कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनका कोई अर्थ नहीं होता, उनको सिर्फ महसूस किया जा सकता है. अगर आप उनके बारे में सोचते हैं तो आपको कोई चित्र नहीं दिखता बल्कि, उस शब्द के एहसास से मन के अन्दर भावनाओं का एक तूफान उमड़ पड़ता है. ऐसा ही एक शब्द है ‘पापा’.
हम बचपन में कई बार उनकी सख्ती की वजह से पापा से गुस्सा भी होते हैं, उन्हें गलत भी समझ लेते हैं, मगर जब भी कोई परेशानी सामने आती है तो, ‘पापा’ सुनते ही दिल में ख्याल आता है कि सब ठीक हो जाएगा. इस शब्द के साथ ही सुरक्षा की भावना जुड़ी होती है.
बॉलीवुड में रिश्तों की नाजुक डोर से बंधी फिल्में एक समय का हिट फार्मूला थीं. आज भी ऐसी फिल्में दर्शकों को इमोशनल कर देती हैं. आज हम आपको बताएंगे ऐसी ही कुछ फिल्में जिनमें एक पापा और बेटी के रिश्ते को खूबसूरती से दिखाया गया है.
1. पीकू
फिल्म पीकू की कहानी पिता-पुत्री के रिश्ते को खूबसूरती के साथ फिल्मी परदे पर दिखाती है. एक चिड़चिड़े, बूढ़े और बचकानी हरकतों वाले पिता (अमिताभ बच्चन) को उसकी बेटी (दीपिका पादुकोण) किस तरह संभालती है, इसी के इर्द-गिर्द इस फिल्म की कहानी रची गई है. कभी-कभी मॉडर्न बेटी बूढ़े पिता की हरकतों पर झल्लाती भी है, इसके बाद भी पिता की फ़िक्र के आगे बेटी को ऑफिस और दुनियादारी नहीं दिखती.
2. मैं ऐसा ही हूं
इस फिल्म में अजय देवगन ने एक ऐसे पिता का रोल निभाया, जो मानसिक रोगी हैं. वो अपनी बेटी की कानूनी कस्टडी के लिए कानूनी लड़ाई लड़ते हैं और ये साबित करते हैं कि वो अपनी बेटी की ज़िम्मेदारी उठाने वाले एक जिम्मेदार पिता हैं. फिल्म में बाप-बेटी के मासूम रिश्ते पर एक गाना भी है ‘पापा मेरे पापा’ जो आपको भावुक कर देगा.
3. चाची 420
ये फिल्म 1977 में आई थी. इसमें चाची का किरदार कमल हसन ने निभाया है. फिल्म में एक पिता अपनी बेटी का ध्यान रखने के लिए नौकरानी बन जाते हैं. बाप-बेटी के रिश्ते के साथ-साथ बेहतरीन कॉमेडी के लिए भी इस फिल्म को देखा जा सकता है.
4. डैडी
साल 1989 में आई ये फिल्म बाप-बेटी के रिश्ते की कहानी है. फिल्म में पूजा भट्ट और अनुपम खेर हैं और इसका निर्देशन, महेश भट्ट ने किया था. फिल्म में पूजा 17 साल की एक लड़की का किरदार निभाती हैं. फिल्म में जब सारा जमाना पिता के खिलाफ होता है तब बेटी सिर्फ इस विश्वास पर उसके साथ खड़ी होती है कि उसका पिता इंसान बुरा हो सकता है मगर पिता बुरा नहीं हो सकता. इस फिल्म की एक गजल ‘आईना मुझसे मेरी पहली सी सूरत न मांग’ आज भी मशहूर है.
5. पिता
साल 2002 में आई फिल्म ‘पिता’ में संजय दत्त मुख्य भूमिका में हैं. फिल्म में दिखाया गया है कि एक पिता, जिसकी 9 साल की मासूम बच्ची को बुरी तरह पीटकर उसका रेप किया जाता है, किस तरह अपनी बेटी के लिए भ्रष्ट व्यवस्था और धूर्त लोगों से लड़ता है.
आम तौर पर पिता और पुत्री के रिश्ते पर बनी हर फिल्म में एक बात समान होती है कि पिता शुरुआत में भले नायक की भूमिका में हो या खलनायक की, मगर अंत में उसे अपने अपने बच्चों या बेटी का भरोसा और प्यार दोनों ही मिल जाते हैं.