शादी के बाद फिल्मों से दूरी बनाने वाली ‘धक धक गर्ल’ के नाम से मशहूर बौलीवुड दिवा माधुरी दीक्षित ने 2013 में फिल्म ‘बांबे टौकीज’ से दोबारा एक्टिंग करियर में कदम रखा. लेकिन इस बार माधुरी ने सिर्फ एक्टिंग में ही नही डांस के क्षेत्र में भी अपना हाथ आजमाया है. इसी के चलते अपनी वेब साइट के जरिए लोगों को डांस की ट्रेनिंग भी देनी शुरू की. वहीं उन्होने मराठी फिल्म ‘15 अगस्त’ का निर्माण भी किया. साथ ही समाज सेवा से भी जुड़ी हुई हैं. इन दिनों वह 17 अप्रैल को प्रदर्शित हो रही फिल्म ‘कलंक’ को लेकर चर्चा में हैं. जिसमें वह संजय दत्त के साथ 21 वर्ष बाद नजर आएंगी. पेश है उनके साथ हुई मुलाकात के कुछ अंश...
आपके अनुसार सिनेमा कहां से कहां पहुंचा?
-जब मैने अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था, उन दिनों ज्यादातर बिजनेस सिनेमा ही बन रहा था. पर उस वक्त भी शबाना आजमी, स्मिता पाटिल जैसी अभिनेत्रियां अलग तरह का सिनेमा कर रही थीं, जिसे आर्ट सिनेमा की संज्ञा दी जा रही थी. पर बड़े स्टार केवल कमर्शियल सिनेमा किया करते थे. पर अब सिनेमा में भेदभाव खत्म हो चुका है. आजकल कटेंट प्रधान फिल्में बनने लगी हैं, जहां स्टार वैल्यू के मायने नहीं है. पर यह फिल्में भी मनोरंजन प्रधान होने चाहिए, ऐसी दर्शकों की मांग है. दर्शक काफी मैच्योर हो गए हैं. अब सिनेमा सिर्फ सिनेमा है, भाषा अलग हो सकती है. बाकी कोई विभाजन नहीं रहा. आजकल डिजिटल की वजह से लोग पूरे विश्व का सिनेमा देख पा रहे हैं. इस वजह से दर्शक चाहता है कि भारतीय सिनेमा में भी अलग-अलग कंटेंट पर फिल्में बनें.
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