Miss India 2024 : 24 वर्षीय खूबसूरत, सुंदर कदकाठी, विनम्र, हंसमुख निकिता पोरवाल मध्यप्रदेश के उज्जैन की रहने वाली हैं. उन्होंने मिस इंडिया 2024 का खिताब अपने नाम किया है और अब मिस वर्ल्ड पेजेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. निकिता एक ऐक्टर हैं और 18 साल की उम्र से काम कर रही हैं और उन्होंने एक टीवी एंकर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी. निकिता अब तक 60 से ज़्यादा नाटकों में काम कर चुकी हैं और उन्होंने एक फिल्म में भी काम किया है, जो कई इंटरनेशनल फैस्टिवल में दिखाई जा चुकी है और जल्द ही भारत में रिलीज़ की जाएगी. मिस इंडिया निकिता पोरवाल ने परंभिक शिक्षा उज्जैन से की है और थिएटर में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए बैचलर औफ परफौर्मिंग आर्ट्स की डिग्री बड़ौदा से किया है.
निकिता पिछले दिनों रायल कौलेज औफ औब्सटेट्रिशियन एंडल गायनेकोलौजिस्ट्स (एआईसीसी आरसीओजी) की जागरूकता अभियान में शामिल हुई और बताया कि गर्भाशय कैंसर की रोकथाम के लिए किशोरियों और युवा लड़कियों को वैक्सीन लगाना अनिवार्य है, क्योंकि ये उनका हक है कि वे हमेशा स्वस्थ रहे. इतना ही नहीं, सर्वाइकल कैंसर के आंकड़े विश्वभर में महिलाओं में होने वाले कैंसर में चौथे स्थान पर आता है, जिसमें लगभग 70% मामलों का कारण एचपीवी यानि ह्यूमन पेपिलोमावायरस, जो एक सामान्य यौन संचारित वायरस है और यह वायरस जननांगों के साथ अंतरंग संपर्क के ज़रिए फैलता है, जो पुरुष और महिला दोनों को संक्रमित कर सकता है, जिसमें 15 से 44 वर्ष की आयु वाली भारतीय महिलाओं को प्रभावित करने वाले कैंसरों में यह दूसरे स्थान पर आता है, जो चिंता का विषय है. इसे आज की सभी लड़कियों को जागरूक होकर डौक्टर की सलाह से वैक्सीन लेने की आवश्यकता है, ताकि वे खुद को इस बीमारी से बचा सकें.
परिवार में हुआ बड़ा औपरेशन
सर्वाइकल कैंसर के बारें में जागरूकता की कमी को लेकर निकिता कहती है कि हमारे शहर में एक शब्द बड़ा औपरेशन कहा जाता है, जो मेरी मां और दादी को हुआ है, जिसमें उनके यूट्रस निकाले गए है, क्योंकि उनमें सर्वाइकल कैंसर के लक्षण थे, जिसका पता उन्हे बाद में चला था. इसलिए ये बहुत ही कौमन है, 10 में से 8 को होता है, जो उनके जान के लिए भी खतरा होता है. अभी मैं जान गई हूं कि वैक्सीन लगाने से इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है तो मैं अवश्य इसमें जागरूकता फैलाने की कोशिश करती रहूंगी.
मिली प्रेरणा
निकिता अभिनेत्री और मिस वर्ल्ड रह चुकीं ऐश्वर्या राय को अपना आदर्श मानती रही हैं और उन्हीं से प्रेरणा लेती रही हैं. निकिता का सपना है कि वो संजय लीला भंसाली की फिल्मों में काम करें. बौलीवुड ऐक्ट्रैस ऐश्वर्या राय और प्रियंका चोपड़ा ने भी ये टाइटल जीता था और उसके बाद कई सालों से संजय लीला भंसाली की फिल्मों का हिस्सा रही हैं. वह कहती हैं कि मुझे हमेशा से ऐक्टिंग का शौक था, मैं एक थिएटर एक्ट्रेस भी हूं, इसलिए अगर कोई अच्छी कहानी फिल्म के लिए मिले, तो मैं उसमें काम करना पसंद करूंगी. ऐक्टिंग के साथ निकिता को जानवरों से भी बहुत प्यार है. वो एनिमल वेलफेयर के लिए काम करती रहती हैं, जो उनके दिल के बहुत करीब है.
मां का सपना
परिवार का सहयोग निकिता को हमेशा मिला है, उनके साथ उनकी मां का भी सपना था कि वह मिस इंडिया बनें, इसलिए इसका श्रेय वह अपनी मां को देती हैं. वह हंसती हुई कहती हैं कि मैंने मिस इंडिया का सपना बचपन से ही देखा है, मुझे याद है, जब मैं 7 साल की थी, तो मेरी मां ने एक फैन्सी ड्रेस काम्पिटिशन में मुझे मिस इंडिया बनाया था, जिसमें मुझे पुरस्कार मिला, तब मैं केवल 7 साल की थी, लेकिन जब मैं कौलेज में गई, तो मेरा उद्देश्य देश को ग्लोबल स्टेज पर प्रस्तुत करने का था, जिसमें मेरा सपना विश्व सुंदरी का था.
ब्यूटी के साथ उत्तरदायित्व
खूबसूरत निकिता कहती हैं कि मिस इंडिया बनने पर कई उत्तरदायित्व होते है, जिसे मैं फौलो करूंगी, क्योंकि किसी भी शारीरिक समस्या पर अधिकतर लड़कियां खुलकर बात नहीं करती, मैं उनके दिल में साहस भरकर उन्हे आगे लाना चाहती हूं. मिस इंडिया बनने पर आप सिर्फ भारत की सबसे सुंदर लड़की नहीं बनते, बल्कि उन लड़कियों की उत्तरदायित्व होता है, जो अपनी ड्रीम के लिए फाइट करना चाहती है, ऐसे में मैं एक अच्छा और अप्रोचेबल इंसान बनकर उनका साथ देने की इच्छा रखती हूं. ऐसी छोटीछोटी बदलाव के साथ मुझे जागरूकता लानी है और भारत सुंदरी को विश्व सुंदरी में बदलने की इच्छा रखती हूं, जो इंटेलीजेन्सी के साथसाथ कमिट्मेंट और देशभक्ति के साथ जुड़ा हो.
यूथ की बनूंगी हमसफ़र
निकिता आगे कहती है कि मैं खुद को ग्राउनडेड रखकर ही कुछ कर सकती हूं, मैंने देखा है कि छोटे शहर से आगे बढ़ने वाला अकेले आगे नहीं बढ़ता, बल्कि एक कुनबे को लेकर आगे बढ़ता है, वही से मेरे अंदर ग्राउनडेड वाली फीलिंग आई है, जब भी मैं किसी से मिलती हूं, तो खुद को उनके अनुसार रखने की कोशिश करती हूं, ताकि उन्हे भी लगे कि कोई लड़की उनके बीच से ही यहां तक पहुंची है.
सफर नहीं था आसान
वह कहती है कि यहां तक पहुंचना मेरे लिए आसान नहीं था, क्योंकि मध्यप्रदेश से कोई भी इस खिताब को पहले जीता नहीं है, ऐसे में यह पहला मौका मुझे मिला है. मिस मध्यप्रदेश बनने के बाद मैंने बहुत मेहनत किया है, ताकि मंच पर सही लग सकूं, खुद को कई महीनों तक ग्रूम किया है. मैंने कल्पना तक नहीं की थी, लेकिन मुझे ये पुरस्कार मिला है और मैं बहुत खुश हूं. आगे मैँ मिस वर्ल्ड बनने की पूरी तैयारी कर रही हूं.
दिया संदेश
नए साल में मैं महिलाओं से कहना चाहती हूं कि एमपावरमेंट का केवल एक फेज नहीं होता, अगर आप जौब करती है, परिवार को संभालती है या खुद को सशक्त बनाती है, तो इन सारी परिस्थितियों में जो आपकी चाइस है, जिसे आप आजादी के साथ कर सकती है, आप एमपावर्ड कहलाएंगी.