मशहूर फिल्मकार सुनील दर्शन के बेटे शिव दर्शन अपने करियर की दूसरी फिल्म ‘एक हसीना थी एक दीवाना था’ को लेकर काफी उत्साहित हैं, जो कि 30 जून को सिनेमाघरों में पहुंच रही है. वैसे उनकी पहली फिल्म ‘कर ले प्यार कर ले’ तीन वर्ष पहले आयी थी और बॉक्स ऑफिस पर पानी भी नहीं मांगी थी.
शिव दर्शन ने अपनी पिछली फिल्म के समय की कमियों का विश्लेषण कर इस बार अपने पिता सुनील दर्शन के निर्देशन में ‘एक हसीना थी, एक दीवाना था’ में अभिनय किया है. वह खुद कहते हैं, ‘‘फिल्म की सफलता व असफलता दोनों के विश्लेषण काफी किए जाते हैं. हम जितना विश्लेषण करते हैं, उतनी ही ज्यादा कमियां नजर आती हैं. मुझे जो बात समझ में आयी, उस पर वर्कआउट किया और आगे बढ़ गया. पर इस बीच मेरे पास फिल्मों के जो ऑफर आ रहे थें, उनमें मुझे मेरा किरदार पसंद नहीं आ रहा था. तो कभी मुझे फिल्म से जुड़ी टीम समझ में नहीं आयी. इसलिए मैंने वे फिल्में नहीं की. एक फिल्म की असफलता के बाद मैं अपने करियर को बहुत सोच समझकर आगे ले जाना चाहता था.’’
शिव दर्शन बहुत ज्यादा सोच विचार करने में यकीन नहीं रखते हैं. वह कहते हैं, ‘‘मैं बहुत ज्यादा सोचता नही हूं. पटकथा पढ़ते समय मुझे लगा कि किरदार सही है, तो मैनें सोचा कि इसे करना चाहिए. इसके बाद निर्देशक ने मुझे जैसा समझाया वैसा मैंने किया. इस किरदार के लिए फिजीकली फिट होना जरूरी था, तो उसके लिए मैंने जिम वगैरह किया. देवधर शायराना अंदाज का इंसान है. इसके लिए मुझे अपनी जबान साफ करने के लिए उर्दू भाषा सीखनी पड़ी.’’