‘‘लव जेहाद’’ और जबरन धर्म परिवर्तन का एक लड़की पर क्या असर होता है,इस विशय पर फिल्मकार विनोद तिवारी ने सोचने पर मजबूर करने वाली फिल्म ‘द कन्वर्जन‘ बनायी है,जिसे वह आठ अक्टूबर को देश के सिनेमाघरों में प्रदर्षित करना चाहते थें,लेकिन अफसोस की बात यह है कि सेंसर बोर्ड की लापरवाही के चलते ऐसा संभव ही नही हो पाया.हालात यह हैं कि ‘‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’’ यानी कि सेंसर बोर्ड ने अभी तक फिल्म ‘‘द कंवर्जन’’ को प्रमाणपत्र ही नही दिया है,जबकि फिल्म के निर्माताओं ने अपनी तरफ से सेंसर बोर्ड की मांग के अनुरूप सारे कागज,फिल्म व रकम समय पर ही अदा कर दी थी.

निर्माता ने अपनी फिल्म ‘‘द कंवर्जन’’ को ‘‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड ’’ से प्रमाणित करवाने के लिए  16 अगस्त को ही निवेदन कर दिया था.लेकिन यह फिल्म तभी से सेंसर बोर्ड के पास अटकी हुई है.सेंसर बोर्ड की परीक्षण समिति अब तक तीन बार फिल्म को देख चुका है.लेकिन सेंसर बोर्ड शायद खुद किसी निर्णय पर नही पहुॅच पा रहा है, इसीलिए अभी तक सेंसर बोर्ड ने फिल्म में दृश्यों या संवादों पर किसी भी आपत्ति के बारे में निर्माताओं को सूचित नहीं किया है.मगर सेंसर बोर्ड की लापरवाही का आलम यह है कि फिल्म के निर्माता व निर्देशक द्वारा बार बार गुहार लगाने और फिल्म क ेप्रदर्षन की तारीख के बारे में सूचित किए जाने के बावजूद सेंसर बोर्ड फिल्म ‘‘द कंवर्जन’’को पारित या अस्वीकार करने को लेकर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा है.अब तक फिल्म के निर्माता को सेंसर बोर्ड से इस संबंध में लिखित में कोई जवाब नही मिला है.

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आठ अक्टूबर की तारीख टलने के बाद अब फिल्म के निर्माता ‘‘द कंवर्जन’’को देशभर और विदेशों में 15 अक्टूबर को प्रदर्षन करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.पूरे भारत में सिनेमाघरों में प्रमोशन के लिए पोस्टर भेजे जा चुके हैं. सिनेमाघरों को तो ठीक कर दिया गया है, लेकिन ऐसे समय में सेंसर बोर्ड के निर्णय की कमी से फिल्म को भारी नुकसान हो सकता है.

फिल्म ‘द कन्वर्जन‘ के निर्माता का कहना है कि अगर फिल्म 15 अक्टूबर को प्रदर्षित नहीं होगी, तो इससे उन्हें करोड़ो का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा.इससे पहले भी निर्माता अपनी फिल्म के प्रदर्षन की तारीख दो बार बदल चुके हैं.मगर सेंसर बोर्ड का रवैया समझ से परे हैं.

बनारस के खूबसूरत घाटों पर फिल्माई गई फिल्म ‘‘द कंवर्जन’’ भारत में प्रेम विवाह के दौरान होने वाले धार्मिक रूपांतरणों की दुविधा की पड़ताल करती है.यानी कि यह फिल्म ‘लव जेहाद’ को लेकर है.इस फिल्म के संबंध में कुछ समय पहले निर्देशक विनोद तिवारी ने कहा था-‘‘यह कालेज की पृष्ठभूमि में एक त्रिकोणीय प्रेम कहानी है.किस एक लड़की ‘लव’ट्ैप में फंसती है,किस तरह प्रेम में पड़ती है और फिर किस किस पीड़ा से गुजरती है,उसकी इसी दर्दनाक यात्रा की दास्तान है फिल्म ‘‘द कंवर्जन’’.मैं आपसे साफ साफ कहता हॅूं कि हमारी यह फिल्म किसी भी जाति, किसी भी धर्म,किसी भी मजहब,किसी भी संप्रदाय के खिलाफ नही है.यह फिल्म एक पीड़ा है.यह फिल्म एक गंदी सोच के खिलाफ लड़ाई है.इंसान बुरा नही होता,इंसान की सोच बुरी होती है. ’’

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फिल्म ‘‘द कंवर्जन’’को अभिनय से संवारने वाले कलाकार हैं-विंध्या तिवारी, रवि भाटिया, प्रतीक शुक्ला, विभा छिब्बर, अमित बहल, मनोज जोशी, सुनीता रजवार, संदीप यादव, सुशील सिंह.

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