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • गृहशोभा मैगजीन का सारा कंटेंट
  • 2000+ फूड रेसिपीज
  • 6000+ कहानियां
  • 2000+ ब्यूटी, फैशन टिप्स
  • 24 प्रिंट मैगजीन
गृहशोभा इवेंट्स में इन्विटेशन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...