विज्ञापन से अभिनय के क्षेत्र में आने वाली अंजना सुखानी का जन्म जयपुर में हुआ था, जबकि पालन पोषण मुंबई में हुआ. उनकी बचपन से फिल्मों में आने की इच्छा नहीं थी, उन्होंने इंटरनैशनल बिजनैस स्कूल से मैनेजमैंट की पढ़ाई की और एक अच्छी जौब कर सैटल हो जाना चाहती थीं. पढ़ाई के दौरान ही उन्हें विज्ञापनों में काम मिलता गया. उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ एक विज्ञापन में काम किया है. उनकी बहन मीना सुखानी ने फिल्म ‘बचना ऐ हसीना’ में उन्हें मिनीषा लांबा की एक दोस्त के रूप में अभिनय करने का मौका दिया, जिस में काम करना उन्हें अच्छा लगा और धीरे धीरे वे फिल्मों में अभिनय की तरफ बढ़ गईं.
फिल्म ’सलामे इश्क’ उनके जीवन का टर्निंग पौइंट थी. कुछ दिनों पहले उनकी फिल्म ‘कौफी विद डी’ आई जिसे लेकर वह काफी उत्सुक थीं, क्योंकि यह एक अलग तरह की कौमेडी फिल्म है.
फिल्म ‘कौफी विद डी’ से आपने काफी लंबे समय बाद बौलीवुड में वापसी किया है, क्या है इसकी वजह?
यह एक कौमेडी फिल्म है, जिसमें मेरे साथ सुनील ग्रोवर हैं और मैं फिल्म में उन की पत्नी बनी हूं. यह अलग तरह की फिल्म है. मैं कुछ पारिवारिक कारणों से फिल्मों में नहीं आ पाई. इस के अलावा इस दौरान साउथ की कुछ फिल्में कर रही थी, साथ ही मुझे कोई रुचिपूर्ण स्क्रिप्ट भी नहीं मिली, इसलिए थोड़ा इंतजार करना पड़ा.
आप को किस तरह की फिल्में अधिक पसंद हैं? किस में आप को अधिक मेहनत करनी पड़ती है?
मुझे हर तरह की फिल्में पसंद हैं और मेहनत सब में लगती है. जब आप अपने इमोशन से हट कर अलग भूमिका निभाते हैं तो उस में घुसना मुश्किल होता है. कई बार आप किसी कारणवश दुखी हैं, लेकिन सीन्स आप को खुशी के करने पड़ते हैं. इमोशन लैवल पर एक कलाकार को अभिनय करना मुश्किल होता है.