‘विक्की डोनर’ से लेकर ‘बरेली की बर्फी’ तक आयुष्मान खुराना ने काफी उतार चढ़ाव देखे हैं. उनकी कुछ फिल्में सफल तो कुछ असफल भी हुई. मगर उन पर असफल कलाकार का लेबल चस्पा नहीं हुआ. फिलहाल वह ‘शुभ मंगल सावधान’ को लेकर चर्चा में हैं, जिसमें उनका किरदार उनकी पहली फिल्म ‘विक्की डोनर’ से ठीक विपरीत है.

आपके करियर की शुरुआत बहुत अच्छी हुई थी. लेकिन बीच में कहां गड़बड़ हो गयी? क्या बीच में आपने फिल्म गलत चुन ली?

यदि हमें पहले से पता चल जाए कि कौन सी फिल्म सफल होगी, तो हम असफल होने वाली फिल्म क्यों चुनेंगे. अभी तक सफल फिल्म का फार्मुला सामने नहीं आया है .दूसरी बात मुझे रिस्क लेने में आनंद आता है. मेरी कोई रिस्क कामयाब होगी, कोई नही. इसी तरह से मेरा करियर चलता रहेगा. मैं रिस्क लेने से नही डरता. मैं पहले ‘एक्टर’ हूं, मेरा स्टार स्टेटस तो दर्शकों द्वारा मेरी फिल्में किस तरह से स्वीकार करते हैं, उस आधार पर बनेगा.

बौलीवुड में तो एक्टर की बजाय स्टार को ज्यादा अहमियत दी जाती है

ऐसा हमेशा होगा. पर हम हर बार टिपिकल स्टार वाला रास्ता नहीं अपना सकते. कुछ अलग एक्टर भी होंगे. कोई अमोल पालेकर या फारूख शेख भी होंगे. मैंने तो अलग राह अपनायी है. मैं हर फिल्म एक जैसी नहीं कर सकता. मेरी कुछ फिल्में बेहतरीन कंटेंट वाली होंगी, कुछ फिल्में किसी सामाजिक मुद्दे पर होंगी, तो कुछ फिल्में किसी टैबू को तोड़ने वाली होंगी. ऐसे में मेरी कुछ फिल्में लोगों को समझ में आएंगी. कुछ फिल्में लोगों को अच्छी लगेंगी. ऐसा होता रहेगा.

फिल्म बरेली की बर्फी के प्रदर्शन के हज 15 दिन में आपकी दूसरी फिल्म शुभ मंगल सावधान प्रदर्शित हो रही है.

मेरी जिंदगी में ऐसा पहला अनुभव हो रहा है. ‘दम लगा के हाइशा’ के बाद दो वर्ष तक मेरी एक भी फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई. पर अब 15 दिन में दो फिल्में आ रही हैं. जब तक कलाकार फिल्म से बड़ा न हो, तब तक फिल्म के प्रदर्शन को लेकर अंतिम निर्णय निर्माता का ही होता है. हर सुपरस्टार खुद तय करता है कि उसकी फिल्म की रिलीज की तारीख क्या हो. पर अभी मैं फिल्म से बड़ा नही हूं. ‘बरेली की बर्फी’ सोलो रिलीज हुई है. जबकि मेरी दूसरी फिल्म एक सितंबर को अजय देवगन व इमरान हाशमी की फिल्म ‘बादशाहो’ के संग रिलीज हो रही है. लेकिन उसके बाद के सप्ताहों में कोई बड़ी फिल्म नहीं है. तो मेरी समझ से ‘शुभ मंगल सावधान’ को अच्छा अवसर मिलेगा.

आपकी नजर में बरेली की बर्फीऔर शुभ मंगल सावधान में सबसे बड़ा अंतर क्या है?

आपने ‘बरेली की बर्फी’ देखी होगी, तो पाया होगा कि यह एक रौम कौम है. इसमें त्रिकोणीय प्रेम कहानी है. जबकि ‘शुभ मंगल सावधान’ समाज में टैबू माने जाने वाले इरेक्टाइल डिस्फंक्षन यानी कि अस्थायी नपुंसकता, जिसे कुछ लोग नामदर्गी भी कहते हैं, पर बात करती है. साथ में प्रेम कहानी भी है. मेरा दावा है कि ‘शुभ मंगल सावधान’ के प्रदर्शन के बाद लोग नपुंसकता पर खुलकर बात करना शुरू कर देंगे. लोगों को हमारी फिल्म का ट्रेलर काफी पसंद आया है.

शुभ मंगल सावधानका आफर मिलने पर आपके दिमाग में पहली प्रतिक्रिया क्या हुई थी?

इस फिल्म की पटकथा सुनकर मैं काफी प्रभावित हुआ था. मैंने 2012 में ‘विक्की डोनर’ की थी. अब उसके ठीक विपरीत नामर्दगी पर आधारित फिल्म का आफर है. ‘विक्की डोनर’ के ठीक विपरीत कांसेप्ट वाली फिल्म का मिलना मेरी उपलब्धि ही है. फिर जब पता चला कि इसी विषय परा तमिल भाषा में सफल फिल्म बन चुकी है, तो मेरा उत्साह बढ़ गया. पर मैंने मूल तमिल फिल्म आज तक नहीं देखी.

जिस विषय पर लोग बात नहीं करना चाहते, उसी विषय वाली फिल्म में अभिनय करते समय आपके मन में कोई हिचक रही?

जी नहीं. मेरे करियर की शुरूआत ही टैबू वाले विषय यानी कि स्पर्म डोनर की कहानी पर बनी फिल्म से हुई. शायद आप भी जानते होंगे कि ‘विक्की डोनर’ भी कई बड़े स्टार कलाकारों को आफर की गयी थी, सभी ने ठुकरा दिया, तब वह फिल्म मेरे पास आयी थी. अब ‘शुभ मंगल सावधान’ के साथ भी ऐसा ही हुआ. मैं तो वह फिल्में करता रहूंगा, जिन्हें बड़े कलाकार स्वीकार नहीं करेंगे. मैं तो वही फिल्म करुंगा, जो अलग किस्म की हों, जो फिल्म मुझे एक्साइट करे, लोगों को एक्साइट करे. यह फिल्म ऐसे विषय पर बनी है, जिस पर आज तक लोग खुलकर बात नहीं कर पाए. मजेदार बात यह है कि यह डाक्यूमेंटरी नहीं, बल्कि एक मनोरंजक फीचर फिल्म है. इसे पूरा परिवार एक सथ बैठकर देख सकेगा.

संगीत के क्षेत्र में क्या प्रगति है?

मैं अपनी फिल्मों में ही अवसर मिलने पर गीत गाता हूं. पर मैंने बीच में अपनी दो फिल्मों में नहीं गाया. ‘बरेली की बर्फी’ में एक गाना गया है. ‘शुभ मंगल सावधान’ में एक गाना ‘कान्हा..’ गाया है.

आप सिंगल गाने गा रहे हैं. इस तरह के गीतों को किस तरह का रिस्पांस मिलता है?

मैं टीसीरीज के साथ मिलकर ही सिंगल भी निकालता हूं. उनकी मार्केटिंग बहुत अच्छी है. तो हमेशा अच्छा रिस्पांस मिलता है. मेरे गाने युवा पीढ़ी ज्यादा पसंद करती है. म्यूजिकल कंसर्ट करता रहता हूं. गत वर्ष न्यूजीलैंड व कनाडा गया था. अभी सितंबर माह में मेरा म्यूजिकल कंसर्ट मुंबई और गोवा दोनों जगह होने वाला है. इस तरह पूरे वर्ष म्यूजिकल कंसर्ट का दौर भी चलता रहता है.

सोशल मीडिया पर आप काफी सक्रिय रहते हैं?

जी हां! मगर मेरा ट्विटर एकाउंट मेरी आने वाली फिल्म का इश्तहार नहीं बनता. मैं इससे थोड़ा दूर रहता हूं. मैं अपनी फिल्म के पोस्टर कम लगाता हूं. मैं नहीं चाहता कि ट्विटर पर मेरे फालोअर्स यह न समझे कि मैं खुद को बेच रहा हूं.

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