फिल्म ‘‘नीरजा’’ में प्लेन हाईजैकर खलिल की क्रूरता, चेहरे पर गुस्सा और पागलपन का अंदाज ऐसा था कि हर कोई खलिल से नफरत करने लगा था. ऐसे खूंखार व सायको आतंकवादी खलिल का किरदार निभाकर रातों रात स्टार बन जाने वाले अभिनेता जिम सर्भ उसके बाद कोई बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल नही कर पाए. ‘नीरजा’के बाद वह ‘‘ए डेथ इन गंज”, ‘‘राब्टा’’, ‘‘पद्मावत’’ और ‘‘संजू’’ में नजर आएं. मगर उन्हें वह सफलता नहीं मिली, जिसकी उम्मीद हर किसी ने की थी.

‘‘नीरजा’’के बाद आपके करियर को आपेक्षित सफलता नही मिली?

मैं यह सब नहीं सोचता. मेरी सोच यह रही है कि जो मुझे मिलना है, वह मिलेगा. मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि उसके बाद मुझे मशहूर व दिग्गज फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली ने फिल्म ‘‘पद्मावत’’ और राज कुमार हिरानी ने ‘‘संजू’’ में अभिनय करने का अवसर प्रदान किया. दोनों ही फिल्मों में मेरे काम को सराहा गया. इसके अलावा मैने बंगला फिल्मकार आदित्य विक्रम सेनगुप्ता की बंगला फिल्म ‘‘जोनाकी’’ भी की. इसमें मुझे बंगला की चर्चित अभिनेत्री लोलिता चटर्जी के साथ अभिनय करने का अवसर मिला. यह फिल्म दो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखायी जा चुकी है.

बंगला फिल्म ‘‘जोनाकी’’ के लिए आपने बंगला भाषा सीखी होगी?

जी नहीं. जरुरत ही नहीं पड़ी. इस फिल्म में मेरे एक भी संवाद नहीं है. मेरे लिए तो यह बंगला फिल्म की बजाय मूक फिल्म रही. मैं सिनेमा को क्षेत्रीयता के आधार पर नहीं देखता. मेरे लिए सिनेमा का कंटेंट मायने रखता है.

आप अपनी तरफ से बेहतर काम पाने के लिए क्या कोशिश कर रहे हैं?

यदि मैं कोशिश नहीं कर रहा होता, तो जिस तरह से आज यहां पर बैठा हूं, नहीं होता. देखिए, मुझे दोहराव पसंद नहीं है. मैं एक ही तरह के किरदार बार बार नहीं निभा सकता. क्या आपको लगता है कि मुझे फिल्में नहीं मिल रही हैं? मुझे फिल्में मिल रही हैं. लेकिन मैं जिस तरह के किरदार निभा चुका हूं, उसी तरह के किरदार मैं दोबारा नहीं निभा सकता. आप भी बौलीवुड की कार्यशैली से परिचित हैं. मेरे पास उसी तरह के किरदार आ रहे थे, तो मैंने मना कर दिया.

आप वेब सीरीज ‘‘स्मोक’’ कर रहे हैं?

मैंने ईरोज इंटरनेशनल की वेब सीरीज ‘‘स्मोक’’ की है. ग्यारह एपीसोड वाली इस वेब सीरीज का प्रसारण 26 अक्टूबर से शुरू होगा. यह गोवा की पृष्ठभूमि में एक रोमांचक फिल्म है. यह वेब सीरीज गोवा वासियों की निडरता के ही साथ सुंदता के नीचे फैले ड्रग्स व सेक्स रैकेट के गहरे स्याह पक्ष का भी चित्रण करती है. मैंने इसमें ड्राइवर का किरदार निभाया है. इसमें मेरे अलावा टौम औल्टर, सत्यदीप मिश्रा, कलकी कोचलीन, गुलशन देवैया, मंदिरा बेदी, नील भूपालन भी हैं. इसके निर्देशक नील गुहा हैं.

पर गोवा ड्रग्स व शराब के लिए जाना चाहता है. यही सब कुछ शायद वेबसीरीज स्मोक की कहानी का भी हिस्सा है?

देखिए, मेरा किरदार तो ड्राइवर का है. ड्राइवर को तो इन सबकी जानकारी हो नहीं सकती. देखिए, हर शहर में कई तरह के बिजनेस चलते हैं. हर बिजनेस में पोलीटिक्स भी होती रहती है. जिसमें टेक ओवर की होड़ लगी होती है. दो उद्योगपति या दो कपनियों की भी एक दूसरे को टेक ओवर करने की होड़ लगी रहती है. वही सब गोवा में भी चलता रहता है और वही हमारी वेब सीरीज में भी है.

आपको लग रहा है कि वेबसीरीज से लोगों को फायदा होगा?

पता नहीं..एक नया माध्यम है. मुझे एक अच्छी कहानी में एक रोचक किरदार निभाने का मौका मिला, तो कर लिया. मुझे तो यह भी नहीं पता कि इसे लोग देखेंगे या नहीं. मेरे पास तो क्रिस्टल बौल है नहीं, जिससे मैं इसका भविष्य जान सकता. मेरे दिल की आवाज ने कहा कि कहानी व किरदार अच्छा है, कर लो. तो मैंने कर लिया. फिर चाहे वह टीवी सीरियल हो, नाटक हो, फीचर फिल्म हो या वेबसीरीज हो. काम करने के बाद क्या मिलेगा? उससे सफलता मिलेगी या नहीं? यह सब मेरे हाथ में नही है. यह सब कुछ दर्शक तय करता है. मेरी सोच सिर्फ इतनी रहती है कि मुझे रोचक किरदार निभाने का मौका मिल जाए. मैंने जोया अख्तर व नित्या मेहरा की वेबसीरीज ‘मेड इन हैवेन’’ भी की है, जो कि मार्च 2019 में आएगी.

इसके अलावा कुछ कर रहे हैं?

अंग्रेजी भाषा की दो फिल्में की हैं. इनमें से एक फिल्म ब्रिटिश लेखक व निर्देशक माइकल विंटरबौटम की ‘‘द वेडिंग गेस्ट’’ है, जिसमें मेरे साथ देव पटेल और राधिका आप्टे हैं. इस फिल्म में देव पटेल ने इंग्लेंड में रहने वाले जय का किरदार निभाया है, जो कि किडनेपर है, जो कि पाकिस्तान जाकर मुस्लिम महिला समीरा का अपहरण करता है. फिर वह पाकिस्तान से भारत दिल्ली तक आता है. समीरा का किरदार राधिका आप्टे ने निभाया है. मैंने समीर के ब्वायफ्रेंड दिपेश का किरदार निभाया है. रोड ट्रिप वाली फिल्म है. हाल ही में यह फिल्म ‘‘टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’’ में दिखायी गयी, जहां इसे काफी सराहा गया.

दूसरी फिल्म निर्देशक नील कुमार की ‘‘विनेथ सी आफ लाइट्स’’ है. इस फिल्म में मैंने औस्कर नौमोनी बरखाद अबदी के साथ अभिनय किया है. इसकी शूटिंग दुबई में हुई है. इस फिल्म में मैंने जिम्मी का किरदार निभाया है. यह फिल्म सड़क के किनारे लगाए जाने वाले बिलबोर्ड की रिपेयरिंग करने वाली की कहानी है. इस बिलबोर्ड में जो लाइट फिट की जाती है, वह काम जिम्मी करता है. यह गरीब इंसान है. पैसा नहीं है. पढ़ाई पूरी नही की है. उसे इससे बेहतर कोई नौकरी नही मिली. इसलिए यह काम कर रहा है. लेकिन उसकी अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं. बिलबोर्ड पर प्रोडक्ट के विज्ञापन को देखकर वह सोचता है कि काश वह इस प्रोडक्ट का मालिक होता. फिर जिम्मी कैसे उसे वहां तक पहुंचाता है. इसमें दुबई को बहुत ही अलग नजरिए से चित्रित किया गया है. फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन का काम चल रहा है.

आप किस माहौल में काम करते हुए इंज्वाय करते हैं?

जहां प्रेशर हो. जब मुझ पर प्रेशर पड़ता है, तो मैं ज्यादा अच्छा अभिनय कर लेता हूं.

देव पटेल के साथ तो आपकी यह पहली फिल्म होगी. क्या अनुभव रहा?

हंसी मजाक वाला युवक है. हमने काफी इंज्वाय किया. उसके साथ मैंने टेबल टेनिस भी खेला.

अच्छा तो आप टेबल टेनिस भी खेलते हैं?

मेरी स्पोर्ट्स में बड़ी रूचि है. मुझे टेबल टेनिस, फुटबौल व बैडमिंटन खेलना बहुत पसंद है. मैं यह तीनों खेल स्कूल के जमाने से खेलता आया हूं. अभी भी मौका मिलता है, तो मैं फुटबौल या टेबल टेनिस खेलता हूं. मुझे टेबल मिल जाए, तो मैं टेबल टेनिस खेलने से अपने आपको रोक नही पाता. लोगों के साथ बैठकर बातें करने की बजाय टेबल टेनिस खेलने में समय बिताना मुझे ज्यादा अच्छा लगता है. मैं किसी के भी साथ टेबल टेनिस खेल सकता हूं. यदि मुझे मंजे हुए खिलाड़ी के साथ टेबल टेनिस खेलना हो, तो मैं बहुत सावधानी के साथ खेलता हूं. पर यदि सामने वाला मुझसे कमजोर खिलाड़ी है, तो उसे शाट्स देता रहता हूं और इंज्वाय करता हूं.

थिएटर में कुछ नया कर रहे हैं?

मेरा एक नाटक बहुत जल्द शुरू होने वाला है, जिसका नाम है- ‘‘कौटोलेशन’’. यह एनसीपीए का नाटक है. 29 अक्टूबर से इसकी रिहर्सल शुरू होगी.

आप बीच में म्यूजिक वीडियो भी कर रहे थे?

किसने बताया? अभी चार दिन पहले ही तो मैंने प्रतीक कुल्हाड़ के लिए राधिका आप्टे के साथ म्यूजिक वीडियो शूट किया है. इससे अधिक नही बता सकता.

आपके किसी नाटक पर भी तो फिल्म बन सकती है?

मेरे एक नही कई नाटक हैं, जिन पर फिल्म बन सकती है. मेरे दिमाग में कुछ चल भी रहा है. पर नाटक का नाम नही लूंगा, नही तो कोई अन्य इंसान मुझसे पहले उस पर फिल्म बना देगा. कुछ तो सिक्रेट रहने दो.

किसी भी फिल्म में काम करना स्वीकार करते समय किस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं?

मैं सिर्फ अंतर आत्मा की आवाज सुनता हूं. मुझे लगता है कि मेरे अंतर्मन को कुछ तो पता है, जो मुझे इशारा करता है कि क्या करें,क्या ना करें.

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