हम 21वीं सदी में जरुर पहुंच गए हैं. हमारे देश के सिनेमा ने काफी प्रगति कर ली है. मगर आज भी हरियाणा सहित कई राज्यों व देश के कुछ ग्रामीण इलाकों में हिंदी सिनेमा जगत को हेय दृष्टि से देखते हैं और अपनी बेटियों को सिनेमा का हिस्सा बनने पर बंदिश भी लगाते हैं. ऐसा ही पर कुछ अभिनेत्री व हरियाणवी जाट बाला कनिका मान के साथ भी हुआ था. परिणामतः पिता की आज्ञा का पालन करते हुए उन्होने ‘एम एल एल’ मास्टर आफ ला’’ की डिग्री हासिल की. मगर सिनेमा से जुड़ने की इजाजत पाने के लिए अपने माता पिता को मनाती भी रहीं. अंततः कनिका मान की तकदीर ने साथ दिया और आज वह चर्चित अदाकारा हैं. टीवी सीरियल ‘‘गुड्डन तुमसे न हो पाएगा’’ ने उन्हे स्टार बनाया. अब वह ग्लेन अंकुश निर्देशित वेब सीरीज ‘‘रूहानियत’’ में प्रिशा के किरदार में काफी शोहरत बटोर रही हैं.
प्रस्तुत है कनिका मान से हुई बातचीत के अंश. . .
आप गायक व अभिनेत्री हैं. क्या आपके घर में कला का कोई माहौल रहा है?
-जी नही सर. . मेरे घर में कला का कोई माहौल नही है. मैं पानीपत, हरियाणा के एक रूढ़िवादी परिवार से हॅूं. मेरा परिवार कट्टर हरियाणवी जाट है. तो वह जिस माहौल मंे रहे हैं, उसी के अनुसार उनकी सोच है. परिवार आज यह बोलना शायद गलत होगा, पर मेरे परिवार के लोगो का मानना रहा है कि फिल्म इंडस्ट्री अच्छी नही है. अथवा फिल्म इंडस्ट्री का माहौल अच्छा नही है. मुझे गर्व है कि मैं अपने परिवार की पहली सदस्य हॅूं, जो इस क्षेत्र से जुड़ी हॅू. सच यह है कि मेरे पापा को यह बात भी पसंद नहीं थी कि मैं स्कूल के कार्यक्रमों में परफार्म करुं. अपने माता पिता व परिवार के सदस्यों को मनाना और इस मुकाम तक पहुंचना मेरे लिए आसान नहीं रहा. मैने अपने परिवार की सोच व इच्छा के अनुसार लॉ यानी कि कानून की पढ़ाई में मास्टर की डिग्री हासिल की है. ऐसे में फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ने की बात सोचना भी संभव नहीं था. इसलिए यहां तक पहुंचना मेरे लिए एक्सीडेंटल यात्रा ही है. लेकिन आज मेरे मम्मी पापा ही नही मेरे सभी रिश्तेदारों की सोच बदल चुकी है. अब तो मेरे रिश्तेदार मुझसे कहते हैं कि मेरे बच्चे को भी अपने साथ मुंबई ले जाओ, देखो शायद इसके लिए वहां कुछ कैरियर बन जाए.