बहुमुखी प्रतिभा की धनी प्रशंसा शर्मा वास्तव में बधाई की पात्र है. वह लेखक, भारत नाट्यम नृत्यांगना, कराटे में ब्लैक बेल्ट धारी, गायक व अभिनेत्री हैं. झारखंड के झुमरी तलैया निवासी प्रशंसा शर्मा की शिक्षा देहरादून के बोर्डिंग स्कूल में हुई, फिर उन्होने दिल्ली के हिंदू कॉलेज से दर्शन शास्त्र में स्नातक तक की पढ़ाई की. उसके बाद थिएटर करती रहीं. इसी बीच उन्हें स्कॉलरशिप मिल गयी, तो वह प्राग चली गयी. वहां पर अभिनय की पढ़ाई करने के साथ ही यूरोपीय सिनेमा में न सिर्फ अभिनय किया, बल्कि वहां पर एक फिल्म लिखी थी, जिसमें उन्होने अभिनय किया था. पर अपनी मातृभाषा और अपने वतन में काम करने की इच्छा के चलते वह वापस भारत आकर बॉलीवुड पहुंच गयी. यहा पर कुछ फिल्मों में छोटे किरदार निभाए. उसके बाद ‘फोर मोर शॉट्स’, ‘मिर्जापुर’, ‘मिर्जापुर 2’मे अभिनय किया. इन दिनों ‘आल्ट बालाजी’और ‘जी 5’की वेब सीरीज‘‘बिच्छू का खेल’’में पूनम तिवारी के किरदार में नजर आ रही हैं.
प्रशंसा शर्मा से हुई एक्सक्लूसिब बातचीत इस प्रकार रही.
‘‘झुमरी तलैया’’जैसी छोटी जगह से मुंबई आकर कैरियर बनाने का अनुभव क्या रहा?
-बहुत मुश्किल रहा. पर मजा भी आया. बहुत संघर्ष रहा. क्योंकि हमें पता ही नहीं था कहां-कहां कहां औडीशन हाते हैं. मैं बहुत भटकी हूं. अब तो यह याद नही कि हमने कितनी बार औडीशन दिया, कितनी बार रिजेक्ट हुई, कितनी बार फिल्म मिलते मिलते भी नहीं मिली. मेरे लिए यह यात्रा बहुत ही सुंदर रही. मैंने अपने मुकाम को देखना छोड़ दिया है. बस, जिस तरह से चीजें सामने आ रही है, उसे ही इंज्वॉय करती जा रही हूं. मेरे काम की प्रशंसा करने वालों की मैं शुक्रगुजार हूं. हो सकता है कि आगे मुझे प्रशंसा ना भी मिले, तो मैं उसके लिए भी तैयार हूं.