अपने फिल्मी कैरियर की पहली फिल्म ‘देव डी’ में आधुनिक चंद्रमुखी का किरदार निभा कर कल्की कोचलीन ने काफी शोहरत बटोरी थी. फिर फिल्म ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’ में एक अमीर परिवार की सिरफिरी लड़की के किरदार में भी उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया. फिल्म ‘शंघाई’ में वे एक सामाजिक कार्यकर्ता के किरदार में नजर आईं. इस के बाद फिल्म ‘हैप्पी एंडिंग’ में एक पुरुष के प्यार में पागल विशाखा के किरदार में दिखीं. लेकिन जैसे निजी जिंदगी में अनुराग कश्यप से शादी सफल नहीं हो पाई वैसे ही ‘हैप्पी एंडिंग’ में भी विशाखा को प्यार नहीं मिला.

पेश हैं, कल्की कोचलीन से हुई मुलाकात के कुछ अहम अंश:

अब तक की फिल्मों में किस फिल्म में कलाकार के तौर पर काम करने पर संतुष्टि मिली?

मुझे फिल्म ‘मार्गरीटा विथ ए स्ट्रा’ करने में सब से ज्यादा आनंद मिला. इस फिल्म की निर्देशक सोनाली बोस काफी बुद्धिमान और इमोशनल हैं. उन्होंने इस फिल्म में बहुत पैसा लगाया था. इस फिल्म को तमाम अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सराहा गया है. भारत में यह जनवरी, 2015 में रिलीज होगी.

फिल्म ‘मार्गरीटा विथ ए स्ट्रा’ के किरदार पर रोशनी डालेंगी?

इस फिल्म में मैं ने लैला का किरदार निभाया है, जो अपाहिज है. वह दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा भी रही है. न्यूयौर्क यूनिवर्सिटी में प्रवेश मिलने पर अपनी मां के साथ अमेरिका चली जाती है, जहां उसे खानुम (सयानी गुप्ता) से प्यार हो जाता है और फिर एक दिन खानुम उसे बिस्तर तक ले जाती है.

लैला को कई तरह के इमोशंस से गुजरना पड़ता है. यह एक बोल्ड किरदार है. वह बहुत ही ज्यादा ढीलेढाले कपड़े पहनती है. ऐसे कपड़े पहनती है, जिन में जिप नहीं होती, बटन नहीं होते. इस में न्यूडिटी भी है. यह गे किरदार भी है. इस फिल्म में सीमाओं से परे कुछ दिखाया गया है. भारतीय सैंसर बोर्ड इसे किस तरह लेगा, कुछ कह नहीं सकती.

लैला का किरदार निभाने के लिए किस तरह की ट्रेनिंग लेनी पड़ी?

मैं ने बहुत ट्रेनिंग ली, क्योंकि मुझे डर था कि यदि मैं ने इस किरदार के साथ न्याय नहीं किया, तो गलत हो जाएगा. मेरा ध्यान अपाहिजों के साथ न्याय करने पर केंद्रित था. हम उन्हें किसी भी तरह से गलत नहीं दिखाना चाहते थे. फिल्म की निर्देशिका सोनाली की बहन मनाली अपाहिज हैं. उन के साथ मैं ने बहुत काम किया. मैं उन के घर गई. कुछ दिन उन के साथ रही. उन के साथ घूमते हुए मैं ने यह जानने की कोशिश की कि दूसरे लोग उन के साथ किस तरह का व्यवहार करते हैं.

इस के अलावा मैं ने फिजियोथेरैपिस्ट और स्पीच थेरैपिस्ट के साथ भी काम किया. इस से मुझे समझ में आया कि हमारे शरीर के मसल्स किस तरह काम करते हैं. दिमाग और मसल्स के बीच संबंध जुड़ने में थोड़ा समय लगता है.

आप यह फिल्म करने के बाद क्या अपाहिजों के लिए कुछ करना चाहती हैं?

मैं ऐसे लोगों के लिए काम कर रही हूं. सोनाली बोस की बहन मनाली एडौप्ट सैंटर, जो मुंबई के बांद्रा में है, में काम करती हैं. मैं उन के साथ काम कर रही हूं.

जब हम इस फिल्म की शूटिंग के लिए न्यूयौर्क गए, तो वहां ऐसे लोगों के लिए जो सुविधाएं हैं, उन्हें देख कर हमें बहुत आश्चर्य हुआ. वहां व्हीलचेयर पर बैठे लोगों के लिए बस में चढ़ने के लिए अलग सुविधा होती है, अलग प्लेटफार्म बना होता है. हमारे देश में तो ऐसी कोई सुविधा है ही नहीं. वहां इतनी सुविधाएं हैं कि हर अपाहिज आत्मनिर्भर है.

फिल्म ‘मार्गरीटा विथ ए स्ट्रा’ में जो मुद्दे उठाए गए हैं, उन्हें भारतीय दर्शक किस तरह से लेंगे?

भारतीय दर्शक काफी समझदार हैं. भारतीय फिल्मकारों की समस्या है कि वे दर्शकों को बुद्धिमान नहीं मानते. यह मान कर चलते हैं कि दर्शक सिर्फ सलमान खान की कमर्शियल फिल्में देखना चाहते हैं. भारतीय दर्शक इस तरह की फिल्में इसलिए देखने जाते हैं, क्योंकि उन के पास दूसरी फिल्में देखने की चौइस ही नहीं होती. मुझे उम्मीद है कि दर्शक हमारी इस फिल्म को जरूर पसंद करेंगे. हो सकता है कि हमारे लिए इस फिल्म को छोटे शहरों तक पहुंचाना मुश्किल हो जाए.

क्या इंटैलिजैंट ऐक्ट्रैस की इमेज की वजह से आप को फिल्में कम मिलती हैं?

सब से बड़ा नुकसान यह हुआ है कि अभी तक मुझे किसी बड़ी कमर्शियल फिल्म में हीरोइन के रूप में बड़ा काम करने का मौका नहीं मिला. शायद फिल्म निर्माता सोचते हों कि मैं बहुत ज्यादा लोकप्रिय नहीं हूं. इसलिए वे मुझे बड़ी फिल्मों के औफर नहीं देते. मैं एक बेहतरीन कलाकार हूं, यह तो वे समझते हैं. पर बड़े बैनर की फिल्म तक पहुंचने में समय लगता है.

चर्चा है कि ‘मार्गरीटा विथ ए स्ट्रा’ के बाद आप फिल्म ‘जिया और जिया’ में लेस्बियन का ही किरदार निभा रही हैं?

गलत. यह फिल्म 2 लड़कियों की दोस्ती और उन की भावनाओं के बारे में है. मैं इस में एक जिंदादिल पंजाबी लड़की का किरदार निभा रही हूं. फिल्म में मेरे साथ रिचा चड्ढा हैं.

निजी जिंदगी में रोमांटिक होते हुए भी अनुराग कश्यप से अलगाव हो गया?

यह निर्णय करना बहुत कठिन रहा. हम एकदूसरे से बहुत प्यार करते हैं, पर एकसाथ रहना मुश्किल हो रहा था. इसलिए अलग हो कर मैं ने लेखन व अपने कैरियर पर ध्यान देना शुरू किया.

निजी जिंदगी में जब रिश्ता टूटता है, तो उस का कैरियर पर किस तरह से असर पड़ता है?

मैं अपनी निजी जिंदगी के अनुभवों के आधार पर कह सकती हूं कि मेरी सब से बड़ी गलती है कि मैं अपनी निजी जिंदगी को ले कर खुल कर बात करती थी. अब मेरी समझ में आ चुका है कि निजी जिंदगी की बातें सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए. अब मैं बहुत कम बात करती हूं.

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