कोरोनावायरस महामारी काल में जहां सभी कलाकार अपने प्रचार के मकसद से अपने घर के अंदर बैठ कर कई तरह के काम करते हुए वीडियो फिल्माकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते आ रहे हैं, वहीं अभिनेता कार्तिक आर्यन एक सामाजिक जिम्मेदारी के तहत सोशल मीडिया और इंटरनेट पर एक चैट शो "कोकी पूछेगा"की शुरुआत की और वह इसके हर एपिसोड में अलग-अलग कोरोना वारियर्स के साथ-साथ ऐसे लोगों से बातचीत करते आ रहे हैं. जिससे दूसरे आम लोगों को कुछ नई जानकारी मिले और लोगों में एक जागरूकता आए. अब कार्तिक आर्यन ने मनोचिकित्सक डॉ गीता जयराम के साथ मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर बड़ी गहन बात की है .
कार्तिक ने पिछले एपिसोडस में एक डॉक्टर और एक रिपोर्टर सहित विभिन्न क्षेत्रों के कई फ्रंटलाइनरों का इंटरव्यू कर चुके है और घातक वायरस के बारे में जागरूकता फैलाई है. लेकिन नवीनतम एपिसोड में वह एक बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाता है, जिसके बारे में कम बात की जाती है, एक महामारी के रूप में खतरनाक है और अत्यधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. सोशल मीडिया पर इंटरव्यू की एक झलक साझा करते हुए, कार्तिक ने वीडियो को कैप्शन देते हुए कहा, सबसे महत्वपूर्ण एपिसोड देखो और बाताओ !! एपिसोड 7 आउट नाउ , 'और यह वास्तव में एक महत्वपूर्ण एपिसोड है."
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https://www.youtube.com/watch?v=x817aRPLV4s&feature=youtu.be
कार्तिक आर्यन ने जॉन हॉपकिंस अस्पताल, बाल्टीमोर की मनोचिकित्सक डॉ गीता जयराम का इंटरव्यू लिया हैं. कार्तिक एपिसोड की शुरुआत में ही कहते हैं कि अवेयरनेस में बुरा है क्या (जागरूकता फैलाने में कुछ भी गलत नहीं है), वह मानसिक स्वास्थ्य के महत्व का संक्षिप्त परिचय भी देते है. बाद में मनोचिकित्सक विशेषज्ञ डॉ गीता जयराम से मिलवाते हैं और उन्हें आगाह करते हैं कि वे डी शब्द ( डिप्रेशन शब्द का हवाला देते हुए) का उपयोग न करें बल्कि इसे देवदास कहें.
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