सारिका अपने समय की सबसे तरक्कीपसंद अभिनेत्रियों में रही हैं. उन्होंने कमल हासन के साथ करीब 16 साल बिताए. दोनों ने पहली बेटी श्रुति के जन्म के बाद साल 1988 में विवाह किया और उनकी दूसरी बेटी अक्षरा का जन्म वर्ष 1991 में हुआ, लेकिन 2004 में सारिका ने कमल हासन से अलग हो जाने का फैसला किया.

सारिका का बचपन कई समस्याओं से घिरा हुआ था, जब वह बहुत छोटी थी, तब उसके पिता ने परिवार छोड़ दिया था और इसलिए वह स्कूल नहीं जा पा रही थी, उसे परिवार का मुखिया और पैसा कमाने वाला सदस्य बनना था. यही वजह थी कि उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 4 साल की उम्र में एक बाल एक्ट्रेस के रूप में की थी.बाद में, उन्होंने राजश्री प्रोडक्शंस के साथ और प्रसिद्ध अभिनेता सचिन के साथ कई हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय किया.जब वह करियर की ऊंचाई पर थी, तब उन्होंने शादी के बाद अभिनय करियर को छोड़कर अपने पति के साथ चेन्नई चली गईं

वर्ष 2000 में, उन्होंने फिल्म ‘हे राम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ ड्रेस डिजाइन के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और फिल्म परजानिया में उनके प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ एक्ट्रेस का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता. सारिका की खूबसूरती और अभिनय ने हर निर्माता निर्देशक को उनका पसंदीदा बनाया था.

इतनी सफल एक्ट्रेस के निजी जीवन में कई उतार-चढ़ाव आये, लेकिन उन्होंने इसे हिम्मत  से सामना किया. कोविड और कुछ अच्छी प्रोजेक्ट हाथ न लग पाने की वजह से उन्हें कई साल तक इंतज़ार करना पड़ा, लॉकडाउन के समय उनके पास पैसे की तंगी होने की वजह से उन्होंने थिएटर में काम किया और अपना घर चलाया, वह एक खुद्दार और हंसमुख स्वभाव की है. अब उनकी फिल्म ‘ऊंचाई’ रिलीज पर है, जिसे राजश्री प्रोडक्शन ने बनाया है. ये फिल्म अत्यंत भावुक और एक गहरी दोस्ती को बयान करती है. एक बार फिर से राजश्री के साथ जुड़ना उनके लिये अच्छी बात है, उन्होंने गृहशोभा के लिए खास बात की, आइये जाने उनकी कहानी उनकी जुबानी.

जुड़ना होता है आसान

राजश्री प्रोडक्शन के साथ सालों बाद फिर से जुड़ना सारिका के लिए एक अच्छी बात रही, वह कहती है कि पहले जब मैं काम करती थी, तो हर प्रोडक्शन हाउस के साथ एक जुड़ाव रहता था,लेकिन राजश्री से जुड़ना एक अलग अनुभव रहा. निर्देशक सूरज बडजात्या का निर्देशन और एक अच्छी कहानी में भाग लेना मेरे लिए सबसे ख़ुशी की बात है. इसमें मैं माला त्रिवेदी, जो एक स्वतंत्र महिला की भूमिका निभा रही हूं, जो परिवार के साथ व्यवसाय करती है और एक खास पल में दोस्तों से जुडती है.

सही कहानी सही इमोशन

इतनी ऊंचाई पर जाकर इतनी ठण्ड में शूट करना सारिका के लिए आसान नहीं था. फिल्म की शूटिंग नेपाल में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर शूट की गई है, जिसे करने में बहुत मजा आया. वह कहती है कि एक महीने का शिड्यूल था, जिसमे ऊपर-नीचे चलना, चलते-चलते काम करना, करीब 300 लोगों की यूनिट के साथ शारीरिक रूप से बहुत कठिन था, लेकिन दिल में ऐसा नहीं लगा कि जल्दी ख़त्म हो और घर जाएँ. ऐसी फीलिंग यहाँ नहीं आने की वजह मजे हुए कलाकार के साथ काम करना है, बदन थक जाता था, लेकिन इमोशन में कभी कमी नहीं आई.

नया काम नई चुनौती

सारिका आगे कहती है कि इतने सालों तक काम करने के बाद भी मुझे हमेशा नया कुछ करने की इच्छा रहती है. मैंने पहले जो काम किया है वो अब भूलकर हमेशा नया करने की इच्छा होती है. पुरानी चीजों को याद मैं कभी नहीं करना चाहती, क्योंकि इससे आप नए जेनरेशन के साथ जुड़ नहीं पाते, इसके लिए मुझे काम करते रहना है ताकि आज के नए बच्चे जाने, एक्ट्रेस सारिका भी एक अदाकारा है जो अच्छा अभिनय करती है और वही मेरी उपलब्धि है.

आजादी फिल्म मेकिंग में

इंडस्ट्री की परिवर्तन के बारें में एक्ट्रेस सारिका का कहना है कि परिवर्तन को देखे तो आज कहानी कहने का ढंग बहुत बदल गया है, अभी फिल्म मेकिंग में एक फ्रीडम आ गयी है, जो पहले नहीं था,स्ट्रक्चर में बदलाव आ गया है. फिल्म से लेकर वेबसीरीज, टीवी शो सभी में एक आज़ादी होने की वजह वर्ल्ड सिनेमा का एक्स्पोजर बहुत अधिक हो गया है. पहले कुछ निर्देशक बाहर जाकर विदेशी फिल्में फेस्टिवल में देखते थे, अब वो बात नहीं रही. वर्ल्ड सिनेमा से अब सभी परिचित है. फिल्ममेकर आज लगातार कोशिश कर रहे है कि अच्छी से अच्छी फिल्मे दर्शकों को दी जाय. समाज भी बहुत बदल चुका है. उसकी रिफ्लेक्शन भी फिल्मों में आती है. हालाँकि फिल्मे काल्पनिक होती है, लेकिन वह भी आसपास की सच्चाई से ही ली जाती है. उसकी क्रिएशन भी इन्ही के आधार पर की जाती है. इसके अलावा तकनीक का भी प्रयोग आज बहुत होने लगा है. क्रिएटिविटी बहुत बढ़ी है, सभी को एक ओपनिंग मिल गई है. सभी को अपनी हुनर दिखाने का चांस मिल रहा है. एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की ये सबसे बेहतर समय है.

प्रतिभावान कलाकार को मिला मौका

पुराने और लीजेंड एक्टर अभी पहले से अधिक अच्छा काम कर पा रहे है, क्योंकि ओटीटी ने इन्हें कुछ अलग करने या जो भूमिका वे आज तक नहीं निभा पाए थे, उन्हें निभाने का मौका मिला है. पुराने दिनों को याद करती हुई सारिका कहती है कि शुरू में जब कलर टीवी आई थी, तब सभी दर्शकों को कुछ अच्छा देखने की इच्छा था, जिसमे गोविन्द निहलानी की तमस, सत्यजित रे की फिल्म आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और टीवी किसी दूसरी दिशा में चला गया. ओटीटी आने के बाद बॉक्स ऑफिस कलेक्शन या थिएटर भरने का प्रेशर निर्माता,निर्देशक पर नहीं था. ऐसे में निर्माता, निर्देशक ने उन्ही कलाकारों को कास्ट किया, जो सही थे, दिल से काम निकला और बहुत सारें ऐसे कलाकार की कला बाहर निकली, जिन्हें कोई नहीं जानता था. अब सिनेमा की क्वालिटी में किसी भी प्रकार का कोई फर्क नहीं दिखता.

नए कलाकारों के साथ काम करना हुआ आसान

नए कलाकारों के साथ काम करने के अनुभव के बारें में पूछने परसारिका हंसती हुई कहती है कि नये कलाकार के साथ काम करना अच्छा होता है, क्योंकि नई चीजें सीखने के साथ- साथ उनका रेस्पेक्ट बहुत मिलता है, क्योंकि कई बार पुराने कलाकारों के साथ काम करना तकलीफदायक होता है. असल में सच्चे आर्टिस्ट के साथ काम करना चाहिए, वो मुझे अच्छा लगता है, सामने अगर आर्टिस्ट काम कर रहा हो, तो काम का नशा ही कुछ और होता है. मेरी ट्रेकअमिताभ बच्चन, अनुपम खेर और बोमन ईरानी के साथ है, मुझे बहुत मजा आया. मुझे हमेशा अपने को स्टार के साथ इंटरेक्ट करने में बहुत अच्छा लगता है. सीन ठक-ठककर एक के बाद एक आती रहती है, ऐसी अभिनय मुझे बहुत पसंद है. ये तीनों बहुत ही मजेदार है.

फिटनेस मंत्र

खूबसूरत सारिका की डेली रूटीन में दो अच्छे लोगों से मुलाकात करना चाहती है, जिससे उनका मन खुश रहे. खान-पान पर खास ध्यान रखने के अलावा नियमित फिटनेस रिजीम का पालन करती है. बच्चों की अच्छी परवरिश के बारें में सारिका बताती  है कि बच्चे जब छोटे होते है, उन्हें उनके संस्कारों और सीख दिया जाता है, लेकिन जब वे बड़े होते है, तो उनकी अपनी शख्सियत निकलने लगती है. ये हर व्यक्ति की अलग होती है और ये हमारे जैसा होनी भी नहीं चाहिए. अगर आज मेरी दोनों बेटियां, श्रुति हसन और अक्षरा हसन अच्छा काम कर रही है, तो उनका क्रेडिट है. मेहनत करती है, स्ट्रोंग है. आगे भी वे अच्छा करें यही मैं चाहती हूं.

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