रेटिंगः डेढ़ स्टार
निर्माताः एक्सेल मीडिया एंड एंटरटेनमेंट और पुनीत कृष्णा
निर्देशकः गुरमीत सिंह और मिहिर देसाइ
कलाकारः पंकज त्रिपाठी, अली फजल, दिव्यांन्दु, श्वेता त्रिपाठी शर्मा, रसिका दुगल, हर्षिता शेखर गौड़.
अवधिःदस एपीसोड, लगभग नौ घंटे
ओटीटी प्लेटफार्मः अमैजान प्राइम
रितेश सि़वानी और फरहान अख्तर अपनी प्रोडक्शन कंपनी ‘एक्सेल मीडिया एंड इंटरटेनमंेट’के तहत सबसे ‘अमैजान प्राइम’के लिए जुलाई 2017 में वेब सीरीज ‘इनसाइड एज’का निर्माण किया, जिसे सफलता मिली. मगर ‘इनसाइड एज’का दूसरा सीजन दिसंबर 2019 में आया, जो दर्शकों को पसंद नही आया. क्योंकि इसमें बेवजह के किरदार जोड़कर कहानी को बेवजह अलग ढर्रे पर ले जाने का प्रयास किया गया था. यही गलती अब एक बार फिर दोहरायी गयी है. जी हॉ!उत्तर भारत के पूर्वांचल की पृष्ठभूमि पर अपरध, खून खराबा , गोलीबारी वाली वेब सीरीज ‘‘मिर्जापुर’’ का पहला सीजन नवंबर 2018 में आया, तो इसे अच्छी सफलता मिली. मगर अब 23 अक्टूबर को ‘मिर्जापुर’का सीजन दो आया है, जो बुरी तरह से निराश करता है. मजेदार बात यह है कि ‘मिर्जापुर सीजन दो ’को लाने से पहले प्रचार किया गया था कि बहुत बड़ा हंगामा करने वाले हैं. मगर यह तो फुसफुसा पटाखा ही साबित ुहुआ. इस बार फिर वही गलती दोहराते हुए कहानी को मिर्जापुर के साथ साथ लखनउ, बलिया, सीवान, बिहार तक फैलाने के चक्कर में बंदूक, कट्टा आदि के साथ साथ अफीम की खेती व अफीम के व्यापार तक को कहानी का हिस्सा बनाया गया. इतना ही नहीं लखनउ में रॉबिन( प्रियांशु पेन्युअली)और सीवान, बिहार में दद्दा त्यागी(लिलिपुट), उनकी पत्नी, साले और जुड़वा बेटों(विजय वर्मा ) को जोड़ा गया है. यह सभी किरदार मलमल में ताट का पैबंद नजर आते हैं. इनका कहानी में कोई योगदान नही है. यदि यह न हो तो भी कहानी पर असर नहीं पड़ना है. इसी तरह से कहानी में बेवजह शरद शुक्ला का किरदार जोड़ा गया है. इतना ही नही ‘मिर्जापुर’ पर कब्जे को लेकर जिस तरह का अंतर्विरोध और लड़ाई, शतरंजी चालें त्रिपाठी परिवार के अंदर चल रही हैं, उनमें से कुछ तो अविश्वसनीय लगती हैं.