‘बाहुबली-2: द कन्क्लूजन’ को दुनिया भर में जोरदार रिस्पॉन्स मिला है. बड़ों के साथ इस फिल्म ने बच्चों को भी खूब लुभाया है. वे भी यह जानने को थिएटर्स में पहुंचे कि आखिर कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा था.

लेकिन सिंगापुर में इस फिल्म को बच्चे नहीं देख पा रहे हैं क्योंकि वहां बाहुबली-2 को ए सर्टिफिकेट दिया गया है. फिल्म में दिखाई गई हिंसा को देखते हुए सिंगापुर के सेंसर बोर्ड ने फिल्म को NC16 सर्टिफिकेट दिया है जिसका मतलब है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चे इस फिल्म को नहीं देख पाएंगे.

खबरों की मानें तो भारतीय सेंसर बोर्ड के चेयरपर्सन पहलाज निहलानी ने बताया कि हमारी ओर से फिल्म को U/A सर्ट‍िफिकेट के साथ बिना किसी कट के रिलीज किया गया था. लेकिन सिंगापुर के फिल्म सेंसर बोर्ड के हिसाब से बाहुबली-2 में जरूरत से ज्यादा हिंसक दृश्य दिखाए गए हैं. सिंगापुर के सेंसर बोर्ड को युद्ध वाले सीन, सैनिकों के गला काटने वाले सीन बेहद हिंसक लगे. एशिया और यूरोप में ज्यादा भारतीय फिल्मों को ए सर्टिफिकेट दिया जाता है.

पहलाज ने यह भी स्पष्ट किया कि एशिया और यूरोप के कई देशों में भारत की तुलना में ज्यादा फिल्मों को ए-सर्टिफिकेट मिलता है.

पहलाज निहलानी का इस बारे में कहना है कि, हमारी और उनकी संस्कृति में फर्क है. इसकी कई वजहें भी हैं. जैसे कि भारतीय कहानियों में राक्षस के सिर काटने का जिक्र होता है. हमारे देश के बच्चे इस तरह की कहानियां सुनकर हुए बड़े होते हैं. अगर हम इस तरह का कोई सीन काटते तो हमें गैर धार्मिक माना जाता.

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