स्वरूपा की वेब सीरीज ‘लाइफ नवरंगी’ रिलीज हो चुकी है, जिसे दर्शकों का प्यार मिल रहा है. स्वरूपा इसमें महिला उद्यमी वेंकटालक्ष्मी की भूमिका निभा रही है, जो आंध्र प्रदेश के नरसापुर में रहती है, जहाँ करीब 15 हजार की आबादी है, जहाँ सीवेज की व्यवस्था नहीं है, इसलिए ये गन्दा पानी सड़कों और पीने के पानी में मिलकर उसे दूषित कर देती है, ऐसे त्यागे गए मल का नाम उन्होंने ‘मलासुर’ दिया है यानि एक राक्षस जो वहां रहने वाले लोगों को बीमार बनाकर खा जाता है. 25 साल से वेंकटालक्ष्मी त्यागे हुए मल को टैंक के सहारे ले जाकर प्रोसेस करती है.
कई प्रतिभाओं की धनी अभिनेत्री स्वरूपा घोष बंगाल की है. उनका जन्म आर्टिस्ट अतिरंजन और लेखिका अरुणा दास के घर हुई. पिता की कला को देखते हुए उन्हें अभिनय की इच्छा हुई और उनके पिता उन्हें थिएटर के बैकग्राउंड में काम करने के लिए भेज दिया, ताकि वे अभिनय की बारीकियों को सीख सकें. 17 साल की उम्र में उन्हें थिएटर में अभिनय करने का पहला मुख्य किरदार मिला, क्योंकि उस नाटक की मुख्य भूमिका निभाने वाली एक्ट्रेस को किसी कारणवश बाहर निकाल दिया गया था.
थिएटर से अपनी जर्नी को शुरू करने वाली स्वरूपा आज एक सफल अभिनेत्री है, जिन्होंने केवल बांग्ला फिल्म ही नहीं, हिंदी सिनेमा में भी बहुत काम किया है. वह एक्ट्रेस के अलावा, थिएटर प्रेक्टिशनर, एक्टर ट्रेनर और डायरेक्टर भी है. हंसमुख और विनम्र स्वभाव की स्वरूपा ने हमेशा नई और चुनौतीपूर्ण अभिनय करना सही माना, क्योंकि उन्हें उसमे कुछ नया एक्सपेरिमेंट करना पसंद है. उनकी कई हिंदी फिल्में काफी सफल रही, जिसमे निर्देशक सुजीत सरकार की फिल्म पिकू और पिंक खास थी. उन्होंने ब्रिटिश स्कूल में एक्टिंग की तालीम देने के अलावा लंदन, साउथ अमेरिका, जर्मनी, कोरिया आदि जगहों पर परफॉर्म किया है. उनके पति एडवर्टाइजमेंट के क्रिएटिव फील्ड में है.
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