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1988 में रिलीज हुई सलमान खान की डेब्यू फिल्म 'बीवी हो तो ऐसी' में सलमान खान ने एक नेगेटिव रोल प्ले किया था. सलमान खान नहीं चाहते थे कि ये फिल्म हिट हो. दरअसल, अपने पिता सलीम खान की बौलीवुड में इतनी पहचान होते हुए भी उन दिनों सलमान फिल्मों में काम करने के लिए तरस रहे थे. सलमान खान पर बचपन से ही हीरो बनने का जुनून सवार था.
हीरो बनने के खातिर उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. उन दिनों सलमान खान ने कई प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के घर चक्कर लगाए, लेकिन हर कोई उन्हें रिजेक्ट करता रहा. ऐसे में 1988 में डायरेक्टर जे.के बिहारी ने फिल्म ‘बीवी हो तो ऐसी’ बनाने का मन बनाया. इस फिल्म के लिए उन्होंने रेखा और फारुख शेख को लीड रोल के लिए साइन किया. बिहारी को इस फिल्म के लिए एक ऐसे लड़के की तलाश थी जिसे इंडस्ट्री में कोई नहीं जानता हो.
बिहारी ने उस दौरान कई अभिनेताओं का इंटरव्यू लिया, लेकिन बिहारी किसी से खुश नहीं हुए. ऐसे में बिहारी को समझ नहीं आ रहा था वो क्या करें. एक दिन उन्होंने ऐसे ही कह दिया कि जो पहला शख्स इस बिल्डिंग में एंट्री करेगा, वो ही उनकी फिल्म में काम करेगा. संयोगवश उस समय सलमान किसी काम से उस बिल्डिंग में पहुंच गए.
उन्हें देखते ही बिहारी ने कहा लो मिठाइ खाओ तुम्हें इस फिल्म में काम करना है. पहले तो डायरेक्टर की बात सुनकर सलमान को विश्वास नहीं हुआ कि उन्हें फिल्म औफर की जा रही है. सलमान ने तुरंत फिल्म शूट की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन दिक्कत बस एक थी सलमान हीरो बनना चाहते थे और फिल्म में उनका रोल विलेन टाइप का था. जब फिल्म रिलीज हुई तो सलमान नहीं चाहते थे कि ये हिट हो, क्योंकि वह अपनी छवि खराब नहीं करना चाहते थे. लेकिन फिल्म को दर्शकों ने पसंद किया. इतना ही नहीं इस फिल्म ने एक ही थियेटर में लगातार 100 दिन चलने का रिकौर्ड भी अपने नाम कर लिया.
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