स्टैंडअप कौमेडियन के नाम से जानी जाने वाली एक्ट्रेस मल्लिका दुआ एक हास्य कलाकार है. वह इन्स्टाग्राम और स्नैपचैट के पोस्ट के लिए पौपुलर है. एक्ट्रेस से पहले वह एक लेखक थी. उसे बचपन से क्रिएटिव काम करने में अच्छा लगता था. उसके पिता पत्रकार विनोद दुआ है और उनसे वह जीवन की सीख लेती है. उन्हें अपना आदर्श भी मानती है. एक्टिंग के अलावा वह लिखने का भी काम करती है और उसकी फिल्म बनाने की इच्छा रखती है. कई फिल्मों में काम करने के बाद मल्लिका अभी हॉटस्टार की वेब सीरीज ‘द ऑफिस सीजन 2’ में काम किया है. उनसे उनकी जर्नी के बारें में बात हुई आइये जाने.

सवाल-इसे करने की खास वजह क्या है?

ये द औफिस के आगे की कहानी है, जिसमें एक नया स्टाफ मेंबर मैं हूं. वह एक अजीब सी लड़की है और उसका औफिस से कुछ लेना देना नहीं. इसके अलावा इसमें औफिस में कुछ मजेदार चीजो को दिखाया है.

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सवाल-आप रियल लाइफ में कैसी है?

मैं बहुत शाय और शांत किस्म की लड़की हूं. अधिक मजाक किसी से नहीं करती. कोई मुझसे मिलता है तो वह मेरे काम को देखकर चौक जाता है, पर मैं वैसी ही हूं.

सवाल-हास्य कलाकार कैसे बनी ?

कभी मैंने सोचा नहीं था कि मैं स्टैंडअप कौमेडियन बनूंगी. जब मैं कौलेज में थी तो एक थिएटर ग्रुप के लिए औडिशन दिया. वहां मुझे एक कौमेडी प्ले में काम करने का मौका मिला. इसके अलावा जब मैं विज्ञापन के क्षेत्र में काम कर रही थी, तो मुझे मजेदार बात करना और लिखना पसंद था. ऐसा करते-करते इस क्षेत्र में आ गयी. फिर इन्स्टाग्राम, फेसबुक आदि में मैं कुछ-कुछ पोस्ट करने लगी और मुझे ये टैग मिल गया. मैंने इस बारें में कुछ पहले से प्लान नहीं किया था.

सवाल-‘बिलो द बेल्ट’ कौमेडी न हो इस बातपर आप कितना ध्यान रखती है?

इस बात पर मैं अधिक ध्यान नहीं देती. बस देखती हूं कि पंच को अप करों डाउन मत करों, क्योंकि सिचुएशनल कौमेडी में अधिक मज़ा आता है. मैंने देखा है कि आजकल लोगों की मानसिकता बदल चुकी है. अगर अच्छी बात भी कह दो, तो भी उन्हें बुरा लग जाता है. मुझे अगर किसी मजाक से हंसी आ रही है और देश को कोई नुकसान नहीं पहुंच रहा है तो मैं उसे करती रहती हूं. कौमेडी लोगों को हंसाती है और ये अगर हो रहा है तो आप करते रहे.

सवाल-महिला कौमेडियन बहुत कम है, किसे आप अपना रोल मौडल मानती है?

मैं विदेशी कौमेडियन्स और पाकिस्तान की बुशरा अंसारी से बहुत प्रेरित हूं. मुझे वैसे ही बनना है. राजू श्रीवास्तव, कुनाल कामरा आदि कई है, जो एक चरित्र को बनाते है. उन्हें भी मैं देखना पसंद करती हूं.

सवाल-कौमेडी के अलावा क्या करना चाहती है?

मैं विलेन और एक्शन फिल्में करने की इच्छा रखती हूं. महिला को हमेशा हंसने वाले चरित्र दिया जाता है, पर मैं न हंसने वाली चरित्र करना चाहती हूं.

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सवाल-यहां तक पहुंचने में परिवार का कितना सहयोग है?

95 प्रतिशत परिवार का ही सहयोग है. उनकी वजह से मैं यहां तक पहुंची हूं. उन्होंने मुझे हमेशा सही बात कहने की सीख दी है. मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे सहयोग दिया है. उनका कहना था कि जो भी करों उसे सही तरह से करों.

सवाल-कौमेडियन फिल्मों से गायब हो चुके है, इसे कैसे लेती है?

ये खराब नहीं है. पहले लोग डरते थे, क्योंकि उन्हें लगता था कि उनकी इमेज ख़राब हो जाएगी, पर श्री देवी, करिश्मा कपूर और जूही चावला ने कौमेडी की और अच्छी एक्ट्रेस भी रही. कौमेडी एक इमोशन है, जिसे कलाकारों को करना पड़ता है और ये गलत नहीं, उनकी काबिलियत को दर्शाती है.

सवाल- सुपर पावर मिले तो क्या बदलना पसंद करेंगी?

मेरे हिसाब से आप जितनी भी जलेबियां खा लें, आपकी वजन न बढे.

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