प्यार से ‘बिग बी’ कहकर पुकारे जाने वाले अमिताभ बच्चन ने आज 11 अक्टूबर को अपनी जिन्दगी के 75 बरस पूरे कर लिए हैं. करोड़ों दिलों पर छाए रहने वाले बौलीवुड के ‘शहंशाह’, और ‘सुपरस्टार आफ द मिलेनियम’ के खिताबों से नवाजे गए अमिताभ बच्चन के बारे में इतना लिखा-पढ़ा जाता है कि अब शायद ही कोई ऐसी जानकारी होगी, जिसे उनके चाहने वाले न जानते हों. लेकिन फिर भी, आज उनके जन्मदिन के इस खास मौके पर एक बार फिर हम कोशिश करते हैं आपके चहेते सुपरस्टार बिग बी के बारे में आपको कुछ नया बताने की.
11 अक्टूबर सन् 1942 को प्रसिद्ध कवि हरिवंशराय बच्चन और उनकी पत्नी तेजी बच्चन के पहले पुत्र के रूप में अमिताभ बच्चन ने इस दुनिया में कदम रखा. बता दें कि पहले अमिताभ का नाम ‘इंकलाब’ रखा जाने वाला था. इसका कारण यह थी कि गर्भावस्था के दौरान भी उनकी माता ने सत्याग्रह आंदोलन में भाग लेना बंद नहीं किया और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अमरनाथ झा ने उन्हें ‘इंकलाब’ नाम का सुझाव दिया, जो हरिवंशराय को भी पसंद आया, लेकिन जब कवि सुमित्रानंदन पंत ने उन्हें ‘अमिताभ’ नाम का सुझाव दिया तो हरिवंशराय को यह नाम ज्यादा पसंद आया और उन्होने पुत्र का नाम अमिताभ (इसका अर्थ है जिसकी आभा कभी न मिटे) रख दिया.
अमिताभ और उनकी पत्नी जया बच्चन की पहली मुलाकात पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट में हुई थी, और दूसरी बार वे ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्म ‘गुड्डी’ के सेट पर मिले. दरअसल, ऋषिकेश मुखर्जी ने ‘गुड्डी’ में नायक के तौर पर पहले अमिताभ को चुना था और उनके साथ कई सीन भी शूट कर लिए थे, लेकिन बाद में उन्हें यह कहकर फिल्म से हटा दिया गया, कि वह इस भूमिका में ‘सूट’ नहीं करते. जिसके बाद फिल्म में नायक का किरदार समित बांजा को सौंपा गया. हालांकि एक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि ‘गुड्डी’ के बाद ऋषिकेश मुखर्जी ने अमिताभ बच्चन के साथ ‘मिली’, ‘चुपके चुपके’ और ‘अभिमान’ जैसी कई सुपरहिट फिल्में कीं.
फिल्म ‘जंजीर’ की शूटिंग के दौरान सभी कलाकारों ने फिल्म के हिट होने की स्थिति में विदेश घूमने का कार्यक्रम बनाया था. चूंकि यह अमिताभ और जया की एक साथ पहली विदेश यात्रा थी, इसलिए अमिताभ ने अपने पिता से अनुमति मांगी, और उन्होंने सवाल किया कि क्या जया भी उनके साथ जाएंगी. जब अमिताभ ने ‘हां’ कहा, तो उन्हें देश छोड़ने से पहले विवाह कर लेने का आदेश दिया गया, जिसे उन्होंने मान लिया और फिल्म ‘अभिमान’ के रिलीज होने से एक महीना पहले उन्होंने जया से शादी कर ली.
आपको बता दें कि ‘जंजीर’ अमिताभ की पहली हिट फिल्म थी, जिसने उन्हें ‘एंग्री यंगमैन’ की भूमिका में स्थापित करने के साथ पहली बार उनके किरदार को ‘विजय’ नाम दिया गया, जो बाद में 18 अन्य फिल्मों में भी अमिताभ के किरदार को दिया गया. इसके अलावा ‘अमित’ भी उनके लोकप्रिय नामों में से एक है, जो लगभग 10 फिल्मों में उनके किरदारों को दिया गया. अमिताभ बच्चन ने लगभग 12 फिल्मों में दोहरी भूमिका (डबल रोल) निभाई है, जबकि एक फिल्म निर्देशक एस. रामानाथन की ‘महान’ में उन्होंने तिहरी भूमिका (ट्रिपल रोल) निभाया है.
क्या आप जानती हैं कि 1980 के दशक में अमिताभ बच्चन के चेहरे को लेकर एक कामिक्स चरित्र ‘सुप्रीमो’ की रचना की गई थी, जिसकी सीरीज का नाम ही ‘द एडवेन्चर्स आफ अमिताभ बच्चन’ (किस्से अमिताभ बच्चन के) रखा गया था. जिसे लगभग दो साल तक प्रकाशित किया गया.
वर्ष 1984 में भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद अमिताभ बच्चन इंदिरा के पुत्र और अपने मित्र राजीव गांधी के कहने पर राजनीति में शामिल हुए और इलाहाबाद की लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर ‘भारतीय राजनीति के चाणक्य’ कहे जाने वाले दिग्गज नेता हेमवतीनंदन बहुगुणा को पराजित किया था.
अमिताभ बच्चन ने मुंबई में फिल्मों में किस्मत आजमाने से पहले कोलकाता में रेडियो एनाउंसर और एक शिपिंग कंपनी में एक्जीक्यूटिव के तौर पर भी काम किया था. मुंबई आते वक्त उनके पास तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, जो अमिताभ के मित्र राजीव गांधी की मां भी थीं, का लिखा सिफारिशी खत था, जिसकी बदौलत उन्हें के.ए. अब्बास की फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ में काम मिला. इसी भूमिका के लिए उन्हें पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी हासिल हुआ.
अमिताभ बच्चन मुंबई में अपने शुरुआती दिनों में प्रसिद्ध हास्य कलाकार तथा निर्माता-निर्देशक महमूद के घर पर रहे थे, और बाद में उन्होंने महमूद की फिल्म ‘बौम्बे टु गोवा’ में काम भी किया.
मुकुल आनंद की फिल्म ‘खुदा गवाह’ की अफगानिस्तान में शूटिंग के दौरान तत्कालीन अफगानी राष्ट्रपति नजीबुल्लाह ने अमिताभ बच्चन की सुरक्षा के लिए देश के लगभग आधे सुरक्षा तंत्र को तैनात कर दिया था. बताया जाता है कि ‘खुदा गवाह’ अफगानिस्तान के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी हिट फिल्म है.
वर्ष 1999 में बीबीसी द्वारा कराए गए एक पोल में अमिताभ बच्चन ने मार्लोन ब्रान्डो तथा चार्ली चैपलिन जैसे दिग्गज अभिनेताओं को पछाड़कर ‘ग्रेटेस्ट स्टार आफ द मिलेनियम’ का खिताब जीता, हालांकि अमिताभ ने उस वक्त कहा था कि वह स्वयं मार्लोन ब्रान्डो को वोट देते.
वर्ष 2003 में अमिताभ बच्चन को फ्रांस के ड्यूविले शहर की मानद नागरिकता भी प्रदान की गई, जो किसी भी विदेशी के लिए बेहद दुर्लभ कही जाती है. उल्लेखनीय है कि अमिताभ बच्चन के अतिरिक्त यह सम्मान केवल ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, पहली बार अंतरिक्ष में प्रवेश करने वाले रूसी अंतरिक्ष यात्री यूरी गागारिन तथा पोप जान पाल द्वितीय को ही दिया गया है.
अमिताभ बच्चन शुद्ध शाकाहारी हैं, और जानवरों के हितों के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘पीपल फार द एथिकल ट्रीटमेंट आफ एनिमल्स’ (पेटा) द्वारा कराए गए पोल में उन्हें ‘हाटेस्ट वेजीटेरियन अलाइव’ का खिताब दिया गया था.