हमारे समाज में लोग सेक्स पर खुलकर बात नहीं करते है, लेकिन हम सब इस बात को समझते हैं और मानते हैं कि अगर ऐसा हो तो हमारा समाज एक स्वस्थ समाज होगा. खानदानी शफाखाना एक हंसी-मजाक वाली, लेकिन समाज से जुड़ी हकीकत पर आधारित फिल्म के रूप में इस मुद्दे को उठाती है.

सोनाक्षी ने कहा ये...

इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रही, सोनाक्षी सिन्हा भी इस बात से इत्तेफाक रखती हैं. "मैंने इस फिल्म को करने का फैसला किया क्योंकि यह हम सबसे जुड़ा हुआ एक बहुत ही और अहम विषय है जिसपर बात-चीत की जानी चाहिए. मैं नहीं चाहती कि कोई भी, औरत या मर्द, सेक्स के बारे में बात करने से कतराए. मुझे उम्मीद है कि मेरा इस फिल्म को करना, उन्हें खुलकर सेक्स से जुड़ी समस्याओं के बारे में बात करने की हिम्मत देगा. मुझे यकीन है कि यह फिल्म लोगों को सोचने... और बात करने पर मजबूर कर देगी. बात तो करो!"

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पंजाबी लड़की की कहानी का सिलसिला बयान करती हुई फिल्म

एक छोटे से शहर से आयी एक पंजाबी लड़की की कहानी का सिलसिला बयान करती हुई फिल्म, जिसे हालात एक सेक्स क्लिनिक चलाने के लिए मजबूर कर देते हैं. यह फिल्म एक ऐसे विषय का रास्ता खोलती है जिसके बारे में शायद ही कभी बात की जाती है. सोनाक्षी सिन्हा और निर्देशक, शिल्पी दासगुप्ता द्वारा बड़ों के बीच भी सेक्स के बारे में चर्चा करने के टैबू और शर्म को सबके सामने लाकर एक दिलेर कदम उठाया है. शिल्पी दासगुप्ता ने कहा, "सोनाक्षी ने इस चुनौती को अच्छी तरह से स्वीकार किया, ये एक ऐसी चीज़ है जिसके बारे में बात करने में भी लोग हिचकिचाते हैं, किरदार निभाना तो दूर की बात है. हमें उम्मीद है कि हम लोगों को सेक्स को एक गंदा शब्द न समझने में मदद कर पायेंगे.”  यह सेक्स पर आधारित एक ही ऐसी फिल्म है जो पूरे परिवार के लिए हैं!

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