4 दशक से अधिक समय तक अभिनय के क्षेत्र में बिता चुकी अभिनेत्री भारती अचरेकर के नाम से कोई अपरिचित नहीं, उन्होंने 17 साल की उम्र से ही थिएटर ज्वाइन कियाऔर टीवी, फिल्म और रंगमंच पर अपनी प्रतिभा से हर तरह की भूमिका निभाई. उनकी लोकप्रिय दूरदर्शन शो‘बागले की दुनिया’ जिसे आर के लक्षमण ने लिखा था. इसमें  भारती ने राधिकाबागले की भूमिका निभाई थी. उनकी हर भूमिका में एक सहजता और परिपक्वता दिखती है. फिर चाहे वह प्रिंसिपल की भूमिका हो या किसी घर की मालकिन, हरभूमिका को उन्होंने बहुत ही स्वाभाविक रूप से पर्दे पर पेश किया है, जिसे आज भी लोग याद करते है. उनके हिसाब से आज कॉमेडी के अंदाज बदल गए है और स्वाभाविक रूप से किसी को हसाना,आज बहुत कम लोग कर पाते है. सोनी सब पर भारती आचरेकर शो ‘वागले की दुनिया’के साथ वह नए रूप में आई है, जिसमें वह ने सीनियर मिसेज वागले की भूमिका में नजर आ रही हैं. वह रोज दादर से एक घंटा ट्रेवल कर मीरारोड शूटिंग के लिए जाती है. उन्होंने खास गृहशोभा के लिए बात की, पेश है कुछ अंश.

सवाल-पहले की शो और इस नए शो में क्या आप कुछ अंतर पाती है?

अंतर मुझे नहीं लग रहा है, क्योंकि इस शो में बहुत नए-नए इश्यु को लेकर आये है, जो बहुत अच्छे है. वैसे उस ज़माने में समस्या बच्चों और वयस्कों की अलग थी, आज अलग है. अभी सोशल मीडिया भी आ चुका है. इसमें कई इश्यु ऐसे है, जिसे मैंने न देखा और न सुना है. इसकी बहुत ही डेडिकेशन के साथ काम कर रही  है. इसमें बच्चों को लेकर आम जनजीवन के संस्कारों और तरीकों के बारें में कहानी अधिक है, जिसमें सकारात्मकता को दिखाया गया है, जिसे करने में भी अच्छा लगता है. पुरानी कहानी को कही भी दोहराया नहीं गया है.

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सवाल-आपने अधिकतर कॉमिक भूमिका निभाई है, अभिनय में किस भूमिका को करना कठिन होताहै, कॉमेडी या सीरियस ?

कॉमेडी करना कठिन होता है और रंगमंच पर सबने मेरी कॉमेडी को अधिक पसंद किया, जिससे मुझे उस तरह की भूमिका अधिक मिली. मैं 40 साल से अभिनय कर रही हूं और हर तरह की भूमिका निभाई है. मेरे लिए कुछ भी कठिन नहीं है.

सवाल-कॉमेडी में द्विअर्थी शब्दों के प्रयोग के बारें में आपकी सोच क्या है?

आज के  दर्शक पहले से काफी बदल गए है. अभी कॉमेडी टाइम पास के लिए की जाती है,क्योंकि दिन भर काम करने के बाद व्यक्ति को बहुत कम समय टीवी के लिए मिलता है. पहले कॉमेडी,कंटेंट के लिए की जाती थी. अभी भी कंटेंट वाली काफी शो है और दर्शक उसे देख सकते है. दुनिया बदली है, इसलिए सबकी सोच भी बदलना जरुरी है.

सवाल-कॉमेडी में किस बात का खास ध्यान रखना पड़ता है?

कॉमेडी अलग-अलग तरीके से की जाती है, कुछ लोग अपने ऊपर कॉमेडी लेते है, कुछ सिचुएशन के आधार पर की जाती है. मैने हर तरीके की कॉमेडी की है, लेकिन अब मैं भी बदल गयी हूं और नए ज़माने की कॉमेडी के साथ चलने की कोशिश कर रही हूं.

सवाल-आपने एक लम्बा समय अभिनय में बिताया है,कितने संतुष्ट है?

मैंने 17 साल की उम्र से अभिनय शुरू किया और 25 साल तक थिएटर में काम करती रही. उस समय सोशल मीडिया और चैनेल्स भी नहीं थे. साथ ही मैंने संगीत में ग्रेजुएट किया है. इसके बाद टीवी आई तो उसमें काम करना शुरू किया. फिर फिल्मों में काम मिलने लगा, उसे किया, लेकिन फिल्मों में महिला चरित्र कलाकारों को अधिक कामतब नहीं मिलती थी, जबकि पुरुषों को अधिक महत्व दिया जाता था, ऐसे में टीवी और थिएटर में काम करने से संतुष्टि मिलती थी. अभी भी मैं नाटकों में काम करती हूं. इसके अलावा 10 साल तक टीवी की प्रोड्यूसर भी बनी, जो मैंने चैनल की तरफ से किया.बाद में मैंने खुद भी प्रोड्यूस की, पर अधिक सफल नहीं रही. कोई मलाल अब नहीं है.

सवाल-इतने सालों में आपको किसने अधिक प्रेरित किया?

ये बताना थोडा मुश्किल है, क्योंकि मैंने बहुत सारे बड़े-बड़े कलाकारों के साथ नाटकों में काम किया है, जिसमें अमोल पालेकर, डॉ. श्रीराम लागू, आदि सभी कलाकारों के साथ काम करते हुए मार्ग दर्शन मिले. आज के कलाकारों को तो ऐसे गुरु मिलना भी मुश्किल हो चुका है,  जिससे उन्हें कुछ सीखने का मौका मिले. वे करें तो करें क्या. उन्हें तो रेस में जाना है. यही चल रही है. पुरानी ‘बागले की दुनिया’और मराठी नाटक‘हमीदा बाईची कोठी’को मैं आज भी मिस करती हूं.

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सवाल-संगीत में आपने शिक्षा ली है, क्या उस दिशा में कुछ किया?

उस समय संगीत में इतना पैसा नहीं था, जिससे घर चले. आज संगीत को भी महत्व मिलता है. एक्टिंग अच्छी चल रही है. इस लिए उसमें कुछ नहीं कर पायी और मलाल रह गया है. मेरी माँ माणिक वर्मा गायिका थी और उन्होंने पद्मश्री भी प्राप्त की थी इसलिए परिवार में कला का माहौल हमेशा रहा और माता-पिता ने सहयोग भी दिया है. अभी मेरा एक बेटा है, जो विदेश में रहता है और दूसरे क्षेत्र में काम करता है. मुझे याद आता है, जब मैंने 34 साल की उम्र में अपने पति को खो दिया था.मेरा बेटा उस समय 9 साल का था और मुझे कमाने की जरुरत थी. ऐसे में संगीत के क्षेत्र में कोई पैसा नहीं मिल रहा था. अभिनय ने मेरा साथ दिया.

सवाल-क्या आपका बेटा भी अभिनय क्षेत्र में है?

मेरा एक बेटा है जो विदेश के इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में स्पेशल इफ़ेक्ट पर काम करता है.

सवाल-नई जेनरेशन के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?

कभी-कभी मुश्किल उनके साथ काम करने की होती है. उनकी सोच मुझसे बहुत अलग है. मैं उसमें दखल नहीं देती. मैंने जो अपने जीवन में सीखा है, वह बहुत अलग है. अगर मैंने कभी किसी को कुछ कहा भी है तो कई बार उन्हें अच्छा नहीं लगता और मुझे पता चल जाता है, लेकिन कुछ लड़के लड़कियां है जो मुझसे सीखना चाहते है और मैं उन्हें सिखाती भी हूं. इसके अलावा आज प्रतियोगिता अधिक है, जबकि हमारे समय में कलाकारों की संख्या कम थी. इसलिए उन्हें उस रेस में पड़ना पड़ता है और उन्हें आगे निकलने की होड़ लगी रहती है.

सवाल-आपकी फिटनेस का राज क्या है?

मैं हमेशा खुश रहना पसंद करती हूं. इसके अलावा काम करते रहना चाहती हूं. काम न मिलने पर मैं दुखी हो जाती हूं.

सवाल-खाली समय में क्या करती है?

मुझे खाना बनाने का शौक है. इसके अलावा फिल्में देखना, किताबें पढना घूमना, नाटक देखना, बहनों के साथ मिलना आदि कई चीजे करती हूं. मुझे अक्षय कुमार, दीपिका पादुकोण और करीना कपूर की फिल्में बहुत पसंद है.

सवाल-गृहशोभा के लिए कोई खास मेसेज जो देना चाहती है?

काम अच्छा कीजिये , बच्चों को अच्छे संस्कार दीजिये. बच्चों को  किताब पढना सिखाइए, क्योंकि आज के बच्चे किताब पढना भूल चुके है. महिलाओं को जीवन में उतार-चढ़ाव मेंसकारात्मक सोच बनाए रखने की जरुरत होती है. इसके अलावा हर महिला को आत्मनिर्भर होने की जरुरतहै. इससे आत्मशक्ति बढती है और वे खुश रहती है. चौके चूल्हे में उसे गवाने की जरुरत नहीं होती.

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