Kaveri Kapur : इन दिनों बौलीवुड में नए चेहरे को लाने का क्रेज चल रहा है। इसी कड़ी में शेखर कपूर और सुचित्रा कृष्णमूर्ति की बेटी कावेरी कपूर ने अपना कदम बढ़ाया है. एक ऐक्ट्रैस, सिंगर और गीतकार के रूप में इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने की सफल कोशिश कर रही हैं. 6 साल की उम्र से शास्त्रीय संगीत सीखने के बाद उन्होंने वैस्टर्न संगीत की तरफ कदम बढ़ाया है. हालांकि कावेरी के पेरैंट्स काफी पहले डिवोर्स ले चुके हैं, लेकिन इस का असर उन के जीवन पर नहीं पड़ा, क्योंकि वे इस अलगाव से खुश हैं. दोनों का प्यार उन्हें आज भी भरपूर मिलता है.
सुंदर, विनम्र, हंसमुख कावेरी ने फिल्म ‘बौबी’ और ऋषि की ‘लव स्टोरी’ से डैब्यू किया है, जो डिज्नी हौट स्टार पर रिलीज हो चुकी है. फिल्म रिलीज के बाद उन्हें मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है, जिस से वे बेहद खुश हैं. उन्होंने खास गृहशोभा से अपनी ऐक्टिंग कैरियर की शुआत के बारे में कई रोचक बाते कीं। पेश हैं, कुछ खास अंश :
ऐक्टिंग से हुआ प्यार
इस कहानी को चुनने और अभिनय के अनुभव के बारे में कावेरी कहती हैं कि इस फिल्म से ही मुझे ऐक्टिंग से प्यार हुआ है। इस के पहले मुझे पता नहीं था कि मुझे ऐक्टिंग करनी है, क्योंकि पूरी जिंदगी में म्यूजिशियन बनने की तयारी कर रही थी. मैं पूरी दुनिया में मेरी संगीत को फैलाना चाहती हूं. फिल्मों के औडिशन देतेदेते मुझे ऐक्टिंग से प्यार हुआ और सैट पर भी बहुत मजा आया और सीखने को बहुत कुछ मिला.
वे कहती हैं कि लेखक और निर्देशक कुनाल कोहली ने बहुत सहयोग दिया, ताकि मैं सहजता से अभिनय कर सकूं. मेरी ऐक्टिंग स्टाइल को भी उन्होंने समझ लिया था और उसी तरह से ऐक्टिंग करने की ऐडवाइज देते रहे.
रंग लाई मेहनत
कावेरी आगे कहती हैं कि इस फिल्म की तैयारी बहुत दिनों से चल रही थी। शुरुआत में जब मैं अमेरिका के बोस्टन में वैस्टर्न संगीत की पढ़ाई कर रही थी तब हमारे रीडिंग्स रात के 2 या 3 बजे होती थी, जो 3 घंटे चलती थी. इस के बाद सुबह उठ कर 8 बजे कालेज जाती थी. मैं ने बहुत मेहनत किया है, लेकिन उस का फायदा सैट पर मिला. शूटिंग के वक्त डायलाग बोलने में आसानी हुई और नैचुरली सब हो गया.
मिली प्रेरणा
ऐक्टिंग में आने की प्रेरणा के बारे में कावेरी कहती हैं कि मेरे पेरैंट्स चाहते थे कि मैं ऐक्टिंग ट्राई करूं, लेकिन मैं बचपन में बहुत शाय नेचर की थी और कैमरे से बहुत डरती थी. कई बार अगर किसी नाटक में काम करने के लिए अगर पेरैंट्स ले भी जाते थे, तो मैं वहां जा कर रोती थी और कहती थी कि मुझे वे ऐक्टिंग करने को क्यों कह रहे हैं? बड़ी होने पर समझ में आया कि मेरी पर्सनैलिटी पहले ऐसी नहीं थी, यह ऐसा थोड़ी बड़ी होने के बाद हुआ है और मुझे इसे हटाना है.
वे कहती हैं कि एक दिन मुझे औडिशन का कौल आया, तो मैं ने ट्राई करने की सोची. मैं ने औडिशन दिया और मुझे औफर नहीं मिला, लेकिन औडिशन देते वक्त बहुत मजा आया. ऐसा मुझे संगीत से ही मिलता था, जिसे मैं बचपन से सीखती आई हूं. वही खुशी, वही उत्साह मिला. उस दौरान इस फिल्म की स्क्रिप्ट मेरे पास आई और कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी और इसे कर लिया.
संगीत में रुचि
कावेरी आगे कहती हैं कि उन की मां एक सिंगर होने की वजह से उन्हें संगीत की दुनिया में लाई थी, फिर मैं ने गाना लिखना शुरू किया। इस से मेरे पेरैंट्स ने मेरे अंदर कुछ स्पैशल देखा और स्टूडियो ले कर गए, फिर मैं गाना गाने और लिखने लगी. इस से संगीत मेरा पैशन बन गया था.
उन्होंने बताया कि फिल्म के बाद लोग मुझे अपना लव मैसेज भेज रहे हैं और मेरे अभिनय को नैचुरल कह रहे हैं, जिस से मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मेरे पापा हमेशा कहते हैं कि ‘ऐक्टिंग इज बीइंग’ और इसे मैं ने सैट पर हमेशा याद रखा और जितना रियल परफौर्मेंस मैं कर सकती हूं, करने की कोशिश की.
कैमरे फैस करने में नर्वस
पहली बार कैमरे को फेस करते हुए कावेरी बहुत नर्वस थीं. वे कहती हैं कि पहले दिन तो मैं डरी हुई थी, लेकिन धीरेधीरे हर सीन के बाद सहज हुई और बाद में मजा आने लगा. फोटो के पोज में मैं थोड़ी असहज होती हूं, लेकिन ऐक्टिंग में कैमरे के आगे कोई मुश्किल नहीं होती.
रिटेक में बारबार हंसना कठिन
कावेरी कहती हैं कि रिटेक की बात की जाए, तो वह कई बार करने पड़े. रिटेक करते हुए बारबार हंसना बड़ा कठिन लग रहा था, हर टेक के बाद हंसना बहुत मुश्किल होता है. पहली बार जोक मजेदार लग सकती है, लेकिन 13 बार की रिटेक के बाद जोक भी फनी लगना बंद हो जाता है. हंसी को नैचुरल रखना मेरे लिए बहुत कठिन था. इस के अलावा इमोशन को चेहरे पर लाना मेरे लिए काफी मुश्किल हो रहा था कि कैसे करूं? मैं निर्देशक से पूछ कर हाथों और बौडी का तालमेल करती थी.
कोस्टार के साथ अनुभव
कावेरी हंसती हुई कहती हैं कि अभी हम दोनों बैस्ट फ्रैंड बन गए हैं. अभिनेता वर्धन पूरी ने मुझे पूरी फिल्म के दौरान काफी हैल्प किया. कई बार मैं सही सीन्स न कर पाने की स्थिति में डर जाती थी, रोने लगती थी. मैं डांस करने में अधिक सहज नहीं, डांस करने में मुश्किलें आती थीं, जिस में वर्धन ने हैल्प किया। इस के अलावा मैं बहुत इमोशनल लड़की हूं.
नहीं लेतीं प्रेशर
कावेरी के पेरैंट्स ने उन पर कभी किसी बात का प्रेशर नहीं दिया और आज भी वे किसी प्रकार की प्रेशर नहीं लेतीं. वे कहती हैं कि यह मेरी जर्नी है, मेरे पेरैंट्स की सफलता को मैं ऐप्रीसिएट करती हूं, लेकिन उन से मेरी तुलना करना ठीक नहीं. मैं अपने अभिनय कैरियर में गलत या सही सब करते हुए आगे बढ़ना चाहती हूं. मैं हर काम में 100% देती हूं और कहानी की चरित्र की तरह बन कर अभिनय करना चाहती हूं.
हर तरह के फूड पसंद
कावेरी कहती हैं कि मैं बहुत फूडी हूं, लेकिन हर तरह के फूड पसंद करती हूं. मां के हाथ का बना हुआ कोलीफ्लावर पिज्जा मुझे बहुत पसंद है. मां हमेशा डाइट पर रहती हैं, पर मैं कभी डाइट नहीं करती. मेरे हिसाब से लाइफ में मजे करना जरूरी है. मैं पिंक कलर की ड्रैसेज अधिक पहनती हूं, जिस से कई बार लोग सोशल मीडिया पर मेरा मजाक भी उड़ाते हैं, लेकिन मुझे जो पहनना होता है, उसे पहन लेती हूं. मैं किसी बात को अधिक नहीं सोचती.