हरलीन सेठी का जन्म 23 जून को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में पंजाबी माता-पिता के घर हुआ था. परिवार में उनके मम्मी पापा के अलावा एक भाई भी है, जिनका नाम करण सेठी है. उन्हें बचपन में अभिनय और नृत्य में गहरी रुचि थी. अपने सपने को पूरा करने के लिए, उन्होंने छोटी उम्र में अभिनय और नृत्य करना शुरू कर दिया.ग्लैमर की दुनिया उन्हें हमेशा से ही आकर्षित करती थी, लेकिन इसके लिए अभिनय को जरुरी नहीं समझती थी. कला के क्षेत्र में कुछ करना चाहती थी. मुंबई की हरलीन ने समय के साथ-साथ डायरेक्शन और प्रोड्यूसर बन अभिनय में आई और खुद को भाग्यशाली मानती है, क्योंकि उनकी इस यात्रा में उन्होंने हमेशा अपने परिवार को पाया है. गृहशोभा के लिए उन्होंने खास बातचीत की और अपनी जर्नी के बारें में बताई, जो बहुत रोचक थी, आइये जानते है, उनकी कहानी, उनकी जुबानी.
दिया अलग रूप
सोनी लाइव पर उनकी वेब सीरीज काठमांडू कनेक्शन 2 रिलीज हो चुकी है, जिसमे हरलीन ने एक रॉ एजेंट की भूमिका निभाई है. दूसरी सीजन में काम करने के लिए हरलीन ने बहुत मेहनत किया है, क्योंकि पहले सीजन में उन्होंने अभिनय नहीं किया था. वह कहती है कि मैंने पहली वेब सीरीज देखी और अमित सियाल की भूमिका और संगीत बहुत पसंद आई थी, परिवार ने भी देखा था, आसपास के सभी ने इस शो की तारीफ़ की है. इसके अलाव इसमे काम करने वाले कलाकार भी बहुत अच्छे है,ऐसे में जब इसके अगले सीजन का ऑफर मिला तो मैंने ऑडिशन दिया और निर्देशक के साथ बैठकर थोड़ी चर्चा की, क्योंकि रॉ एजेंट्स बहुत सारे होते है, पर मुझे एक अलग और रियल रूप देना था. निर्देशक के साथ जो बातचीत हुई है, उसे ही साकार करना था, क्योंकि ये उनका विजन था. अलग-अलग लुक्स पर काम हुआ , क्योंकि रॉ एजेंट्स छुपकर रहते है. उन्हें पहचान पाना मुश्किल होता है. पहले की बॉलीवुड की इमेज मेरे दिमाग में थी, कई फिल्मे और कहानिया पढ़ी है, बस उसे देखते हुए मैंने एक अलग रूप दिया है.
ओरिजिनल चरित्र से थोड़ी मेल खाती
रॉ की भूमिका का केवल मेरे काम के साथ मेल खाता है, क्योंकि काम में मैं हमेशा प्रैक्टिकल एप्रोच रखती हूँ. इमोशन को सामने न लाकर काम पर फोकस्ड रहना, सबसे एक कदम आगे चलने की इच्छा दिमाग में रहती है और ये रॉ एजेंट भी करते है, उनकी आँखों से कोई छिप न पाए, इसकी कोशिश वे करते रहते है. देश को किसी प्रकार का खतरा न हो इस बारें में वे सतर्क रहते है.
मिली प्रेरणा और सहयोग
हरलीन कहती है कि एक्टिंग नहीं करनी है, ये मैंने सोचा नहीं था, क्योंकि मैने पर्दे के पीछे अस्सिस्टेंट डायरेक्टर और असिस्टेंट प्रोड्यूसर रह चुकी हूँ. एक्टिंग के बारें में न सोचने की खास वजह ये थी कि मैं टॉमबॉय टाइप की लड़की हूँ. बचपन में खेल-कूद में अधिक ध्यान था. अपना ख्याल कभी नहीं रखती थी. किसी प्रकार की चोट लगने से मैं घबराती नहीं थी. मस्ती खूब करती थी. एक्टिंग के लिए सुंदर कैसे दिखना है, पता नहीं था. परिवार का सहयोग रहा है, कभी एक्टर मुझे बनना नहीं था, क्योंकि उन्हें भी मेरे एक्टिंग को लेकर किसी प्रकार की उलझन नहीं थी. पहले फिल्मों में काम करने वालों को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता था. मेरे पेरेंट्स की सोच भी वैसी थी, क्योंकि परिवार का कोई भी इस फील्ड से नहीं था. उनकी हिचकिचाहट थी और मैंने भी उनको जानते हुए कोई बड़ा स्टेप नहीं लिया , पहले विज्ञापनों और छोटे-छोटे काम किये, ताकि वे सहज होकर मेरे साथ चल सकें. यहाँ तक पहुँचने में मैं पेरेंट्स का हाथ मानती हूँ, क्योंकि मैं उनके हाथ पकड़कर यहाँ तक पहुंची हूँ, ऐसा नहीं था कि मैं घर से भागकर अभिनय में गई और उन्हें मुझे लेकर किसी प्रकार की समस्या हो. मैं मुंबई की हूँ और मुझे पता नहीं था कि एक्टिंग में काम करना है या नहीं, ये तो धीरे-धीरे होते-होते यहाँ तक पहुंची है.
संघर्ष नहीं कह सकती
संघर्ष मैं नहीं कह सकती, क्योंकि मुझे शुरू से ही अभिनेत्री नहीं बनना था और मुझे खाने-पीने की समस्या नहीं हुई. जो भी काम मिला मैं करती गई, इससे मुझे आगे बढ़ने में आसानी हुई. काठमांडू कनेक्शन 2 में मेरे साथ को-स्टार लीजेंड थे, इससे काम करने से पहले थोडा सोचना पड़ा था. बड़े एक्ट्रेस के साथ काम करने पर खुद को भी उस लेवल तक लाना पड़ता है, उसमे कमी न हो इस बारें में हल्का डर रहा . इसके अलावा इसमें अलग लुक्स में एक्टिंग करना था, जो मेरे लिए आसान नहीं था. हर विग और लुक में मैं सुंदर नहीं लग रही थी, कई बार तो मुझे फैंसी ड्रेस की याद आ रही थी. मेरे निर्देशक मुझे बार-बार समझाते थे कि मैं एक छुपी हुई रॉ एजेंट हूँ जिसे सुंदर लगना जरुरी नहीं.
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मिला ब्रेक
मुझे एड एजेंसी में अभिनय करने के बाद से ब्रेक मिली है. मैंने ढाई साल तक बहुत सारें विज्ञापनों में काम किये है. इसके बाद एंकरिंग और छोटे -छोटे काम भी किया है. विज्ञापन के जरिये मैं अभिनय में आई हूँ. इसलिए समय लगा,लेकिन अच्छा काम कर पायी. इंडस्ट्री में आज बहुत काम है, लड़कियों के लिए कहानियां लिखी जा रही है, लुक से अधिक टैलेंट पर ध्यान दिया जा रहा है. इसमें ये भी देखा जा रहा है कि एक्टर्स कितना आसपास के बेहतरीन कलाकारों के साथ, जिन्होंने एक लम्बा समय अभिनय को दिया है, वहां पर खुद को फिट कर सकते है और इसके लिए किसी भी अवसर को मेहनत के साथ पर्दे पर लाना मेरा मकसद होता है. मैंने पूरी कोशिश की है और अगले साल भी मैं लगन के साथ अच्छा काम करने के बारें में सोच रही हूँ, जिससे मेरे अलावा दर्शकों को भी एक मेसेज मेरी फिल्मों के ज़रिये मिले. जब मैंने शो ‘ब्रोकन बट ब्यूटीफुल’ की थी, तब मेरे चरित्र के द्वारा दर्शकों के मन बदले, उनके दिल को मेरी अभिनय ने छुआ, वही मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी.
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संकल्प नए साल का
गृहशोभा के लिए मेरा कहना है कि नए साल में वे अपने अंदर की खुशियों को ढूंढे, जो किसी काम या पैसे में नहीं मिलती. खुद को हमेशा स्पेशल समझे. खुद से हमेशा प्यार करें और दूसरों से भी प्यार करना सीखें. स्वास्थ्य का ध्यान महिला हो या पुरुष सभी रखें, ताकि आप जिंदगी में खुश रह सकें.