70-80 के दशक में फिल्मी इंडस्ट्री पर राज करने वाली आशा पारेख के करोड़ों दीवाने थे. लेकिन उनका एक दीवाना ऐसा भी था जो उनके दुखी होने पर दुखी हो जाता था और मन ही मन उनसे प्यार करता था. लेकिन उस वक्त तो यह दीवाना फूट फूटकर रोने लगा जब इसने अपनी पसंदीदा आशा पारेख को सफेद साड़ी में लिपटे देखा.

ये और कोई नहीं बल्कि फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली हैं जो आशा पारेख पर फिदा थे और मानते थे कि आशा पारेख ने उनकी हीरोइन बनने के लिए ही जन्म लिया था लेकिन वो ही दुनिया में लेट आए. आशा पारेख से जुड़े भंसाली के इस किस्से का जिक्र आशा पारेख की ऑटोबायोग्राफी ‘द हिट गर्ल’ में किया गया है.

फिल्म 'कटी पतंग' में आशा पारेख को सफेद साड़ी में देख संजय लीला भंसाली फूट फूटकर रोए थे. वो परदे पर था लेकिन भंसाली मानने को तैयार नहीं थे और ऐसे रोए कि ना जाने उनकी हीरोइन को क्या हो गया हो? फिल्म में आशा पारेख का गमगीन अंदाज भंसाली बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे.

भंसाली आशा पारेख से तब प्यार करने लगे जब उन्होंने उनकी फिल्म 'प्यार का मौसम' देखी और वो भी मुंबई के अपने पसंदीदा इंपीरियल थियेटर में. कटी पतंग के गाने 'ना कोई उमंग है' में आशा पारेख को सफेद साड़ी में देख संजय खुब रोए.

भंसाली ना सिर्फ आशा पारेख की खूबसूरती और सादगी के कायल थे बल्कि उनके गहने, उनके पहनावे तक पर भंसाली का दिल आ गया था. उनकी ऑरेंज लिपस्टिक तक के भंसाली दीवाने थे. लेकिन एक फिल्म में आशा पारेख के साथ जो हुआ उसने भंसाली को अरुणा ईरानी से नफरत करने पर मजबूर कर दिया.

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