बॉलीवुड के हास्य अभिनेताओं में राजपाल यादव का नाम भी उल्लेखनीय है. राजपाल यादव ने अपने करियर की शुरुआत देर से की थी. लेकिन उन्होंने अपना मुकाम बहुत जल्दी हासिल कर लिया.

16 मार्च 1971 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से 40 किलोमीटर दूर कुंद्रा गांव में राजपाल यादव का जन्म हुआ. राजपाल यादव ने अपनी स्नातक की डिग्री शाहजहांपुर से प्राप्त की और लखनऊ चले गए. लखनऊ के BNA से पढ़ाई की और फिर दिल्ली में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा चले गए और फिर मुम्बई.

प्रारंभिक जीवन

राजपाल यादव ने अपने स्कूल के दिनों में भी नाटकों में हिस्सा लिया है. राजपाल यादव स्कूल में बायोलॉजी के विद्यार्थी थे और उनके प्रोफेसर उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे. लेकिन राजपाल यादव ऐसी फील्ड  में जाना चाहते थे जहां उन्हें नौकरी न करनी पड़े.

समय और सोच आगे बढ़ी राजपाल यादव ने शाहजहांपुर की ऑडियंस क्लोजिंग फैक्ट्री में एडमिशन लिया और ढ़ाई साल इन्होंने वहां से प्रशिक्षण प्राप्त किया. इसके बाद Croation Art Theatre शाहजहांपुर जो काफी स्थापित संस्था है, राजपाल यादव ने यहा आने के बाद संस्था के संस्थापक जरीफ मालिक आनंद के सानिध्य में कला का प्रशिक्षण प्राप्त किया और उसमें छोटे-छोटे रोल करने लगे. दूसरे कामों की अपेक्षा, एक्टिंग में राजपाल यादव को ज्यादा खुशी मिलती थी.

एक दफा विभा मिश्रा जी के समक्ष राजपाल यादव ने रोल प्ले किया अंधेर नगरी चौपट राजा में और इस प्ले के बाद राजपाल यादव ने अपने जीवन में एक्टिंग करने का निर्णय ले लिया था.

राजपाल यादव लखनऊ से निकलने के बाद दिल्ली चले गए और वहां पर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से ढ़ाई साल प्रशिक्षण लिया और अपनी कला को पूरी लगन के साथ निखारा. 1997 में राजपाल यादव मुम्बई गए. मुम्बई में प्रकाश झा के हित में इन्हें एक सिरियल मिला जो दूरदर्शन पर प्रसारित होता था, सिरियल का नाम था “मुंगेरी के भाई नौरंगीलाल”. 1999 में “दिल क्या करे” से हिंदी फिल्मों की शुरुआत की, अपनी पहली फिल्म में राजपाल यादव ने स्कूल के चौकीदार की भूमिका अदा की थी. और आगे चलकर हास्य कलाकारी में अपना अस्तित्व बनाया.

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