Akshay Kumar : अक्षय कुमार ने 1991 में फिल्म सौगंध के जरिए अभिनय करियर में अपनी शुरुआत की थी और उसके बाद 1992 में फिल्म खिलाड़ी के जरिए पहली बार सफलता की सीढ़ी चढ़ना शुरू किया.  इस दौरान अक्षय कुमार ने कई सारी फ्लौप फिल्में भी दी, लेकिन धीरेधीरे सफलता असफलता के बीच संघर्ष करने वाले अक्षय कुमार ने कई सारी हिट फिल्में भी दी. लेकिन एक कलाकार को जब तक अभिनय के लिए पुरस्कार नहीं मिलता.

तब तक उसको अपने अभिनय पर विश्वास भी नहीं होता. लिहाजा कई सारी फिल्मों और कई सारे अवॉर्डों के बीच जब अक्षय कुमार को 2016 में फिल्म रुस्तम के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला तो अक्षय कुमार को अपने ऊपर गर्व महसूस हुआ. ऐसे में जब राष्ट्रीय पुरस्कार अवार्ड फंक्शन में अक्षय कुमार अपना पुरस्कार लेने पहुंचे तो वह बहुत ही प्राउड फील कर रहे थे. लेकिन तभी एक मलयालम एक्ट्रेस ने आकर उनको पूरी तरह से शर्मिंदा कर दिया.

अक्षय कुमार के अनुसार जब मैं राष्ट्रीय पुरस्कार लेने फंक्शन में पहुंचा तो वहां पर और भी लोग राष्ट्रीय पुरस्कार लेने आए हुए थे. इस दौरान एक मलयालम एक्ट्रेस ने आकर मुझे मेरी बहुत तारीफ करते हुए कहा कि वह मेरी फैन है और उसने मेरी सब फिल्में देखी हुई है. वह खुद भी राष्ट्रीय पुरस्कार लेने आई हुई थी. जब मैंने उसको पूछा कि आपने अब तक कितनी फिल्में की है और कितने साल बाद आपको राष्ट्रीय पुरस्कार मिल रहा है? तो उसने मुस्कुराते हुए कहा कि यह मेरी पहली ही फिल्म है जिसके लिए मुझे मलयालम फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ हीरोइन का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल रहा है.

यह सुनकर मैं शर्मिंदा हुए बगैर नहीं रह पाया क्योंकि मुझे करीबन डेढ़ सौ फिल्मों में काम करने के बाद राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था और उस मलयालम लड़की को पहली फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस बात कि मुझे खुशी भी हुई. लेकिन साथ ही मुझे शर्मिंदगी भी महसूस हुई . हालांकि इस फिल्म के बाद फिल्म पैड मैन के लिए भी मुझे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला इस फिल्म का मै एक्टर और निर्माता दोनों था.

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