मशहूर फिल्मकार वासु भगनानी के बेटे व अभिनेता जैकी भगनानी युवा पीढ़ी के उन कलाकारों में से हैं,जो निरंतर कुछ अलग करते रहना चाहते हैं. वह फिल्म दर फिल्म अपनी प्रतिभा को साबित भी करते आ रहे हैं. जैकी भगनानी ने कुछ वर्ष  पहले अपने पिता वासु भगनानी निर्मित फिल्म ‘‘कल किसने देखा’’से अपने एक्टिंग करियर की शुरूआत की थी.बतौर अभिनेता ‘फालतू’, ‘अजब गजब लव’,‘रंगरेज’, ‘यंगिस्तान’, ‘वेलकम टू कराची’व ‘मित्रों’जैसी कुछ फिल्मों में एक्टिंग करने के बाद जैकी भगनानी ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी कदम रखा.उन्होने ‘सरबजीत’ फिल्म का निर्माण करने के बाद पर्यावरण प्रदूषण पर केंद्रित लघु फिल्म ‘‘कौर्बन’’बनायी. फिर ‘दिलजले’ और ‘वेलकम टू न्यूयार्क’ का निर्माण किया.

मगर हमेशा कुछ नया व हटकर काम करने की चाहत के चलते अब जैकी भगनानी ने अपने बचपन के संगीत के शौक के लिए ‘‘जजस्ट म्यूजिक’’नामक एक संगीत लेबल कंपनी शुरू की है, जिसके तहत वह कर्णप्रिय गैर फिल्मी गीत संगीत प्रेमियों को परोसने जा रहे हैं. इस लेबल के तहत फिलहाल दस गाने तैयार हो गए हैं और इनमें से दो गाने बाजार में आ चुके हैं. लेकिन जैकी भगनानी ने एक्टिंग को अलविदा नही कहा है.वह इन दिनों एक फिल्म ‘‘आनंदवा’’ में एक्टिंग कर रहे हैं.

हाल ही में जैकी भगनानी से हुई बातचीत इस प्रकार रहीः

आपने ‘‘जजस्ट म्यूजिक लेबल’’शुरू करने की जरुरत क्यों महसूस की?

-संगीत के शौक ने मुझे प्रेरित किया.जब मैंने ‘जस्ट म्यूजिक लेबल’शुरू करने की सोची,तो मेेर दिमाग में था कि मुझे अपने पिता का भावनात्मक संबल मिलेगा.मैं अपने इस संगीत लेबल के तहत कलाकारों को उचित मंच देने का काम कर रहा हॅूं.

संगीत ही जीवन है, इसीलिए हमारे दिलों में धड़कन है. और यही जजस्ट संगीत लेबल का उद्देश्य लोगों के दिलों तक पहुंचना है.यह जजस्ट म्यूजिक के लिए सिर्फ शुरुआत है.जैसा कि नाम से पता चलता है, लेबल संगीत और सशक्त कलाकारों के बारे में है.हम अनपेक्षित रूप से बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं.हम स्वतंत्र संगीत को वह सम्मान देना चाहते हैं और जिस पैमाने पर वह योग्य है.हम गीतों का निर्माण करेंगे, लोकप्रिय और नए कलाकारों दोनों द्वारा. जो कोई भी महान गीत साझा करने के लिए है,जजस्ट म्यूजिक सभी कान हैं और इसे दुनिया में लाने के लिए उत्सुक हैं.

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फिल्म निर्माता और संगीत लेबल शुरू करने में आपके पिता से आपको कितनी मदद मिल रही है?

-यह सच है कि मैं अपने पिता की प्रोडक्शन कंपनी को ही आगे बढ़ा रहा हूं.इससे अधिक वह मुझे क्या दे सकते हैं.उन्होंने 25 वर्ष तक एक फिल्म प्रोडक्शन कंपनी को चलाया, उसे एक मुकाम तक पहुंचाया.बौलीवुड में उसे एक नाम दिया और आज भी वह उसी लगन और मेहनत के साथ काम कर रहे हैं.मेरे पिता ने अभी तक अवकाश ग्रहण नहीं किया है.वह पूरी तरह से सक्रिय हैं.मेरी बहन भी पूरी तरह से सक्रिय है.ऐसे में भला मैं कैसे चुप बैठता?तो मैं भी पूरी तरह से सक्रिय हूं और रचनात्मक काम ज्यादा से ज्यादा करने की कोशिश कर रहा हूं.किसी संस्था को आगे ले जाना है,तो इसी तरह से उससे जुड़े लोगों को काम करना चाहिए.जहां तक मेरे संगीत लेबल ‘‘जजस्ट म्यूजिक’’का सवाल है,तो मेरे पिता भावनात्मक स्तर पर मुझे पूरा सहयोग दे रहे हैं.यह ‘जजस्ट म्यूजिक’ मेरी अपनी कंपनी है.

बचपन से संगीत का शौक था.पर आपने स्व निर्मित फिल्मों में संगीत को लेकर कोई प्रयोग नहीं किया?

-सच कहूं तो यह व्यापार का मसला है. संगीत का शौक था, इसलिए म्यूजिक लेबल शुरू किया. मैं स्पष्ट रूप से बता दूं कि ‘जजस्ट म्यूजिक’ लेबल के तहत गैर फिल्मी संगीत लोगों तक पहुंचाने वाले हैं.इस कंपनी के तहत जो भी गाने बनेंगे,वह हमारी फिल्मों का हिस्सा नहीं होंगे.भविष्य कोई फिल्म चाहे,तो हमारी कंपनी के किसी गाने को लाइसेंस कर सकता है.निर्देशक को ‘जजस्ट म्यूजिक का कोई गाना अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए चाहिए,तो ले सकेगा.

आपने ‘‘जजस्ट म्यूजिक’’के नाम में एक ज्यादा जोड़ा है.क्या यह अंक ज्योतिष का मसला है?

-जी नहीं..मैंने सगीत व कलाकार के साथ न्याय करने के लिए ‘ज’ ‘जे’जोड़ा है.‘जे’ यानी कि जस्टिस’. जब मैं संगीत में जस्टिस की बात करता हूं, तो उसका मतलब कलाकार को महत्व देना है. कई बार कलाकार के तौर पर हमें लगता है कि कलाकार की बजाए अन्य चीजों को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है. हम अपनी इस कंपनी में कलाकारों पर दबाव नहीं डालेंगें. हर कलाकार को लगेगा कि इस तरह का गाना बनना चाहिए, तो हम बनाएंगे. अगर हम ज्यादा पैसा कमाएंगे, तो उसमें से हम इन कलाकारों को भी कुछ देना चाहेंगे. हम दूसरी संगीत कंपनी की तरह  काम नहीं करेंगें.

अब तक कितने गाने बन गए हैं?

-अब तक हमने संगीतकार विशाल मिश्रा व दुरबीन सहित दस संगीतकारों के साथ मिलकर दस गाने तैयार कर लिए हैं.अब तक दो गाने बाजर में आ गए हैंं.

इन दिनों संगीत की जो स्थिति है,उसे आप किस तरह देखते हैं?

मेरी राय में संगीत की हालत बहुत अच्छी है. देखिए,आजकल हर घंटे कोई न कोई युवा नया गाना बाजार में ला रहा है. दूर दराज गांव में बैठा युवा भी अपना गाना लेकर आ रहा है.हमारी कोशिश है कि जिनका कोई सहारा नहीं है,उन्हें हम एक प्लेटफौर्म देकर अच्छा काम करने का अवसर दे.

फिल्म व संगीत में जो बदलाव आ रहा,उस पर आपकी राय?

-बहुत अच्छा बदलाव है.अब हर तरह का संगीत बन रहा है.हर तरह  की फिल्में बन रही हैं.अब कहीं भी कला या व्यावसायिक के रूप में विभाजन नहीं है.

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भविष्य की योजनाओं के बारे में बताएंगे?

-बस इतना ही कहूंगा कि इंतजार करें.

एक्टिंग को अलविदा?

नहीं…मैं कलाकार के तौर पर अपने अंदर नई उर्जा भरने के लिए बीच बीच में ब्रेक लेता रहता हूं. मैं अपनी अदाकारी को परिस्कृत करने का प्रयास करता रहता हूं. 2018 में मैने एक तमिल फिल्म में एक्टिंग किया था.फिलहाल बंगला फिल्मकार अबीर सेन गुप्ता के निर्देशन में फिल्म ‘‘आनंदवा’’ में एक्टिंग कर रहा हूं. इस फिल्म का हिस्सा होने का मुझे गर्व है,पर अभी इस फिल्म को लेकर ज्यादा विस्तार से बात नही कर सकता.

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