डौक्युमेंट्री फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखने वाले निर्देशक कबीर खान दिल्ली के है. उन्हें हमेशा से ही कला और साहित्य से जुड़े विषयों पर काम करने का शौक था. उनका शुरूआती दौर बहुत संघर्षमय था, पर उन्हें जो भी काम मिला करते गए. उनकी सबसे सफलतम फिल्म ‘एक था टाइगर’ थी. जिसके बाद से उन्हें इंडस्ट्री में पहचान मिली. उन्हें बड़ी फिल्मों से अधिक डौक्युमेंट्री फिल्में बनाना पसंद है, जिसमें वे दर्शकों को कुछ सन्देश दे सके. उनकी वेब सीरीज ‘द फौरगोटन आर्मी- आज़ादी के लिए’ अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज होने वाली है. पेश है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश.

सवाल-इस कहानी में खास क्या है?

ये कहानी मेरे लिए बहुत ख़ास है, 20 सालों से मैं इसे कहना चाहता था, पर किसी न किसी कारणों से ये नहीं बन पायी. मेरे लिए ये एक बड़ी कामयाबी है कि मैं इसे दर्शकों तक पहुंचा पाया. ये उन वीरों की कहानी है, जिन्होंने अपने जान की कुर्बानी दी, पर बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी है. मैंने बीच में कई डॉक्युमेंट्री और फिल्में भी बनायीं, पर इसे नहीं बना पाया, क्योंकि मैं इसे बड़े स्केल पर बनाना चाहता था. कई बड़े बैनर नजदीक आये पर कुछ कारणों से नहीं बन पायी. ये लम्बी फोर्मेट कि फिल्म है, इसमें मुझे कई चीजों को अच्छी तरह से दिखाने का अवसर मिला है. इसकी 5 सीरीज है.

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सवाल-आप इस तरह की वार फिल्में अधिक बनाते है, इस तरह की रूचि होने की वजह क्या है?

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