मशहूर फिल्मकार संजय लीला बतौर निर्माता फिल्म ‘‘मलाल’’ लेकर आ रहे हैं.  पांच जुलाई को प्रदर्शित होने वाली फिल्म ‘‘मलाल’’ 2004 की सफल तमिल फिल्म ‘‘7 जी रेंबो कालोनी’’का हिंदी रीमेक है.  1998 की पृष्ठभूमि के मुंबई की एक प्रेम कहानी से बौलीवुड में कदम रखने जा रहे मीजान जाफरी फिल्मी बैकग्राउंड से आते हैं, उनके दादा जगदीप और पिता जावेद जाफरी बौलीवुड के नामचीन अभिनेताओं में से एक हैं.  म्यूजिक और स्पोर्टस में अपनी पहचान की आजमाने की चाहत रखने वाले मीजान जाफरी के करियर की शुरूआत एक्टिंग से हुई, पेश है उनसे हुए एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश. . .

सवाल- सुना है आप म्यूजिक और स्पोर्टस में काम करना चाहते थे,मगर फिल्मी माहौल की परवरिश ने आपको भी अभिनेता ही बना दिया?

-मुझे स्कूल दिनों से ही संगीत और स्पोर्टस में रूचि रही है.  मुझे इन्ही क्षेत्रों में कुछ करना था.  पर यह भी सच है कि मेरे दादा जगदीप जी का बौलीवुड में अपना एक मुकाम रहा है.  मेरे पिता जावेद जाफरी ने भी अभिनय में अच्छा नाम कमाया है.  मैंने अपने दादा की फिल्म ‘दो बीघा जीमन’ भी देखी है, जिसमे वह बाल कलाकार थे.  तो जिस माहौल में परवरिश हो रही हो, उसका असर होना स्वाभाविक है.  अनजाने ही दिमाग में फिल्मों की बात आ ही जाती है.  मगर मेरा फिल्मों से जुड़ने के पीछे असली वजह संजय लीला भंसाली सर हैं.

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वास्तव में जब मैं अमरीका में पढ़ाई करने के दौरान छुट्टियों में मुंबई आया, तो अचानक एक दिन मेरी मुलाकात संजय सर (संजय लीला भंसाली) से हो गयी.  उन्होने ही मुझसे अभिनय करने के लिए कहा. उन्होने कहा कि व मुझे अपने बैनर की फिल्म से लांच करेंगें.  तब पहली बार मेरे दिमाग में आया कि मुझे यही करना है. यदि बौलीवुड का इतना बड़ा निर्देशक कुछ कहे, तो उसके मायने होते हैं.  उससे पहले मैं अमरीका के एक कौलेज में बिजनेस की पढ़ाई कर रहा था.

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